#रांची #आंगनबाड़ीसेविकाप्रदर्शन : कम मानदेय, स्थायीकरण और पेंशन की मांग को लेकर झारखंड की सेविका-सहायिकाएं जयपाल सिंह स्टेडियम से राजभवन तक निकालीं रैली — भारी बारिश के बीच किया प्रदर्शन
- भारी बारिश में छाता लेकर सड़कों पर उतरीं हजारों सेविका-सहायिका
- राजभवन के समक्ष केंद्र-राज्य सरकार के खिलाफ किया जोरदार प्रदर्शन
- मानदेय, स्थायीकरण और श्रम कानूनों को लेकर जताई नाराजगी
- सभा का नेतृत्व झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी कर्मचारी सभा ने किया
- सुरक्षा बलों को प्रदर्शन नियंत्रित करने में करनी पड़ी मशक्कत
बारिश भी नहीं रोक सकी सेविकाओं की हिम्मत
रांची: झारखंड की आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाएं अपनी लंबित मांगों के समर्थन में मंगलवार को भारी बारिश के बीच भी राजभवन के समक्ष प्रदर्शन के लिए डटी रहीं। हजारों की संख्या में छाता लेकर पहुंची सेविकाओं ने राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और अपनी मांगों को लेकर आरपार की लड़ाई का ऐलान कर दिया।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार बेहद कम मानदेय पर हमसे काम करा रही है, और हर आंदोलन के बाद सिर्फ झूठा आश्वासन देती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस बार हम पीछे हटने वाले नहीं हैं।
प्रदर्शन का नेतृत्व कांग्रेस नेत्री सुंदरी तिर्की ने संभाला
इस धरना-प्रदर्शन का नेतृत्व झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी कर्मचारी सभा की महामंत्री सह कांग्रेस नेत्री सुंदरी तिर्की ने किया। उन्होंने केंद्र सरकार पर फंड में कटौती का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार सेविकाओं को समय पर मानदेय नहीं दे पा रही, और मानदेय में वृद्धि भी नहीं कर पा रही है।
सुंदरी तिर्की ने कहा: “आज की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में झारखंड की सभी सेविका-सहायिकाएं शामिल हुई हैं। केंद्र सरकार चार श्रम कोड को वापस ले, और हमारी सभी मांगों को तुरंत लागू करे।”
जुलूस से लेकर राजभवन तक गरजीं आवाजें
प्रदर्शनकारियों ने जयपाल सिंह स्टेडियम से जुलूस निकाला, जो कचहरी होते हुए राजभवन तक पहुंचा। इस दौरान सुरक्षा कर्मियों को भीड़ को नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। सेविकाएं राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात की जिद पर अड़ी रहीं। हालांकि, सुरक्षाकर्मियों के समझाने के बाद मामला शांत हुआ।
मांगें पूरी नहीं हुईं तो संसद का घेराव
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया, तो वे आने वाले दिनों में संसद का घेराव करेंगी। उनकी प्रमुख मांगों में सेविका-सहायिका का स्थायीकरण, वेतनमान और पेंशन योजना की मांग प्रमुख हैं। साथ ही चार नए श्रम कानूनों को रद्द करने की मांग भी शामिल है।
प्रदर्शन में हजारों सेविकाएं रहीं शामिल
इस प्रदर्शन में मेना खातून, सूर्यमणि उरांव, रीना देवी, सुनीता देवी, चंचला भोक्ता, अंजलि लकड़ा, सरिता देवी, सरोज तिर्की, बसंती देवी जैसी प्रमुख सेविकाएं भी शामिल रहीं। प्रदर्शन ने यह साफ कर दिया कि सेविकाएं अब सिर्फ वादे नहीं, ठोस फैसले चाहती हैं।
न्यूज़ देखो: हक की लड़ाई में अडिग महिला शक्ति
भीगते बदन, भीगे वस्त्र लेकिन मजबूत इरादे — राजभवन के सामने आंगनबाड़ी सेविकाओं का प्रदर्शन सरकार को आईना दिखाने वाला संदेश था। यह तस्वीर झारखंड की महिला शक्ति के साहस और दृढ़ता की मिसाल है। न्यूज़ देखो यह मानता है कि हर नागरिक को उसके अधिकार के लिए संघर्ष का हक है, और हम इस लड़ाई की हर आवाज को मंच देंगे।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
नागरिकों की भागीदारी से ही बनेगा जवाबदेह तंत्र
आप भी समाज में हो रहे अन्याय और अनदेखी के खिलाफ सजग बनें। इस खबर को शेयर करें, सेविकाओं की आवाज को आगे बढ़ाएं, और अपने आस-पास की ऐसी घटनाओं पर नज़र रखते हुए सरकार को जवाबदेह बनाने में योगदान दें।