
#सिमडेगा #विश्वमृदादिवस : मिट्टी संरक्षण, मिट्टी परीक्षण और आधुनिक कृषि पद्धतियों पर विशेषज्ञों ने किसानों को दी महत्वपूर्ण जानकारी
- बानो प्रखंड के विंतुका पंचायत में विश्व मृदा दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।
- किसानों को मिट्टी परीक्षण, सैंपल संग्रहण विधि और उचित खाद उपयोग पर विस्तृत जानकारी दी गई।
- कार्यक्रम में किसानों के बीच सॉइल हेल्थ कार्ड का वितरण किया गया।
- वरिष्ठ वैज्ञानिक संत कुमार सेवइयां ने आधुनिक कृषि में मिट्टी उपचार के महत्व पर चर्चा की।
- कार्यक्रम में मुखिया प्रीति बुढ़, माधुरी टोप्पो, सुनील समद, अब्दुल्ला एह़रार, श्याम कुमार सहित कई अधिकारी और किसान उपस्थित रहे।
बानो प्रखंड के विंतुका पंचायत में विश्व मृदा दिवस के अवसर पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य किसानों को मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने, मिट्टी संरक्षण और आधुनिक कृषि तकनीकों के बारे में जानकारी देना था। कार्यक्रम में मिट्टी की जाँच क्यों ज़रूरी है, खेतों से सही तरीके से मिट्टी का सैंपल कैसे लिया जाए और किस प्रकार की खाद मिट्टी की संरचना के अनुरूप उपयोग करनी चाहिए, इन सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। किसानों को यह भी बताया गया कि सही मिट्टी प्रबंधन से फसल उत्पादन में सीधा सुधार होता है।
मिट्टी की सेहत पर विशेषज्ञों की महत्वपूर्ण सलाह
कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ वैज्ञानिक संत कुमार सेवइयां ने आधुनिक खेती में मिट्टी की भूमिका को सबसे महत्वपूर्ण बताया।
उन्होंने कहा:
संत कुमार सेवइयां ने कहा: “आधुनिक कृषि को सुरक्षित और उत्पादक बनाने के लिए मिट्टी का उपचार अत्यंत आवश्यक है। स्वस्थ मिट्टी ही अच्छी फसल का आधार है।”
उन्होंने किसानों को बताया कि नियमित अंतराल पर मिट्टी की जांच कराना, जैविक खाद का उपयोग बढ़ाना, और भूमि की उर्वरता बनाए रखने के लिए फसल चक्र अपनाना अत्यंत कारगर उपाय हैं।
सॉइल हेल्थ कार्ड वितरण से किसानों को मिली सटीक मार्गदर्शन
कार्यक्रम में उपस्थित किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड प्रदान किए गए, जिनमें मिट्टी के पोषक तत्वों, पीएच स्तर और उर्वरता से संबंधित विस्तृत जानकारी दर्ज थी। यह कार्ड किसानों को अपने खेत के अनुरूप खाद की मात्रा और प्रकार तय करने में मदद करेगा, जिससे उत्पादन में सीधा लाभ मिलेगा।
आयोजन में अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी
विश्व मृदा दिवस के इस आयोजन में कई महत्वपूर्ण अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि शामिल हुए। इनमें विंतुका पंचायत की मुखिया प्रीति बुढ़, जिला कृषि सह उद्यान पदाधिकारी माधुरी टोप्पो, बीटीएम सुनील समद, एटीएम अब्दुल्ला एह़रार, श्याम कुमार, और क्षेत्र के कई किसानों की सक्रिय उपस्थित दर्ज की गई। सभी ने किसानों को मिट्टी संरक्षण और टिकाऊ कृषि प्रणाली अपनाने के लिए प्रेरित किया।
किसानों को मिला नई खेती तकनीकों का ज्ञान
कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि खेत की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए जैविक खाद, ग्रीन मैन्योरिंग, मल्चिंग और फसल अवशेष प्रबंधन जैसी तकनीकें अपनाना ज़रूरी है। इससे न केवल मिट्टी की ताकत बढ़ती है, बल्कि पानी की बचत और उत्पादन लागत में भी कमी आती है।

न्यूज़ देखो: टिकाऊ कृषि की दिशा में मजबूत कदम
विश्व मृदा दिवस पर बानो में आयोजित यह कार्यक्रम बताता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को वैज्ञानिक खेती से जोड़ने की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। मिट्टी संरक्षण, मिट्टी परीक्षण और सॉइल हेल्थ कार्ड जैसे उपाय किसानों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने में सहायक होंगे। इससे भविष्य में टिकाऊ कृषि को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
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स्वस्थ मिट्टी, सुरक्षित भविष्य — अब किसानों की जागरूकता ही है सबसे बड़ी ताकत
मिट्टी की सेहत देश की खाद्य सुरक्षा से सीधे जुड़ी है। खेतों की उर्वरता बनाए रखने के लिए वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाना आवश्यक है। यदि हर किसान नियमित रूप से मिट्टी परीक्षण कराए और उचित खाद का उपयोग करे, तो फसल उत्पादन में बड़ा सुधार संभव है।
आप भी बताएं — क्या आपके गांव में सॉइल हेल्थ कार्ड का वितरण हुआ?
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