##पलामू ##मेदिनीनगर | पर्यावरण धर्मगुरु ने लिया संकल्प – अब हर खास दिन पर होगा अनाथालय सेवा और पौधरोपण
- डॉ कौशल ने थाईलैंड प्रजाति के आम का पौधा लगाकर मनाया खास दिन
- बढ़ते जलवायु संकट पर जताई चिंता, कहा– अपनाना होगा ‘पर्यावरण धर्म’
- हर खुशी के मौके पर अनाथालय जाकर बच्चों को भोजन कराने का लिया निर्णय
- 10 मई को कई ऐतिहासिक अभियानों और आंदोलनों की भी दी यादें
- 71 राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं डॉ कौशल
आकाश बाग में ‘पर्यावरण धर्म’ के साथ यादगार बना विशेष दिन
मेदिनीनगर (पलामू)। शहर के बाईपास रोड स्थित केपीजे कॉम्प्लेक्स के पीछे पर्यावरण भवन के आकाश बाग और छतरपुर के कुंडली गांव में एक अनूठे आयोजन के तहत पर्यावरण धर्मगुरु डॉ कौशल किशोर जायसवाल ने अपने बड़े पुत्र अरुण कुमार जायसवाल के जन्मदिन और शादी की सालगिरह पर पौधरोपण कर इस दिन को स्मरणीय और प्रेरणादायक बना दिया।
उन्होंने थाईलैंड प्रजाति के आम का पौधा लगाते हुए सभी लोगों को ‘पर्यावरण धर्म’ के आठ मूल मंत्रों की शपथ दिलाई।
“अगर हमें जलवायु परिवर्तन, बढ़ती गर्मी और ऑक्सिजन संकट से बचना है, तो अब पर्यावरण धर्म अपनाना ही होगा।” — डॉ कौशल किशोर जायसवाल
अनाथालय में बच्चों को कराया जलपान, लिया संकल्प
इस खास अवसर पर डॉ कौशल ने शहर के अनाथालय में बच्चों को जलपान कराया और संकल्प लिया कि घर में भविष्य में किसी भी सदस्य के जन्मदिन या अन्य खुशी के मौके पर वे अनाथालय जाएंगे और बच्चों को भोजन कराएंगे।
पर्यावरण धर्मगुरु डॉ कौशल ने बताया कि उनके जीवन में 10 मई का दिन बेहद खास रहा है।
- 2005 में आकाश बाग का निर्माण इसी दिन किया
- 1967 में जंगल बचाओ अभियान के तहत ट्रेंच खोदने का कार्य शुरू किया
- 2008 में सुंदरलाल बहुगुणा के साथ परमाणु विरोधी धरना बोधगया में दिया
- 10 मई को कोसी नदी के पुनर्वास आंदोलन की शुरुआत पटना से की
- 2009 में तीन दिवसीय धरना चेंगवना धाम पर दिया
- 2023 में तीन अनाथ लड़कियों की शादी अपने खर्च पर कराई
परिवार और समाज का मिला सहयोग
कार्यक्रम में मुखिया पूनम जायसवाल ने जीवन के इस विशेष अवसर पर सभी शुभचिंतकों और सहयोगियों के प्रति आभार जताया।
प्रो. अरुण कुमार जायसवाल ने कहा कि वे अब हर खुशी के मौके पर अनाथालय जाकर बच्चों को भोजन कराएंगे, जिससे उनके जीवन में भी सेवा और संवेदना बनी रहे।
जिला पार्षद अमित कुमार जायसवाल ने कहा कि उनके पिता डॉ कौशल ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में जो योगदान दिया है, वह प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने बताया कि डॉ कौशल की जीवनी वर्ष 2010 से बच्चों को पढ़ाई जा रही है और उन्हें अबतक 71 राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सम्मान मिल चुका है।
न्यूज़ देखो : प्रेरणा और पर्यावरण संरक्षण की आवाज़
‘न्यूज़ देखो’ आपके आसपास की उन कहानियों को सामने लाता है जो समाज में सकारात्मकता और चेतना का संचार करती हैं। पर्यावरणविद डॉ कौशल का यह प्रयास केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक आंदोलन है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रकृति से जोड़ने की सीख देता है।
आइए, ऐसे प्रयासों से जुड़ें और ‘पर्यावरण धर्म’ को अपनाएं।