
#सिमडेगा #दिव्यांग_सम्मान : विश्व दिव्यांग दिवस पर समाजसेवी द्वारा जरूरतमंदों को उपहार देकर सम्मानित किया गया
- विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर समाजसेवी भरत प्रसाद ने दिव्यांगजनों को सम्मानित किया।
- कार्यक्रम में स्वेटर, बेडशीट व आवश्यक सामग्री का वितरण किया गया।
- मौके पर नप प्रशासक अरविंद तिर्की और जिला नियोजन पदाधिकारी आशा मक्सिमा लकड़ा मौजूद रहे।
- अधिकारियों ने कहा—दिव्यांग समाज का अभिन्न अंग, इनका सम्मान जरूरी।
- वर्ष 1992 से प्रतिवर्ष 3 दिसंबर को विश्व विकलांगता दिवस मनाने की परंपरा।
बुधवार को विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर सिमडेगा में एक सादगीपूर्ण लेकिन गरिमामय सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें समाजसेवी भरत प्रसाद ने जिले के दिव्यांगजनों के बीच स्वेटर और बेडशीट वितरित कर उन्हें सम्मानित किया। कार्यक्रम में नप प्रशासक अरविंद तिर्की, जिला नियोजन पदाधिकारी आशा मक्सिमा लकड़ा सहित कई लोग उपस्थित रहे।
अधिकारियों ने कहा कि दिव्यांग हमारे समाज का महत्वपूर्ण और अभिन्न हिस्सा हैं, और उनका सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है।
कार्यक्रम में क्या हुआ
कार्यक्रम की शुरुआत दिव्यांगजनो को मंच पर बुलाकर सम्मानित करने से हुई। समाजसेवी भरत प्रसाद ने कहा कि समाज के कमजोर वर्गों की सहायता करना हम सभी का नैतिक दायित्व है। उन्होंने ठंड के मौसम को देखते हुए सभी जरूरतमंदों को स्वेटर, बेडशीट व अन्य उपयोगी सामग्री प्रदान की।
अधिकारियों ने अपने संबोधन में बताया कि हर वर्ष 3 दिसंबर को विश्व भर में विश्व विकलांगता दिवस मनाया जाता है। यह परंपरा वर्ष 1992 से शुरू हुई, जिसका उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों के प्रति करुणा, सम्मान, समानता और उनके जीवन को बेहतर बनाने के संकल्प को मजबूत करना है।
दिव्यांगों के प्रति समाज की जिम्मेदारी
अधिकारियों ने कहा कि किसी भी समाज की प्रगति तभी संभव है जब वह अपने हर नागरिक को समान अवसर दे—विशेष रूप से उन लोगों को, जिन्हें अतिरिक्त सहयोग की आवश्यकता होती है। दिव्यांगजन न केवल सम्मान के पात्र हैं, बल्कि उनके आत्मबल और क्षमताओं को प्रोत्साहित करने के लिए समाज को आगे आना चाहिए।
न्यूज़ देखो: संवेदनशीलता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
सिमडेगा में आयोजित यह कार्यक्रम न केवल सम्मान का प्रतीक था, बल्कि समाज में संवेदनशीलता और समानता की भावना को मजबूत करने का प्रयास भी। ऐसी पहलें दिव्यांगजनों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने में सहायक होती हैं।
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संवेदना ही समाज की असली ताकत
हम सभी का कर्तव्य है कि समाज के हर वर्ग को समान अवसर और सम्मान दें।
आप अपने क्षेत्र में दिव्यांगजनों के लिए कौन-सी सुविधाएँ आवश्यक मानते हैं?
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