
#पलामू #सामाजिकजागरूकता — अरविंद कुमार के नेतृत्व में चला जनजागृति अभियान, युवाओं से भाईचारे और समानता की अपील
- पलामू में कांग्रेस सेवादल यंग ब्रिगेड ने चलाया सामाजिक जागरूकता अभियान
- अभियान का उद्देश्य जातिगत भेदभाव मिटाकर इंसानियत को बढ़ावा देना
- प्रदेश अध्यक्ष विक्रमजीत सिंह ने किया प्रेरणादायक संबोधन
- युवाओं से सोशल मीडिया के माध्यम से भाईचारे का संदेश फैलाने की अपील
- समानता, एकता और लोकतंत्र की मजबूती पर दिया गया जोर
जात-पात के खिलाफ जागरूकता की नई लहर
पलामू में कांग्रेस सेवादल यंग ब्रिगेड अध्यक्ष अरविंद कुमार ने एक विशेष जनजागृति अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का उद्देश्य है— “जात-पात मिटाओ, इंसानियत बचाओ”। यह पहल सामाजिक समरसता, मानवता और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए एक सकारात्मक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
प्रदेश अध्यक्ष विक्रमजीत सिंह का संबोधन
इस अभियान के शुभारंभ के मौके पर झारखंड प्रदेश अध्यक्ष विक्रमजीत सिंह ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा:
विक्रमजीत सिंह ने कहा: “जात-पात जैसी संकीर्ण सोच हमें बाँटती है, जबकि इंसानियत हमें जोड़ती है। अगर हमें एक सशक्त, समतामूलक और विकसित समाज बनाना है, तो सबसे पहले हमें जाति के बंधनों से ऊपर उठना होगा।”
उन्होंने आम लोगों से जातिगत भेदभाव को बढ़ावा न देने, हर व्यक्ति को इंसान के रूप में देखने, और समान अधिकार देने की अपील की।
युवाओं को बनाया गया अभियान का हिस्सा
अरविंद कुमार ने इस अभियान में युवाओं की भूमिका को सबसे महत्वपूर्ण बताते हुए उन्हें सोशल मीडिया के जरिए “भाईचारे, समता और न्याय” का संदेश फैलाने को कहा। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा:
अरविंद कुमार ने कहा: “आज ज़रूरत है एकजुट होने की, न कि बँटने की। जब जाति मिटेगी, तभी सच्चा लोकतंत्र फलेगा।”
उनके अनुसार युवाओं की ऊर्जा और तकनीकी पहुँच से सामाजिक जागरूकता को एक नई दिशा मिल सकती है।
अभियान के संदेश का व्यापक असर
इस पहल को लेकर स्थानीय लोगों और युवाओं में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखी गई है। लोग अब जाति-धर्म से ऊपर उठकर मानवता के मूल्यों को अपनाने की आवश्यकता पर चर्चा कर रहे हैं। यह अभियान न सिर्फ सामाजिक समरसता को बढ़ावा देगा, बल्कि राजनीतिक चेतना और लोकतंत्र की मजबूती में भी मददगार साबित होगा।
न्यूज़ देखो: एकता और इंसानियत के सूत्रधार बनते युवा
पलामू से शुरू हुआ यह अभियान हमें बताता है कि बदलाव की शुरुआत सोच से होती है। जब युवा जात-पात के विरुद्ध आवाज़ उठाते हैं और इंसानियत की बात करते हैं, तो सत्ता भी जवाबदेह होती है और समाज भी जागरूक। न्यूज़ देखो हर उस पहल के साथ है, जो समावेशी और समतामूलक भारत की दिशा में उठता है।
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