
#Medininagar #FakeCertificateScam : IAS अधिकारी के हस्ताक्षर से बने फर्जी दस्तावेज
- पलामू के मेदिनीनगर में फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाले गिरोह का खुलासा हुआ।
- गिरोह में शामिल एक आरोपी परवेज इरफान को नगर निगम की कार्रवाई में गिरफ्तार किया गया।
- सीनियर IAS अधिकारी के हस्ताक्षर का गलत इस्तेमाल कर बनाए जा रहे थे जाली प्रमाण पत्र।
- छापेमारी में बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज, मोहरें और उपकरण जब्त किए गए।
नगर निगम की कार्रवाई में बड़ा खुलासा
मेदिनीनगर नगर निगम की टीम ने एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो जाली प्रमाण पत्र और मार्कशीट बनाने का अवैध धंधा चला रहा था। इस कार्रवाई में नगर निगम ने 2012 का एक जन्म प्रमाण पत्र बरामद किया, जिस पर एक सीनियर IAS अधिकारी के हस्ताक्षर का दुरुपयोग किया गया था। खास बात यह है कि यह अधिकारी 2018 बैच के हैं, यानी जब यह सर्टिफिकेट तैयार किया गया था, तब वे नौकरी में भी नहीं थे।
आरोपी के पास से मिली बड़ी मात्रा में फर्जी दस्तावेज
गुप्त सूचना पर सहायक नगर आयुक्त विश्वजीत कुमार ने छापेमारी की और आरोपी परवेज इरफान को मौके पर गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से कई जाली प्रमाण पत्र, नकली मोहरें और दस्तावेज बनाने के उपकरण बरामद किए गए हैं।
सहायक नगर आयुक्त विश्वजीत कुमार ने कहा: “नगर निगम के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।”
गिरोह की पहुंच और साजिश पर जांच
जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और फर्जी दस्तावेज तैयार कर लोगों को गुमराह कर रहा था। पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की गहन जांच में जुट गई है और अन्य शामिल लोगों की तलाश की जा रही है।
न्यूज़ देखो: फर्जीवाड़ा रोकना प्रशासन की बड़ी चुनौती
इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि कैसे प्रशासनिक हस्ताक्षर और मोहरों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा रहा है। डिजिटल सिस्टम और पारदर्शी प्रक्रियाओं की सख्त जरूरत है ताकि इस तरह के घोटालों पर रोक लगाई जा सके। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सतर्क रहें, जागरूक बने रहें
फर्जी दस्तावेजों का उपयोग न केवल अपराध है बल्कि समाज के विश्वास को भी कमजोर करता है। ऐसे मामलों की सूचना तुरंत प्रशासन को दें। कमेंट में अपनी राय बताएं और खबर को शेयर करें।