
#घाघरा #फुटबॉलटूर्नामेंट : खेल भावना और तिलक की विचारधारा के संग हुआ उत्साह का संगम
- लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की जयंती पर पांच दिवसीय फुटबॉल टूर्नामेंट आयोजित हुआ।
- कुल 32 टीमों ने टूर्नामेंट में भाग लिया और मैदान पर जोश दिखाया।
- उद्घाटन समारोह में कालेश्वर उरांव और कई सम्मानित अतिथि मौजूद रहे।
- फाइनल मुकाबला L.N. टाइगर लबगा और K.K.G. सरना के बीच खेला गया।
- विजेता टीमों को ट्रॉफी और खस्सी देकर किया गया सम्मानित।
घाघरा पंचायत के घाघरा गांव में स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की जयंती के अवसर पर एक भव्य पांच दिवसीय फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन किया गया। आयोजन का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को खेल के प्रति प्रेरित करना, तिलक जी की विचारधारा को जनमानस तक पहुंचाना और सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देना था। टूर्नामेंट में कुल 32 टीमों ने भाग लिया और मैदान में खेल का अद्भुत प्रदर्शन किया।
उद्घाटन समारोह में दिखा उत्साह
उद्घाटन अवसर पर युवा क्लब घाघरा की ओर से मुख्य अतिथियों को बैच पहनाकर और पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया। मुखिया कालेश्वर उरांव, ग्राम प्रधान देव सहाय खेरवार, चंद्रदेव खेरवार (उप मुखिया) और शिक्षकों ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया। सभी ने युवाओं से खेल को खेल की भावना से खेलने की अपील की।
फाइनल मुकाबले का रोमांच
टूर्नामेंट का फाइनल मैच बेहद रोमांचक रहा। निर्णायक मुकाबले में L.N. टाइगर लबगा और K.K.G. सरना आमने-सामने आए। मुख्य अतिथियों ने सेंटर किक कर मैच की शुरुआत की। दर्शकों ने मैदान में ज़बरदस्त जोश के साथ खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया।
विजेता टीमों का सम्मान
टूर्नामेंट के समापन पर मुख्य अतिथियों ने विजेता टीमों को ट्रॉफी और खस्सी देकर सम्मानित किया। खिलाड़ियों ने अपनी खुशी मंच पर “हिप हिप हुर्रे” के नारों से जताई। परिणाम इस प्रकार रहे:
- प्रथम: L.N. टाइगर लबगा
- द्वितीय: K.K.G. सरना
- तृतीय: क्रांतिकारी कुमारी
- चतुर्थ: A.J. Star
आयोजन समिति की मेहनत
इस आयोजन को सफल बनाने में युवा क्लब घाघरा की टीम ने अहम भूमिका निभाई। सुमन भगत (अध्यक्ष), लिलेश्वर खेरवार (सचिव) और देव सहाय खेरवार (कोषाध्यक्ष) के साथ कई युवा कार्यकर्ताओं ने लगातार मेहनत की।
ग्रामीणों की मांग और उत्साह
पांच दिनों तक गांव में उत्सव का माहौल रहा। प्रतिदिन सैकड़ों दर्शक मैदान में उमड़ते रहे। ग्रामीणों ने कहा कि ऐसे आयोजन युवाओं को सही दिशा देने में मददगार साबित होंगे। उन्होंने मांग की कि इस प्रकार की प्रतियोगिताएं हर वर्ष आयोजित की जाएं।

न्यूज़ देखो: खेल और संस्कृति की धड़कन बनी घाघरा
तिलक जयंती के अवसर पर खेल का यह संगम सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि समाज में एकजुटता और सकारात्मक सोच का प्रतीक है। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे आयोजन युवाओं को नशा और अपराध से दूर रखते हैं और उन्हें अनुशासन व टीमवर्क का सबक देते हैं।
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