#गिरिडीह #प्रवासी_मजदूर : सुरक्षित वतन वापसी की मांग तेज
- नाइजर में अपहृत बगोदर के मजदूरों को लेकर परिजन चिंतित।
- गिरिडीह जनता दरबार में परिजनों ने उपायुक्त से की मुलाकात।
- परिजनों ने कहा, मजदूर असुरक्षित हालात में फंसे हैं।
- उपायुक्त रामनिवास यादव ने विदेश मंत्रालय को रिपोर्ट भेजने का भरोसा दिलाया।
- केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने भी परिजनों से मुलाकात कर सरकारी प्रयासों का आश्वासन दिया।
नाइजर में अपहृत हुए बगोदर के प्रवासी मजदूरों की सकुशल वतन वापसी को लेकर उनके परिजनों की चिंता बढ़ती जा रही है। मजदूरों के परिवार ने गिरिडीह में आयोजित जनता दरबार में उपायुक्त रामनिवास यादव से मुलाकात कर स्थिति से अवगत कराया और मजदूरों की जल्द रिहाई और सुरक्षित घर वापसी की गुहार लगाई।
परिजनों का कहना है कि मजदूर नाइजर में बेहद असुरक्षित हालात में फंसे हुए हैं और किसी भी समय बड़ी अनहोनी हो सकती है। उन्होंने बताया कि राज्य और केंद्र सरकार से मदद की अपील पहले भी की गई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं दिखी है।
उपायुक्त ने दिलाया भरोसा
मामले की गंभीरता को देखते हुए उपायुक्त रामनिवास यादव ने परिजनों की पूरी बात ध्यान से सुनी और आश्वस्त किया कि यह मामला उच्च अधिकारियों को भेजा जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि विदेश मंत्रालय से भी इस पर तुरंत संपर्क साधा जाएगा ताकि मजदूरों की जल्द से जल्द सुरक्षित वतन वापसी सुनिश्चित हो सके।
केंद्रीय मंत्री भी सक्रिय
इस पूरे मामले में केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी भी सक्रिय हो गई हैं। उन्होंने अपहृत प्रवासी मजदूरों के परिजनों से मुलाकात कर भरोसा दिया कि केंद्र सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है। उन्होंने कहा कि मजदूरों की रिहाई और सुरक्षित वापसी के लिए हर संभव कूटनीतिक और प्रशासनिक प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रवासी मजदूरों की मजबूरी
यह घटना एक बार फिर प्रवासी मजदूरों की विवशता को उजागर करती है। रोज़गार और बेहतर आजीविका की तलाश में मजदूर विदेशों की ओर रुख करते हैं, लेकिन असुरक्षित हालात में फंस जाने पर उनकी जिंदगी दांव पर लग जाती है।
न्यूज़ देखो: सरकार और समाज की संयुक्त जिम्मेदारी
इस तरह की घटनाएं हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा के लिए सरकार और समाज दोनों को सजग रहना होगा। प्रशासन को जहाँ त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए, वहीं समाज को भी मजदूर परिवारों की मदद और सहयोग में आगे आना होगा।
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प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी
अब समय है कि हम प्रवासी मजदूरों की समस्याओं को गंभीरता से समझें और उनके अधिकारों की लड़ाई को मजबूती दें। सुरक्षित रोज़गार, ठोस नीतियां और प्रशासनिक सजगता ही इनकी जिंदगी को बेहतर बना सकती हैं। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि यह मुद्दा और मजबूत आवाज बन सके।