
#सिमडेगा #वित्तीयसमावेशन : बैंक शाखा प्रबंधक सुधीर एक्का ने दीदियों को ऋण, खाता संचालन और योजनाओं की जानकारी
- पाकरटांड़ प्रखंड में सीबीआरएम बैठक का हुआ सफल आयोजन।
- बैठक की अध्यक्षता बैंक ऑफ इंडिया शाखा प्रबंधक सुधीर एक्का ने की।
- स्वयं सहायता समूह की दीदियाँ, बैंक सखी और बीसी एजेंट रहे शामिल।
- बैंकिंग सेवाएँ, ऋण प्रक्रिया और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर दी गई जानकारी।
- वित्तीय अनुशासन और समय पर ऋण अदायगी पर दिया गया ज़ोर।
सिमडेगा। जेएसएलपीएस के तत्वावधान में पाकरटांड़ प्रखंड में आज कम्युनिटी बेस्ड रिकवरी मैनेजमेंट (सीबीआरएम) बैठक का आयोजन बड़े उत्साह के साथ किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता बैंक ऑफ इंडिया, पाकरटांड़ शाखा प्रबंधक सुधीर एक्का ने की। कार्यक्रम में जेएसएलपीएस के सभी स्टाफ, वित्तीय समावेशन के सामुदायिक रिसोर्स पर्सन, स्वयं सहायता समूह की दीदियाँ, बैंक सखी, बीसी एजेंट और बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएँ शामिल हुईं।
बैठक का उद्देश्य
बैठक का मुख्य मकसद ग्रामीण समुदाय को बैंकिंग सेवाओं, ऋण प्रक्रिया और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के बारे में जागरूक करना था। ताकि समूह की महिलाएँ समय पर खाता संचालन और ऋण अदायगी कर सकें और साथ ही सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठा सकें।
मुख्य चर्चाएँ और जानकारियाँ
बैठक में कई विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई—
समिति की भूमिका
प्रतिभागियों को सीबीआरएम समिति के कार्य, सदस्यों की जिम्मेदारियाँ और सामूहिक उत्तरदायित्व के बारे में समझाया गया।
बैंकिंग सेवाएँ और ऋण प्रक्रिया
समूहों को बताया गया कि ऋण कैसे प्राप्त किया जा सकता है, ऋण वापसी की समय-सीमा और नियम क्या हैं। इसके साथ ही नियमित बचत खाता संचालन और लेन-देन की सही प्रक्रिया पर भी विस्तृत जानकारी दी गई।
कृषि ऋण और योजनाएँ
किसानों के लिए उपलब्ध कृषि ऋण सुविधाओं और उनके लाभों की जानकारी साझा की गई, ताकि वे आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें।
सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ
बैठक में प्रधानमंत्री जन-धन योजना (PMJDY), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) और अटल पेंशन योजना (APY) की पात्रता, लाभ और आवेदन प्रक्रिया को विस्तार से समझाया गया।
बैठक के अंत में शाखा प्रबंधक सुधीर एक्का ने सभी ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि—
“वित्तीय अनुशासन बनाए रखना बेहद जरूरी है। समय पर खाता संचालन और ऋण वापसी से न केवल समूह मजबूत होंगे बल्कि हर परिवार आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकेगा।“
उन्होंने अपील की कि ग्रामीण महिलाएँ इन योजनाओं का लाभ जरूर उठाएँ, ताकि समाज का कोई भी परिवार बैंकिंग और बीमा सेवाओं से वंचित न रहे।

न्यूज़ देखो: आर्थिक सशक्तिकरण का आधार है वित्तीय अनुशासन
इस तरह की बैठकों से ग्रामीण समुदाय में बैंकिंग सेवाओं की पहुंच और वित्तीय जागरूकता मजबूत होती है। यह न सिर्फ व्यक्तिगत बल्कि सामूहिक विकास का भी मार्ग प्रशस्त करती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
महिलाओं की जागरूकता से बदलेगा गांव का भविष्य
समय है कि हर परिवार बचत, ऋण और सरकारी योजनाओं को सही ढंग से अपनाए। आइए हम सब मिलकर आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाएँ। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि और लोग भी लाभान्वित हो सकें।