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भूमि संरक्षण विभाग की योजना से किसानों को मिला नया सहारा, आधुनिक कृषि यंत्रों का हुआ वितरण

#गुमला #कृषि_विकास : मुख्यमंत्री कृषि यंत्र योजना के तहत सीकरी पंचायत के ग्राम पुंडी में किसानों के बीच ट्रैक्टर और पंप सेट का वितरण हुआ।

गुमला जिले के जारी प्रखंड सभागार में आज भूमि संरक्षण विभाग की ओर से संचालित मुख्यमंत्री ट्रैक्टर एवं कृषि यंत्र वितरण योजना के तहत लाभुक किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों का वितरण किया गया। कार्यक्रम में विशेष रूप से झारखंड जल छाजन योजना (JJY) के अंतर्गत चयनित किसानों को उपकरण प्रदान किए गए, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में खेती और सिंचाई की सुविधा को बढ़ावा मिल सके।

ग्राम पुंडी में किसानों को मिले कृषि उपकरण

कार्यक्रम के दौरान ग्राम पुंडी के छह किसानों और डीपा असरो के एक किसान को पानी पंप सेट प्रदान किया गया। वहीं हरटोली कृषि स्थायी समिति को एक ट्रैक्टर सौंपा गया। अधिकारियों ने बताया कि इन यंत्रों के प्रयोग से न केवल खेती की उत्पादकता बढ़ेगी, बल्कि किसानों का श्रम और समय भी काफी बचेगा।

प्रमुख उर्मिला केरकेट्टा ने कहा: “भूमि संरक्षण विभाग की यह योजना किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाली है। अब आधुनिक यंत्रों से खेतों की सिंचाई और खेती आसान होगी।”

भूमि संरक्षण विभाग का उद्देश्य: आत्मनिर्भर किसान

भूमि संरक्षण विभाग के अधिकारियों ने कहा कि यह योजना किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है। जल संरक्षण और मृदा स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए किसानों को टिकाऊ खेती की तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
अधिकारियों ने किसानों को बताया कि इन यंत्रों के सही उपयोग से खेती में लागत कम और उत्पादन अधिक होगा। साथ ही किसानों को जल छाजन तकनीक, वर्षा जल संचयन, और फसल विविधीकरण के बारे में भी जानकारी दी गई।

कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी

इस मौके पर प्रमुख उर्मिला केरकेट्टा, जिला परिषद सदस्य दिलीप बड़ाइक, सीकरी पंचायत के मुखिया माइकल कुजूर, सीसीकरमटोली पंचायत की मुखिया फुलमैत देवी सहित कई स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
जिला तकनीकी विशेषज्ञ जे. सामद (WCDC, गुमला), सिटीजन फाउंडेशन से अभय कुमार (परियोजना समन्वयक), WDT इंजीनियर राहुल कुमार महतो और संतोष कुमार सहित कृषि स्थायी समिति के सदस्य भी उपस्थित थे।
सभी ने मिलकर इस पहल को ग्रामीण कृषि विकास के लिए आवश्यक और समयोचित बताया।

जिला तकनीकी विशेषज्ञ जे. सामद ने कहा: “सरकार की यह पहल ग्रामीण किसानों को आधुनिक तकनीक से जोड़कर कृषि को सशक्त बनाने का प्रयास है।”

किसानों में उत्साह और उम्मीद

कृषि उपकरण पाकर किसानों में नई उम्मीद जगी है। कई किसानों ने कहा कि अब उन्हें सिंचाई के लिए बारिश पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। आधुनिक यंत्रों के इस्तेमाल से उनकी फसलें बेहतर होंगी और उत्पादन में वृद्धि होगी।
गांव के किसान इन यंत्रों को साझा उपयोग के लिए भी आगे आए हैं ताकि सभी को समान लाभ मिल सके।

न्यूज़ देखो: योजनाओं का धरातल पर असर जरूरी

यह कार्यक्रम दिखाता है कि जब सरकारी योजनाएं जमीनी स्तर तक पहुँचती हैं, तो किसानों के जीवन में असली बदलाव आता है। कृषि यंत्रीकरण ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ को मज़बूत करता है, लेकिन साथ ही नियमित निगरानी और प्रशिक्षण भी उतना ही आवश्यक है ताकि उपकरणों का सही उपयोग हो सके।
गुमला जैसे जिलों में ऐसी पहलें टिकाऊ कृषि की दिशा में प्रेरणादायक उदाहरण बन सकती हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

आत्मनिर्भर किसान, समृद्ध गांव

गांव की तरक्की का रास्ता खेतों से होकर जाता है। जब किसान आधुनिक तकनीक और सरकारी योजनाओं से जुड़ते हैं, तो न सिर्फ उनकी जिंदगी बदलती है बल्कि पूरा समाज प्रगति करता है।
अब समय है कि हर किसान योजना का हिस्सा बने, नए कृषि यंत्रों का उपयोग सीखे और टिकाऊ खेती की राह अपनाए।
अपनी राय कमेंट करें, खबर को शेयर करें और किसानों के इस नए बदलाव की कहानी को आगे बढ़ाएं।

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