#गढ़वा #खेतविवाद : रामपुर गांव में जमीन को लेकर भाइयों के बीच हिंसक झड़प—एक को अस्पताल में भर्ती
- रामपुर गांव में खेत में आरी बांधने को लेकर दो भाइयों के बीच विवाद हुआ।
- कहासुनी के बाद मारपीट में तब्दील, एक भाई गंभीर रूप से घायल हुआ।
- घायल की पहचान गुप्ता पासवान के रूप में हुई, जिसे गढ़वा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया।
- आरोप है कि कन्हाई पासवान ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर हमला किया।
- पुलिस जांच में जुटी, घटना स्थल का निरीक्षण कर रही है।
गढ़वा जिले के मझिआंव थाना क्षेत्र के रामपुर गांव में एक विवाद ने पारिवारिक रिश्तों को खून से रंग दिया। खेत में आरी बांधने की बात पर शुरू हुआ झगड़ा इतना बढ़ा कि दोनों भाइयों में मारपीट हो गई। इस झड़प में गुप्ता पासवान गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे तुरंत गढ़वा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज जारी है।
विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
जानकारी के अनुसार, घटना की शुरुआत तब हुई जब गुप्ता पासवान अपने खेत में आरी बांधने का काम कर रहा था। इसी दौरान उसका बड़ा भाई कन्हाई पासवान वहां पहुंचा और आपत्ति जताई। कन्हाई का कहना था कि विवादित खेत उसकी संपत्ति है और इसमें कोई भी काम नहीं होना चाहिए।
कहासुनी के दौरान माहौल गर्मा गया। गुप्ता पासवान ने खेत पर अपने अधिकार की बात रखी, जबकि कन्हाई पासवान लगातार विरोध करता रहा। कुछ ही देर में यह विवाद हाथापाई में बदल गया।
मारपीट में घायल, अस्पताल में भर्ती
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, आरोप है कि कन्हाई पासवान ने सिर्फ विरोध नहीं किया, बल्कि अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर गुप्ता पासवान की पिटाई कर दी। मारपीट के दौरान गुप्ता पासवान को गंभीर चोटें आईं। आसपास के ग्रामीणों ने उसे किसी तरह बचाया और सदर अस्पताल गढ़वा पहुंचाया।
स्थानीय ग्रामीणों ने कहा: “इतनी छोटी बात पर इतना बड़ा विवाद हो जाएगा, किसी ने सोचा नहीं था। अब पूरा परिवार बिखर गया है।”
पुलिस की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही मझिआंव थाना पुलिस सक्रिय हो गई। पुलिस ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार: “पीड़ित के बयान और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।”
ग्रामीणों में तनाव, सामाजिक संदेश
इस घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल है। लोग इस बात से चिंतित हैं कि कैसे एक मामूली कृषि विवाद भी हिंसक रूप ले सकता है। समाजसेवियों का मानना है कि ऐसे मामलों को आपसी संवाद से सुलझाया जाना चाहिए, न कि मारपीट के जरिए।
न्यूज़ देखो: छोटी अनबन से बड़ा सबक
यह घटना बताती है कि गांवों में संपत्ति और खेती से जुड़े विवाद कितने गंभीर परिणाम दे सकते हैं। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे मामलों को समझौते और मध्यस्थता से रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए। ग्रामीणों को भी हिंसा से बचकर कानूनी और शांतिपूर्ण तरीकों से समस्या का समाधान करना चाहिए।
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जिम्मेदारी अपनाएं, विवाद से बचें
पारिवारिक विवाद रिश्तों को तोड़ता है और समाज में तनाव फैलाता है। ऐसे में संवाद, समझ और कानून का सहारा ही सही रास्ता है। इस खबर पर अपनी राय साझा करें, इसे दोस्तों और परिजनों तक पहुंचाएं और जागरूकता फैलाएं।