
#गढ़वा #हमला : पारिवारिक विवाद के बीच बेकाबू भीड़ ने पुलिस और मायके पक्ष को बनाया निशाना
- गुरदी गांव में पारिवारिक विवाद से भड़का माहौल।
- बंधक बने परिजनों को छुड़ाने पहुंची पुलिस पर ग्रामीणों ने हमला किया।
- पुलिसकर्मी और मायके पक्ष के लोग मिलाकर करीब 12 लोग घायल।
- पुलिस की तत्परता से मोब लिंचिंग जैसी बड़ी घटना टली।
- गांव में तनाव बरकरार, अतिरिक्त पुलिस बल तैनात।
गढ़वा जिले के गुरदी गांव में रविवार को एक पारिवारिक विवाद ने इतना विकराल रूप ले लिया कि पुलिस तक को निशाना बनना पड़ा। तकसीर खान और उसकी पत्नी रकीबा खातून के बीच चल रहे लंबे विवाद ने अचानक पूरे गांव का माहौल बिगाड़ दिया। मायके पक्ष को समझाने के लिए आए परिजनों पर ग्रामीणों ने हमला बोल दिया और मामला इतना गंभीर हो गया कि उन्हें जिंदा जलाने तक की कोशिश की गई। स्थिति को संभालने पहुंची पुलिस टीम पर भी हमला हुआ, जिसमें पुलिसकर्मियों सहित कुल 12 लोग घायल हो गए।
दंपति का विवाद बना तनाव का कारण
गुरदी गांव निवासी 27 वर्षीय तकसीर खान की शादी वर्ष 2016 में चंद्रपुरा गांव निवासी 22 वर्षीय रकीबा खातून से हुई थी। शुरुआती वर्षों में सबकुछ सामान्य रहा, लेकिन बाद में दोनों के बीच लगातार विवाद बढ़ने लगे और मामला कोर्ट तक पहुंच गया। समझौते के बाद तकसीर फिर से रकीबा से मिलने-जुलने लगा, लेकिन बीते शनिवार रात फिर से विवाद बढ़ गया और तकसीर ने पत्नी के साथ मारपीट की। आहत रकीबा ने तुरंत मायके वालों को सूचना दी।
रविवार सुबह उसके पिता जाहिद आलम खान, भाई समीर खान, सैफ अली खान और मां सबील बीबी गुरदी पहुंचे। वे दोनों पक्षों में सुलह कराने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन इसी बीच गांव के लोग इकट्ठा होकर आक्रोशित हो उठे।
भीड़ ने मायके पक्ष को बनाया निशाना
जैसे ही रकीबा के परिजन तकसीर के घर पहुंचे, ग्रामीणों ने अचानक उन पर हमला कर दिया। हालत बिगड़ने पर रकीबा और उसके परिजन किसी तरह घर के अंदर जाकर छिप गए। लेकिन गुस्साई भीड़ ने उन्हें बाहर निकालकर आग में झोंकने तक की तैयारी कर ली।
पुलिस पर भी किया गया हमला
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए गढ़वा थाना से पुलिस दल-बल के साथ मौके पर पहुंचा। एसआई इस्माइल आज़ाद, आरक्षी नवसे करकटा, बसंत उरांव और चालक हरेंद्र सिंह घटनास्थल पर पहुंचे ही थे कि ग्रामीणों ने पुलिस को भी घेरकर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। स्थिति बेकाबू होने लगी तो पुलिस ने थाना प्रभारी बृज कुमार को सूचना दी। कुछ ही देर में अतिरिक्त बल पहुंचा और हमलावर ग्रामीण मौके से भाग निकले।
घायलों की स्थिति
इस घटना में पुलिसकर्मियों के साथ-साथ रकीबा और उसके मायके पक्ष के कई सदस्य भी घायल हो गए। सभी को गढ़वा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां फिलहाल उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
थाना प्रभारी का बयान
गढ़वा थाना प्रभारी बृज कुमार ने बताया:
“सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन ग्रामीणों ने हमला कर दिया। पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हुए हैं। स्थिति अब नियंत्रण में है और दोषियों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
तनावपूर्ण माहौल, पुलिस चौकसी बढ़ाई गई
घटना के बाद से गुरदी गांव और आसपास के इलाकों में तनाव पसरा हुआ है। पुलिस ने पूरे गांव में चौकसी बढ़ा दी है और संभावित उपद्रवियों पर नजर रखी जा रही है। थाना प्रभारी ने साफ कहा है कि कानून अपने हाथ में लेने वाले लोगों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
न्यूज़ देखो: सामूहिक हिंसा की प्रवृत्ति समाज के लिए खतरनाक
गुरदी गांव की घटना ने यह साफ कर दिया कि निजी विवाद जब भीड़ के हाथ में चला जाता है, तो वह कानून-व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती बन जाता है। पुलिस पर हमला न केवल गंभीर अपराध है बल्कि यह लोकतांत्रिक व्यवस्था की जड़ पर चोट है। समाज को ऐसे मामलों में संयम और कानून पर भरोसा रखना चाहिए, क्योंकि भीड़ की मानसिकता किसी भी निर्दोष की जान ले सकती है।
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कानून और समाज की जिम्मेदारी
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