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पलामू के पतरा कला गाँव में आहार का पानी घरों में घुसा: ग्रामीणों में दहशत, मिट्टी की दीवार गिरने का खतरा

#पलामू #ग्राम्यविवाद : हुसैनाबाद प्रखंड के पतरा कला में आहार का भव खोलने से घरों में पानी घुसा, ग्रामीणों ने प्रशासन से लगाई गुहार

पलामू जिले के हुसैनाबाद प्रखंड अंतर्गत पंचायत पतरा कला गाँव में अचानक उत्पन्न जल संकट ने ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। गाँव में बने आहार का भव खोल देने से पानी सीधे घरों तक पहुँच गया, जिससे कई परिवार भयभीत हैं। मिट्टी की दीवारों वाले इन घरों में किसी भी समय दीवार गिरने का खतरा मंडरा रहा है और लोग दहशत के माहौल में जी रहे हैं।

आहार का पानी और किसानों की चिंता

ग्रामीणों का कहना है कि गाँव के जयराम पासवान और उनके पिता ने धान की खेती को बचाने के लिए आहार का पानी तीन भव खोल दिया। इससे खेतों की सिंचाई तो हो गई, लेकिन पास के घरों में पानी घुस गया। इस पानी से घरों में रहना मुश्किल हो गया है।

ग्रामवासी गुलाम नवी अंसारी ने कहा: “हमारे घर में पानी भर गया है, मिट्टी की दीवार किसी भी वक्त गिर सकती है। बच्चों और परिवार की सुरक्षा को लेकर हम डरे हुए हैं।”

प्रभावित परिवार और बढ़ती समस्या

पानी घुसने से गुलाम नवी अंसारी, अहमद अंसारी और भगवान साव के घर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। परिवारों का कहना है कि घर के भीतर तक पानी आ जाने से रहना दूभर हो गया है। वे प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप और समाधान की मांग कर रहे हैं।

मुखिया पति और प्रशासन की भूमिका

गाँव के मुखिया पति मौके पर पहुँचे और समस्या का समाधान निकालने की कोशिश की, लेकिन भव बंद करने से जयराम पासवान और उनके समर्थकों ने इनकार कर दिया।

जयराम पासवान ने कहा: “मेरा बेटा पंचायत समिति का सदस्य है, मुझे किसी से डर नहीं है। जहाँ जाना है, जाइए। हम समझ लेंगे।”

यह बयान ग्रामीणों में और आक्रोश पैदा कर रहा है। लोगों का आरोप है कि राजनीतिक दबदबे के कारण उनकी परेशानी को नजरअंदाज किया जा रहा है।

प्रशासन से गुहार

गाँव के लोग हुसैनाबाद प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि जल्द से जल्द आहार का भव बंद कराया जाए और प्रभावित परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। ग्रामीणों का कहना है कि समय रहते कार्रवाई न होने पर बड़ा हादसा हो सकता है।

न्यूज़ देखो: ग्रामीण जीवन बनाम प्रशासनिक उदासीनता

पतरा कला गाँव का यह विवाद केवल पानी घुसने की समस्या नहीं, बल्कि ग्रामीण जीवन और प्रशासनिक जिम्मेदारी की गंभीर तस्वीर भी सामने लाता है। जब खेती और घर दोनों पर संकट खड़ा हो तो निष्पक्ष समाधान आवश्यक हो जाता है। ऐसे मामलों में प्रशासन की त्वरित कार्रवाई ही ग्रामीणों का भरोसा कायम रख सकती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

संकट में ग्रामीणों की पुकार

गाँव के लोग इस वक्त कठिन परिस्थिति से गुजर रहे हैं। यह ज़रूरी है कि प्रशासन तुरंत हस्तक्षेप कर पीड़ित परिवारों को राहत दिलाए और स्थायी समाधान निकाले। अब समय है कि समाज और शासन दोनों मिलकर इस तरह की समस्याओं से निपटने का रास्ता तय करें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को अधिक से अधिक साझा करें ताकि आवाज़ प्रशासन तक पहुँचे।

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