Latehar

बेतला में हुनर से रोजगार कार्यक्रम के पांचवें बैच की शुरुआत: 70 युवाओं और महिलाओं को मिलेगा प्रशिक्षण

Join News देखो WhatsApp Channel
#लातेहार #रोजगार : बेतला में पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा संचालित कार्यक्रम के तहत युवाओं और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में पहल
  • हुनर से रोजगार कार्यक्रम का पांचवां बैच बेतला में शुरू हुआ।
  • 40 युवाओं को मोटर वाहन चलाने का प्रशिक्षण मिलेगा।
  • 30 महिलाओं को सिलाई और आधुनिक स्टिचिंग कौशल सिखाया जाएगा।
  • प्रशिक्षण में जूट बैग और फाइबर उत्पाद बनाने की आधुनिक तकनीक शामिल।
  • अब तक तीन बैच पूरे, 18 युवा गुजरात में रोजगार प्राप्त कर चुके।

लातेहार जिले के बेतला में पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा संचालित हुनर से रोजगार कार्यक्रम का पांचवां बैच शुरू हो गया है। इस बार कुल 70 प्रतिभागी प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे, जिनमें 40 युवा मोटर वाहन चलाना सीखेंगे और 30 महिलाएं सिलाई व आधुनिक स्टिचिंग के साथ-साथ जूट बैग और अन्य उत्पाद बनाने की तकनीक सीखेंगी। इस पहल का मकसद ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।

प्रशिक्षण की रूपरेखा

कार्यक्रम में बेतला, मुरु, अखरा, छिपादोहर, केचकी, केड़ और आसपास के गांवों के लोग शामिल हुए हैं। प्रशिक्षण में पारंपरिक कौशलों के साथ नई तकनीकों का समावेश किया गया है, ताकि प्रतिभागी अपने हुनर से आय अर्जित कर सकें। महिलाओं को विशेष रूप से आधुनिक मशीनों के इस्तेमाल और बाजार की मांग के अनुरूप डिज़ाइन बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है।

वन्यजीव संरक्षण और ग्रामीण कल्याण का मेल

पलामू टाइगर रिजर्व के उप निदेशक प्रजेश कांत जेना ने कहा: “यह कार्यक्रम वन्यजीव संरक्षण और ग्रामीण कल्याण को जोड़ने का एक सशक्त माध्यम है। जंगल से सटे इलाकों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार और आत्मनिर्भरता की दिशा में काम किया जा रहा है।”

उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण केवल रोज़गार तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका मकसद ग्रामीणों को जंगलों के साथ सामंजस्य बैठाकर टिकाऊ विकास की ओर अग्रसर करना है।

पूर्व बैच की सफलताएं

इस कार्यक्रम के तहत अब तक तीन बैच पूरे हो चुके हैं। प्रशिक्षित युवाओं में से कई ने स्वयं-रोजगार शुरू किया है। उल्लेखनीय है कि 18 युवाओं की एक टीम इलेक्ट्रीशियन प्रशिक्षण पूरा कर गुजरात में रोजगार प्राप्त कर चुकी है। यह उदाहरण बताता है कि हुनर से रोजगार कार्यक्रम कैसे युवाओं को दूर-दराज़ इलाकों में भी अवसर दिला रहा है।

महिलाओं के लिए विशेष अवसर

सिलाई और स्टिचिंग प्रशिक्षण पाने वाली महिलाएं अब पारंपरिक कपड़ों से आगे बढ़कर जूट बैग, फाइबर उत्पाद और आधुनिक परिधान तैयार करना सीख रही हैं। इससे न केवल स्थानीय बाजार में उनकी मांग बढ़ेगी, बल्कि बाहर के बाजारों तक भी उनके उत्पाद पहुंच सकेंगे।

आत्मनिर्भरता की ओर कदम

पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन का मानना है कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी की समस्या को दूर करने में सहायक साबित होंगे। साथ ही, यह पहल युवाओं और महिलाओं को स्थायी आजीविका दिलाने का मार्ग प्रशस्त करेगी।

न्यूज़ देखो: जंगल से जुड़ा रोजगार मॉडल

बेतला का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम साबित करता है कि प्राकृतिक संसाधनों और मानव संसाधन का सही तालमेल किया जाए तो ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। सरकार और प्रशासन की ऐसी पहलों से पलामू के युवाओं और महिलाओं को नए अवसर मिल रहे हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

हुनर से आत्मनिर्भरता की ओर

यह पहल बताती है कि हुनर और मेहनत से गांव की तस्वीर बदली जा सकती है। अब जरूरत है कि ज्यादा से ज्यादा युवा और महिलाएं ऐसे कार्यक्रमों से जुड़ें। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि और लोग भी इस अवसर का लाभ उठा सकें।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 2 / 5. कुल वोट: 2

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250925-WA0154
1000264265
Radhika Netralay Garhwa
IMG-20250604-WA0023 (1)
20250923_002035
IMG-20250723-WA0070
Engineer & Doctor Academy
IMG-20250610-WA0011
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें

Related News

Back to top button
error: