#नकलीदवाकांड #मेदिनीनगर #हॉस्पिटलघोटाला – 18 दवाएं फेल, स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर सवाल, आजसू पार्टी ने CBI-ED जांच की मांग की
- MMC अस्पताल में 62 दवाओं की आपूर्ति, 20 की जांच के बाद 18 दवाएं निकली नकली या घटिया गुणवत्ता वाली
- सिविल सर्जन द्वारा सिर्फ दवा वापस लेने की बात, कार्रवाई पर चुप्पी
- आजसू पार्टी के सतीश कुमार ने सिविल सर्जन और सप्लायर की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की
- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मामले में त्वरित हस्तक्षेप और सीबीआई जांच की मांग
- सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठा भरोसे का बड़ा सवाल
नकली दवा कांड से दहला मेदिनीनगर, जनता की जान से हुआ खिलवाड़
पलामू प्रमंडल के सबसे बड़े अस्पताल एमएमसीएच मेदिनीनगर में नकली और घटिया गुणवत्ता की दवाएं सप्लाई करने का बड़ा मामला सामने आया है।
62 तरह की दवाएं सप्लाई की गईं, जिनमें से 20 दवाओं को जांच के लिए कोलकाता की सेंट्रल लैब भेजा गया था, और चौंकाने वाली बात यह है कि 18 दवाएं नकली या कम गुणवत्ता वाली पाई गई हैं।
सिविल सर्जन पर गंभीर आरोप, कार्रवाई की बजाय दवा लौटाने की कोशिश
सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार सिंह की ओर से महज दवा वापस लेने की बात कहकर मामले को हल्के में लिया जा रहा है।
इस पर आजसू पार्टी के केन्द्रीय सचिव सतीश कुमार ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
“नकली दवा आपूर्ति करने वाली हत्यारी कंपनियों पर अब तक FIR तक दर्ज नहीं किया गया है। जब करोड़ों की दवा कमीशन के तहत खरीदी जाती है, तो कार्रवाई कैसे होगी?”
जांच की मांग, दोषियों की गिरफ्तारी की अपील
सतीश कुमार ने कहा कि यह केवल घोटाला नहीं, बल्कि जनता की जान से खिलवाड़ है। उन्होंने झारखंड सरकार से मांग की कि:
- सिविल सर्जन को तुरंत बर्खास्त किया जाए
- सप्लाई करने वाली कंपनियों पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज हो
- CBI या ED से मामले की जांच कराई जाए
- राज्यपाल और ED कार्यालय से मिलकर मुद्दा उठाया जाएगा
‘न्यूज़ देखो’ की अपील: जनहित में सख्त कार्रवाई ही है भरोसे की बहाली का रास्ता
‘न्यूज़ देखो’ यह मानता है कि इस प्रकार की घटनाएं केवल स्वास्थ्य तंत्र की विफलता नहीं, बल्कि जनता की सुरक्षा और विश्वास पर सीधा प्रहार हैं।
सरकार को जल्द से जल्द दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
जनता को भी जागरूक रहना चाहिए और ऐसे मामलों में आवाज़ बुलंद करना चाहिए।