
#सिमडेगा #फायर_सेफ्टी : जूनियर कैम्ब्रिज स्कूल में बच्चों को सिखाए गए अग्निशमन के व्यावहारिक तरीके – जागरूकता और सतर्कता पर दिया गया जोर
- जूनियर कैम्ब्रिज स्कूल सिमडेगा में आयोजित हुआ फायर सेफ्टी प्रशिक्षण शिविर।
- कार्यक्रम का संचालन सेफ्टी एंटरप्राइज, रांची के तकनीकी विशेषज्ञ श्री पप्पू जी ने किया।
- कक्षा 2 से 5 के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर सीखी सुरक्षा के मूल सिद्धांत।
- बच्चों को बताया गया आग लगने की स्थिति में स्वयं की रक्षा के व्यावहारिक तरीके।
- विद्यालय प्रशासन ने भविष्य में ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम नियमित कराने की घोषणा की।
सिमडेगा के जूनियर कैम्ब्रिज स्कूल में आज सुरक्षा जागरूकता को लेकर एक महत्वपूर्ण पहल की गई। विद्यालय में “फायर सेफ्टी ट्रेनिंग” का आयोजन किया गया जिसमें बच्चों को आग लगने की स्थिति में स्वयं की सुरक्षा करने के उपाय सिखाए गए। इस कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षक, समस्त कर्मचारी और कक्षा 2 से 5 के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में सुरक्षा के प्रति सजगता बढ़ाना और आपदा की स्थिति में त्वरित कार्रवाई की क्षमता विकसित करना था।
सुरक्षा ज्ञान से बढ़ेगी बच्चों की आत्मनिर्भरता
इस प्रशिक्षण का संचालन सेफ्टी एंटरप्राइज, रांची के तकनीकी विशेषज्ञ श्री पप्पू जी ने किया। उन्होंने बच्चों को बताया कि छोटी सी लापरवाही बड़े हादसे में बदल सकती है, इसलिए हर व्यक्ति को सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने छात्रों को समझाया कि आग लगने की स्थिति में शांत रहकर कैसे उचित निर्णय लिया जाए और अपनी तथा दूसरों की जान बचाई जाए।
श्री पप्पू जी ने कहा: “सतर्कता और त्वरित कार्रवाई ही असली सुरक्षा है। यदि हम सुरक्षा नियमों का पालन करें तो किसी भी हादसे को रोका जा सकता है।”
बच्चों ने इस प्रशिक्षण में दिलचस्पी दिखाते हुए सवाल पूछे और अग्निशमन यंत्रों (Fire Extinguishers) का प्रयोग करना भी सीखा। प्रशिक्षक ने उन्हें यह बताया कि किस प्रकार आग के प्रकार के अनुसार उपयुक्त यंत्र का चयन किया जाता है और आग बुझाने की सही तकनीक क्या होती है।
बच्चों के बीच बढ़ी सुरक्षा के प्रति जागरूकता
विद्यालय प्रशासन ने बताया कि यह प्रशिक्षण न केवल बच्चों को सुरक्षा के व्यावहारिक कौशल सिखाता है, बल्कि उनमें आत्मविश्वास भी बढ़ाता है। बच्चों ने फायर एक्सटिंग्विशर के प्रयोग का व्यावहारिक प्रदर्शन किया, जिससे उन्हें वास्तविक परिस्थितियों में कार्य करने की समझ विकसित हुई। विद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों ने भी इस अवसर पर प्रशिक्षण प्राप्त किया ताकि विद्यालय परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जा सके।
विद्यालय परिवार ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण बच्चों के व्यक्तित्व विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। सुरक्षा के प्रति जागरूक बच्चे न केवल खुद को बल्कि अपने परिवार और समाज को भी सुरक्षित रख सकते हैं।
विद्यालय प्रशासन ने दी धन्यवाद ज्ञापन
विद्यालय प्रशासन ने सेफ्टी एंटरप्राइज, रांची एवं श्री पप्पू जी के प्रति आभार प्रकट किया और कहा कि भविष्य में भी इस तरह के उपयोगी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रशासन ने यह भी बताया कि विद्यालय बच्चों की शिक्षा के साथ-साथ उनके सुरक्षा ज्ञान को भी समान रूप से प्राथमिकता देता है।
विद्यालय प्रशासन की ओर से कहा गया: “हमारा लक्ष्य है कि हमारे बच्चे न केवल अकादमिक रूप से मजबूत हों बल्कि जीवन की परिस्थितियों से निपटने में भी सक्षम बनें। सुरक्षा प्रशिक्षण इसी दिशा में एक कदम है।”
न्यूज़ देखो: बच्चों की सुरक्षा शिक्षा – एक अनिवार्य जिम्मेदारी
सिमडेगा जैसे जिलों में ऐसे प्रशिक्षण बच्चों को न केवल सुरक्षा के प्रति जागरूक बनाते हैं बल्कि समाज में भी सुरक्षा संस्कृति (Safety Culture) को बढ़ावा देते हैं। विद्यालयों में इस तरह की पहलें आने वाले समय में बड़ी दुर्घटनाओं को रोकने में सहायक सिद्ध होंगी। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
बच्चों में सुरक्षा का संस्कार ही असली सुरक्षा कवच
अब समय है कि हर विद्यालय सुरक्षा प्रशिक्षण को अपने वार्षिक कार्यक्रम का हिस्सा बनाए। यह केवल अभ्यास नहीं, बल्कि जीवन रक्षा का ज्ञान है। जब बच्चे सतर्क होंगे, तभी परिवार और समाज भी सुरक्षित रहेंगे। अपनी राय कॉमेंट करें, इस पहल की सराहना करें और खबर को साझा करें ताकि हर बच्चा सुरक्षा की बुनियादी समझ से लैस हो सके।




