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गढ़वा के चितरी गांव में पारिवारिक विवाद बना जानलेवा, पति-पत्नी ने खाया जहर, पत्नी की मौत

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#विशुनपुरा #आत्महत्या_प्रयास — तीन साल और चार महीने की दो बच्चियों के सामने माता-पिता ने खाया कीटनाशक, महिला की मौत, पति की हालत नाजुक
  • चितरी गांव में पति-पत्नी ने कीटनाशक खाकर आत्महत्या का किया प्रयास
  • 30 वर्षीय सबिता देवी की इलाज के दौरान मौत, पति गंभीर हालत में रेफर
  • दोनों बच्चियों के सामने घटना से गांव में मचा हड़कंप
  • गुजरात से लौटने के कुछ ही देर बाद घटना को दिया अंजाम
  • दरवाजा तोड़कर ग्रामीणों ने दोनों को अस्पताल पहुंचाया

आपसी विवाद के बाद आत्मघाती कदम, पत्नी की मौत

गढ़वा जिले के विशुनपुरा थाना क्षेत्र के चितरी गांव से मंगलवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां आपसी विवाद के बाद एक पति-पत्नी ने कीटनाशक खा लिया।
इसमें 30 वर्षीय सबिता देवी की मौत हो गई, जबकि उसके पति रामबली रजवार की हालत गंभीर है। घटना से गांव में मातम पसरा हुआ है।

मासूम बच्चियों के सामने माता-पिता ने खाया जहर

मिली जानकारी के अनुसार रामबली रजवार और उसकी पत्नी सबिता देवी ने अपने तीन वर्षीय और चार माह की दो बेटियों के सामने एक कमरे में बंद होकर केले के साथ कीटनाशक दवा खा ली।
घटना के समय जब बच्चियों ने देखा कि उनके माता-पिता उल्टी कर रहे हैं, तो हल्ला मचाया।
स्थानीय लोग दौड़े और दरवाजा तोड़कर दोनों को अनुमंडल अस्पताल लाया, जहां चिकित्सकों ने सबिता देवी को मृत घोषित कर दिया।

गुजरात से लौटने के कुछ ही देर बाद लिया आत्मघाती फैसला

परिवार के छोटे भाई ने बताया कि रामबली रजवार मंगलवार सुबह लगभग 7 बजे गुजरात के जामनगर से घर लौटा था।
वह और उसकी पत्नी करीब 20 मिनट तक कमरे में रहे, फिर दोनों बच्चियों को लेकर बाहर निकले और आधे घंटे बाद लौटकर खुद को कमरे में बंद कर लिया।
कुछ ही देर में बच्चियों की चीख-पुकार पर ग्रामीण पहुंचे और घटना की जानकारी मिली।

पति की हालत गंभीर, शव भेजा गया पोस्टमार्टम के लिए

रामबली रजवार की स्थिति अभी भी चिंताजनक बताई जा रही है और उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया है।
पुलिस ने सबिता देवी के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
विशुनपुरा थाना पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

न्यूज़ देखो: पारिवारिक तनाव की अनदेखी बन सकती है जानलेवा

यह हृदयविदारक घटना हमें एक बार फिर सोचने को मजबूर करती है कि पारिवारिक विवाद और मानसिक तनाव को समय पर समझना और सुलझाना कितना आवश्यक है।
गरीबी, दूर रहना, मानसिक अवसाद जैसी समस्याएं, अगर समय पर संवाद से हल न हों, तो यह आत्मघात जैसा भयावह रूप ले सकती हैं।
न्यूज़ देखो ऐसे मामलों को सामने लाकर **जनता, प्रशासन और समाज को सजग करने का कार्य कर रहा है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

मानसिक तनाव को छुपाएं नहीं, मदद लें — यही है जिम्मेदार नागरिकता

पारिवारिक तनाव या अवसाद की स्थिति में मौन न रहें
अपने दोस्तों, परिवार, विशेषज्ञों या हेल्पलाइन से बात करें।
यदि आप या आपके आस-पास कोई ऐसी स्थिति में है, तो उसे अकेला न छोड़ें
इस खबर पर अपनी राय दें, इसे शेयर करें और दूसरों को भी जागरूक बनाएं।

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