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पलामू में वित्त मंत्री का औचक निरीक्षण — पांडू प्रखंड कार्यालय की लापरवाही पर जताई सख्त नाराजगी

#पलामू #वित्तमंत्री : बीडीओ कार्यालय में फाइलें अधूरी, कैशबुक महीनों से नहीं अपडेट — वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने दी तीन दिन की चेतावनी

वित्त मंत्री के अचानक पहुंचते ही प्रखंड कार्यालय में मची अफरातफरी

पलामू जिले के पांडू प्रखंड कार्यालय में मंगलवार को उस समय अफरातफरी मच गई जब झारखंड सरकार के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर बिना किसी पूर्व सूचना के निरीक्षण के लिए पहुंचे। उनके कार्यालय में प्रवेश करते ही कर्मचारियों में हड़कंप मच गया और कई अधिकारी जवाब देने में हिचकिचाते नजर आए।

आवश्यक दस्तावेजों की मांग पर नहीं मिला स्पष्ट जवाब

वित्त मंत्री ने बीडीओ कार्यालय में बैठकर विकास योजनाओं से संबंधित दस्तावेजों की समीक्षा की। उन्होंने भूमि बैंक रजिस्टर, गैर मजरुआ भूमि रजिस्टर, जमाबंदी रजिस्टर, जाति, आवासीय एवं आय प्रमाण पत्र से जुड़ी फाइलों की मांग की, लेकिन कर्मियों और बीडीओ द्वारा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया

वहीं मंत्री को यह जानकर बेहद नाराजगी हुई कि पिछले सात महीने से कैशबुक तक नहीं लिखी गई है।

वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने निर्देश दिया: “तीन दिनों के भीतर सभी लंबित कैशबुक को अपडेट करें, वरना कार्रवाई तय है।”

जमाबंदी और विस्थापितों के मामलों पर भी जताई नाराजगी

मंत्री ने जब जमाबंदी के मामलों पर सवाल किया तो बताया गया कि अब तक 16 मामले आए, जिनमें से केवल 9 को ही भेजा गया, लेकिन उनमें भी कोई निष्पादन नहीं हुआ है। इस पर मंत्री ने कड़ा रुख अपनाते हुए 15 दिनों के भीतर सभी मामलों को निष्पादित करने का आदेश दिया।

वहीं मुरुमातू क्षेत्र से विस्थापित मुसहर परिवारों के पुनर्वास को लेकर मंत्री ने कहा कि 15 दिनों के भीतर उन्हें जमीन आवंटित कराई जाए, ताकि वे बेघर न रहें।

सरकारी कार्यसंस्कृति पर मंत्री का तीखा प्रहार

निरीक्षण के दौरान मंत्री ने यह भी पाया कि दस्तावेजों की मांग पर आमजन को घंटों इंतजार करना पड़ता है, जिससे सरकारी तंत्र की लापरवाही उजागर होती है। इस पर उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि ऐसी व्यवस्था आम लोगों के विश्वास को कमजोर करती है।

न्यूज़ देखो: प्रशासनिक सुस्ती पर सख्त चेतावनी

पांडू प्रखंड कार्यालय का यह निरीक्षण दिखाता है कि कई विभागीय काम केवल कागजों में चल रहे हैं, और जमीनी हकीकत कुछ और ही है। मंत्री राधाकृष्ण किशोर का औचक निरीक्षण न सिर्फ जवाबदेही तय करने की पहल है बल्कि यह भी दिखाता है कि सरकारी कार्यसंस्कृति में पारदर्शिता और जिम्मेदारी लाना जरूरी है।

न्यूज़ देखो मांग करता है कि ऐसे औचक निरीक्षण केवल दिखावटी कार्रवाई न बनें, बल्कि इनके आधार पर सुधारात्मक और दंडात्मक दोनों प्रकार के कदम उठाए जाएं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जवाबदेही ही सुशासन की पहली सीढ़ी है

सरकार के किसी भी तंत्र की मजबूती जवाबदेही और पारदर्शिता पर निर्भर करती है। जब मंत्री स्तर के अधिकारी भी ज़मीनी हकीकत देखकर चौंक जाते हैं, तो यह हम सभी के लिए सोचने का विषय है।
अपने विचार जरूर साझा करें, खबर को रेट करें और इसे अपने परिचितों के साथ शेयर करें।

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