
#उंटारीरोड #रेलवेलापरवाही : चेचरिया गांव के पास पानी से भरे एलएचएस में उतरी कार, परिवार के पांच सदस्य सुरक्षित बाहर निकले
- चेचरिया गांव के पास रेलवे अंडरपास एलएचएस-64 में पानी भरने से एक कार डूबी।
- छतरपुर के डाली गांव के एक ही परिवार के पांच लोग गाड़ी में सवार थे।
- देर रात करीब 2 बजे हुआ हादसा, पानी की गहराई का अंदाजा न लगने से हुआ दुर्घटनाग्रस्त।
- सभी लोगों ने कार का शीशा तोड़कर किसी तरह अपनी जान बचाई।
- रेलवे और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को लेकर लोगों में आक्रोश।
पलामू जिले के उंटारी रोड प्रखंड में शुक्रवार की देर रात एक दर्दनाक लेकिन चमत्कारिक घटना हुई, जब एक परिवार की कार रेलवे अंडरपास एलएचएस-64 में डूब गई। यह घटना चेचरिया गांव के पास हुई, जहां अंडरपास बारिश के पानी से पूरी तरह लबालब भरा था। गनीमत रही कि सभी पांच लोग समय रहते बाहर निकलने में सफल रहे, वरना यह हादसा बड़ा रूप ले सकता था।
बारिश के पानी से भरा अंडरपास बना हादसे का कारण
सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार रात लगभग 2 बजे छतरपुर के डाली गांव निवासी विकास कुमार, रूपेश कुमार, आर्यन कुमार, यशमती देवी और प्रियंका देवी गढ़वा में एक रिश्तेदार के अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे थे। जब वे करकटा और उंटारी रोड रेलवे स्टेशन के बीच बने एलएचएस-64 अंडरपास के पास पहुंचे, तो उन्हें वहां पानी भरा दिखाई दिया।
कार चालक विकास कुमार ने बताया: “अंडरपास के बाईं ओर कोई वैरिकेडिंग नहीं थी। हमें पानी की गहराई का अंदाजा नहीं लगा। जैसे ही कार अंदर गई, गाड़ी लगभग 5-6 फीट गहरे पानी में डूब गई और सभी सिस्टम फेल हो गए।”
उन्होंने बताया कि कुछ ही पलों में कार पानी से भरने लगी, जिससे सभी घबरा गए। लेकिन हिम्मत दिखाते हुए उन्होंने कार का शीशा तोड़ा और किसी तरह बाहर निकलकर जान बचाई।
पुलिस की तत्परता से बची जान
घटना की सूचना मिलते ही उंटारी रोड पुलिस मौके पर पहुंची और कार सवारों को सुरक्षित निकालने में मदद की। थाना प्रभारी संतोष गिरी ने खुद मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन का नेतृत्व किया। शनिवार सुबह पुलिस ने ट्रैक्टर की मदद से पानी में डूबी कार को बाहर निकाला और पीड़ित परिवार को सौंप दिया।

स्थानीय लोगों ने बताया कि यह अंडरपास हर साल बारिश में जलभराव से प्रभावित रहता है, लेकिन इस बार स्थिति और भी खराब थी।
लापरवाही पर उठे सवाल, ग्रामीणों में आक्रोश
ग्रामीणों ने रेलवे विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अंडरपास के दोनों छोर पर चेतावनी बोर्ड या वैरिकेडिंग नहीं लगाए गए थे, जिससे चालक को खतरे की जानकारी नहीं मिल सकी।
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि अगर पानी की गहराई अधिक है तो अस्थायी बाधा या गार्ड की तैनाती की जानी चाहिए ताकि ऐसे हादसे रोके जा सकें। इस घटना के बाद इलाके में रेलवे और प्रशासन की जिम्मेदारी को लेकर चर्चा तेज हो गई है।

न्यूज़ देखो: सुरक्षा इंतजामों की कमी का बड़ा संकेत
यह हादसा इस बात का प्रतीक है कि रेलवे अंडरपासों में जल निकासी और सुरक्षा उपायों की कमी आज भी लोगों की जान पर भारी पड़ सकती है। यदि वैरिकेडिंग या चेतावनी बोर्ड होते तो यह परिवार एक गंभीर हादसे से बच सकता था। प्रशासन और रेलवे विभाग को अब ऐसे अंडरपासों की समीक्षा कर तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में कोई जान जोखिम में न पड़े।
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सजग नागरिकता ही सुरक्षा की असली गारंटी
यह घटना हमें सिखाती है कि सड़क और रेल सुरक्षा केवल सरकारी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाजिक जागरूकता का भी हिस्सा है। नागरिकों को भी बरसाती मौसम में ऐसे अंडरपासों से गुजरते समय सावधानी बरतनी चाहिए। साथ ही स्थानीय प्रशासन को ऐसे संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा संकेत और निगरानी व्यवस्था अनिवार्य करनी चाहिए।
सजग रहें, सतर्क रहें।
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