
#दुमका #साइबर_ठगी : सालजोरा बंदरी गांव में 12 मोबाइल फोन के साथ युवक पकड़ा गया – मोबाइल क्लोनिंग और ऑनलाइन ठगी से जुड़ा मामला सामने आया
- सालजोरा बंदरी गांव में संदिग्ध रूप से घूम रहे युवक को ग्रामीणों ने पकड़ा।
- युवक की पहचान बांका (बिहार) निवासी सचिन कुमार के रूप में हुई।
- तलाशी में 12 मोबाइल फोन और कई सिम कार्ड बरामद किए गए।
- पूछताछ में युवक ने कबूला कि वह फर्जी ऐप और लिंक भेजकर ठगी करता था।
- ठगी की रकम अमेजन पे अकाउंट से ट्रांसफर कर 30% कमीशन पर दूसरों के खातों में भेजी जाती थी।
दुमका जिले के सालजोरा बंदरी गांव में शनिवार को एक सनसनीखेज मामला सामने आया, जब ग्रामीणों ने संदिग्ध रूप से घूम रहे एक युवक को पकड़ा। उसकी तलाशी लेने पर 12 मोबाइल फोन, कई सिम कार्ड और डिजिटल डिवाइस बरामद किए गए। युवक की पहचान बांका जिला निवासी सचिन कुमार के रूप में हुई है।
मोबाइल क्लोनिंग से जुड़ी थी ठगी की साजिश
थाना पुलिस के अनुसार, सचिन से पूछताछ के दौरान यह खुलासा हुआ कि वह फर्जी मोबाइल ऐप और लिंक भेजकर लोगों के फोन क्लोन करता था और उनके खातों से पैसे निकालता था। वह अपने साथियों के साथ मिलकर साइबर ठगी का संगठित नेटवर्क चला रहा था।
सचिन कुमार ने पुलिस को बताया: “हम लोग लिंक भेजकर मोबाइल एक्सेस लेते थे, फिर अकाउंट से ट्रांजेक्शन कर अमेजन पे में पैसा डालते थे। कुछ रकम मार्केटिंग में खर्च होती थी और बाकी 30% कमीशन पर दूसरों के खातों में भेज दी जाती थी।”
सूचना मिलते ही थाना पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। जांच में मिले मोबाइल और सिम कार्ड को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा, ताकि यह पता चल सके कि कितने लोगों को इस गिरोह ने निशाना बनाया था।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी के गिरोह में बांका, भागलपुर और दुमका जिले के कई युवक शामिल हो सकते हैं। इनके नेटवर्क का दायरा झारखंड और बिहार दोनों राज्यों में फैला है। पुलिस ने अब तक कुछ बैंक खातों और अमेजन पे अकाउंट्स को ट्रेस किया है, जिनसे ठगी की रकम गुजरी थी।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि जल्द ही साइबर सेल की टीम को जांच में जोड़ा जाएगा और संबंधित बैंक व पेमेंट गेटवे कंपनियों से सहयोग लिया जाएगा।
न्यूज़ देखो: ठगी के डिजिटल जाल का पर्दाफाश
यह मामला दिखाता है कि साइबर ठगी अब गांव-गांव तक फैल चुकी है, और अपराधी नई तकनीक के सहारे लोगों की मेहनत की कमाई हड़प रहे हैं। ऐसे मामलों में सतर्कता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।
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सतर्क नागरिक ही सुरक्षित समाज की पहचान
डिजिटल युग में जागरूक रहना अनिवार्य है। अनजान लिंक या ऐप डाउनलोड न करें, किसी के साथ अपने बैंक या ओटीपी डिटेल साझा न करें।
साइबर अपराध रोकने में आपकी सतर्कता ही पहला कदम है।
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