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जेएसएलपीएस में 17 लाख की वित्तीय अनियमितता, लातेहार के दो पदाधिकारी बर्खास्त, वसूली की प्रक्रिया जारी

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#लातेहार #जेएसएलपीएस_घोटाला : झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) में वित्तीय गड़बड़ी उजागर—पूर्व जिला कार्यक्रम प्रबंधक और वित्त अधिकारी पर सख्त कार्रवाई
  • जेएसएलपीएस लातेहार यूनिट में 17.41 लाख रुपये की वित्तीय अनियमितता उजागर
  • जांच के बाद दो वरिष्ठ पदाधिकारी सेवा से बर्खास्त, 23 मार्च को हुई कार्रवाई
  • राशि वसूली के लिए दोनों पर 50-50% भुगतान का निर्देश, 15 दिन की डेडलाइन समाप्त
  • मुख्य परिचालन पदाधिकारी विष्णु चरण पारिदा ने पत्र जारी कर दी चेतावनी
  • जेएसएलपीएस गरीब महिलाओं के लिए आजीविका योजनाएं संचालित करने वाली प्रमुख संस्था है

लातेहार के DMMU में उजागर हुआ वित्तीय गड़बड़ी का मामला

झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के अधीनस्थ जेएसएलपीएस में एक बड़ी वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है। यह गड़बड़ी लातेहार जिला मिशन प्रबंधन इकाई (DMMU) से जुड़ी है।

जांच समिति की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजर सचिन साहू और पूर्व फाइनेंस ऑफिसर अश्विनी कुमार दास ने कुल ₹17,41,100 की अनियमितता की है। इसमें ₹13,14,100 आजीविका पशु सखी किट्स और ₹4 लाख मूंगफली बीज निकालने की मशीन की खरीद से जुड़ी है।

दोनों अधिकारी सेवा से बर्खास्त

जेएसएलपीएस प्रबंधन ने 23 मार्च 2025 को ही दोनों अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया। यह निर्णय जांच समिति की सिफारिशों पर लिया गया। संस्था ने इसे गंभीर वित्तीय उल्लंघन मानते हुए तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की।

राशि वसूली की प्रक्रिया शुरू

जेएसएलपीएस के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर विष्णु चरण पारिदा ने 25 मई को पत्र जारी कर दोनों आरोपियों को राशि लौटाने के निर्देश दिए। पत्र में यह स्पष्ट किया गया कि दोनों को 50-50% हिस्सेदारी में कुल राशि चुकानी होगी। उन्हें 15 दिनों के भीतर रकम लौटाने के लिए कहा गया था।

इस डेडलाइन की अवधि 10 जून 2025 को समाप्त हो चुकी है। पत्र में यह भी कहा गया था कि अगर समय पर राशि नहीं लौटाई गई, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी और जेएसएलपीएस से जुड़े सभी दस्तावेज व सामग्री वापस करनी होगी।

रिकवरी की स्थिति अस्पष्ट, अधिकारी बोले—”इंटरनल मैटर”

जब सीओओ विष्णु चरण पारिदा से रिकवरी की मौजूदा स्थिति पूछी गई तो उन्होंने पुष्टि की कि वसूली की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन उन्होंने डिटेल शेयर करने से इनकार करते हुए इसे “इंटरनल मैटर” बताया।

क्या है जेएसएलपीएस?

झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) एक स्वायत्त संस्था है, जिसकी स्थापना 2009 में राज्य सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य है—

  • गरीबी उन्मूलन की योजनाओं का संचालन
  • NRLM (नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन) के कार्यों का क्रियान्वयन
  • महिला सशक्तिकरण हेतु सखी मंडलों को चक्रिय निधि व सामुदायिक निवेश निधि उपलब्ध कराना
  • स्थायी आजीविका व रोजगार का निर्माण

जेएसएलपीएस राज्य में गरीब ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए कई योजनाएं चला रहा है, जिनमें ग्राम संगठन, पशु सखी, कृषि सखी और रोजगार सखी जैसे कई मॉडल शामिल हैं।

न्यूज़ देखो: महिला सशक्तिकरण के नाम पर अनियमितता, जिम्मेदार कौन?

जेएसएलपीएस जैसी संस्था का उद्देश्य है ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना, लेकिन जब उसी संस्था में बैठे जिम्मेदार अधिकारी किट और मशीन की खरीद में भ्रष्टाचार करते हैं, तो यह गरीबों के अधिकारों की खुली लूट है।

न्यूज़ देखो यह सवाल उठाता है—अगर तय समय में वसूली नहीं हुई, तो क्या सरकार चुपचाप बैठी रहेगी? ऐसी घटनाओं पर सख्त उदाहरण स्थापित करने की आवश्यकता है ताकि आगे कोई भी जिम्मेदार पदाधिकारी सामुदायिक योजनाओं का दुरुपयोग न कर सके।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

गरीबों की योजनाएं, जवाबदेही तय हो

अगर हम ग्रामीण विकास की योजनाओं को पारदर्शी और असरदार बनाना चाहते हैं, तो जरूरी है कि भ्रष्ट अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई हो और वसूली सुनिश्चित हो।

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