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विश्वनाथ नर्सिंग होम में मरीज की मौत पर परिजनों का हंगामा, माले नेत्री मिना दास ने लगाए लापरवाही के आरोप

#गिरिडीह #विश्वनाथनर्सिंगहोम : ऑपरेशन के बाद बिगड़ी तबीयत, वेंटिलेटर पर रखा गया था मरीज, अस्पताल प्रशासन और परिजनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप

आयुष्मान योजना के तहत हुआ इलाज, ऑपरेशन के बाद बिगड़ी हालत

गिरिडीह के बरमसिया स्थित विश्वनाथ नर्सिंग होम में जमुआ निवासी 35 वर्षीय धनेश्वर दास की इलाज के दौरान मंगलवार को मौत हो गई। मृतक को आयुष्मान भारत योजना के तहत भर्ती किया गया था। इलाज के दौरान ऑपरेशन की आवश्यकता पड़ी और मरीज को खून भी चढ़ाया गया। लेकिन ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत बिगड़ गई और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया।

परिजनों का आरोप – इलाज में लापरवाही, मरीज की गई जान

घटना के बाद परिजनों ने नर्सिंग होम परिसर में सुबह 10 बजे लापरवाही का आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया। मृतक की पत्नी रिंकी देवी ने बताया—

“मेरे दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। मेरे पति ही परिवार के एकमात्र कमाने वाले थे। डॉक्टरों ने इलाज में लापरवाही बरती, जिसके चलते उनकी मौत हुई।”

माले नेताओं ने दी प्रतिक्रिया

घटना की जानकारी मिलते ही माले नेत्री मिना दास और राजेश यादव नर्सिंग होम पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर घटना की जानकारी ली और कहा—

“अस्पताल प्रबंधन आयुष्मान योजना के पैसे वसूलने के चक्कर में मरीजों का ठीक से इलाज नहीं करता। यह हाल सिर्फ विश्वनाथ नर्सिंग होम का नहीं, कई प्राइवेट अस्पतालों में लापरवाही आम हो चुकी है।”

डॉक्टर का पक्ष – गंभीर हालत में था मरीज, प्रयास पूरी तरह किए गए

इस पूरे मामले में डॉक्टर नीरज डोकानिया ने इलाज में लापरवाही के आरोपों को खारिज करते हुए कहा—

“मरीज अत्यधिक शराब का सेवन करता था और पिछले दो महीने से हमारे यहां इलाजरत था। उसे 18 लेवल का जॉन्डिस था, जो इलाज के बाद घटकर 2 तक आ गया था। अन्य अस्पतालों ने उसे घर ले जाने की सलाह दी थी। मरीज की पत्नी के आग्रह पर ही हमने इलाज शुरू किया और काफी हद तक सफल भी रहे।”

डॉ. डोकानिया ने बताया कि मरीज की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन इसे लापरवाही से जोड़ना पूरी तरह गलत है।

न्यूज़ देखो – संवेदनशील जांच और जवाबदेही जरूरी

न्यूज़ देखो मानता है कि हर मरीज का जीवन अनमोल होता है। आयुष्मान योजना का उद्देश्य गरीबों को मुफ्त और बेहतर इलाज देना है, लेकिन यदि अस्पतालों में जवाबदेही तय नहीं की जाती, तो ऐसी घटनाएं योजनाओं की साख पर प्रश्नचिह्न लगाती हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

पीड़ितों को न्याय और प्रणाली में पारदर्शिता की आवश्यकता

स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए जरूरी है कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग इस मामले की निष्पक्ष जांच करे और ज़रूरत हो तो अस्पताल की जवाबदेही तय की जाए।
धनेश्वर दास की मौत की सच्चाई उजागर होनी चाहिए—तभी ऐसी घटनाओं पर विराम लगेगा।

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