#बरवाडीह #धानभुगतानविलंब — लैंपस पर बेचने वाले किसान बोले: “तत्काल भुगतान का वादा जुमला निकला”
- लैंपस ने 24 रुपये/किलो पर धान खरीदा, 75 दिन बाद भी दूसरी किस्त लंबित
- बाज़ार में समान रेट के साथ तुरंत नकद भुगतान, किसान बोले—भरोसा तोड़ा गया
- बीज, खाद और घरेलू ख़र्च के लिए किसान क़र्ज़ लेने को मजबूर
- जिला उपायुक्त से तत्काल हस्तक्षेप की अपील, समाधान न होने पर आंदोलन की चेतावनी
- प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं, क्षेत्र में बढ़ रहा आक्रोश
लैंपस के वादों पर सवाल, भरोसा तोड़ने का आरोप
बरवाडीह प्रखंड के अंतर्गत लैंपस केंद्र ने बीते जनवरी में किसानों से 24 रुपये प्रति किलो की दर से धान खरीदा था। किसानों को भरोसा दिलाया गया कि पहली किस्त त्वरित और दूसरी किस्त समयबद्ध मिलेगी। पहली किस्त के बाद 75 दिन बीत जाने पर भी दूसरी किस्त का भुगतान नहीं हुआ, जिससे किसानों में भारी नाराज़गी है।
बाज़ार में तुरंत नकद, लैंपस से खाली हाथ
किसानों का कहना है कि अगर भुगतान में इतनी देर का अंदेशा होता, तो वे लोकल बाज़ार में धान बेचते जहां समान दर के साथ तत्काल नकद मिल रहा है। अब वे कहते हैं कि लैंपस का वादा छलावा साबित हुआ और उनकी आर्थिक हालत बिगड़ गई है।
क़र्ज़, बीज और खाद: बढ़ती मजबूरियां
भुगतान की प्रतीक्षा में किसानों ने बीज, खाद और घरेलू खर्च के लिए उधार लेना शुरू कर दिया है। इससे उन पर ब्याज़ का बोझ बढ़ रहा है। कुछ किसानों ने कहा कि “बेमौसम बारिश और बढ़ती लागत के बीच यह देरी हमारी कमर तोड़ रही है।”
जिला प्रशासन से गुहार, आंदोलन का संकेत
किसानों ने जिला उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने चेताया कि अगर शीघ्र समाधान नहीं निकला तो वे प्रदर्शन या सड़क जाम जैसे कदम उठाएंगे। फिलहाल प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन क्षेत्र में आक्रोश लगातार बढ़ रहा है।
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