
#गढ़वा #विकास_मांग – झामुमो के केंद्रीय सदस्य ने सांसद को याद दिलाया जन अपेक्षाओं का असली एजेंडा
- धीरज दुबे ने सांसद से की गढ़वा के दीर्घकालिक विकास एजेंडे पर काम करने की मांग
- पढुआ-श्रीनगर सोन पुल और कोयल नदी पर तटबंध निर्माण को बताया जरूरी
- नीलगाय से खेती को हो रहे नुकसान का स्थायी समाधान निकालने की अपील
- गढ़वा में रेल, सड़क, शिक्षा और आईटी सेक्टर में बड़ी परियोजनाएं लाने पर बल
- युवा रोजगार के लिए स्किल सेंटर, इंडस्ट्रियल पैकेज की भी रखी मांग
अब दिखावटी उद्घाटनों से नहीं, ठोस विकास से चाहिए बदलाव: धीरज दुबे
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय सदस्य एवं मीडिया पैनलिस्ट धीरज दुबे ने गढ़वा जिले के दीर्घकालिक विकास के लिए अति महत्वाकांक्षी योजनाओं को प्राथमिकता देने की अपील पलामू सांसद से की है। उन्होंने कहा कि अब जनता को केवल शिलान्यास और फीता काटने की राजनीति नहीं चाहिए, बल्कि ऐसे बदलाव चाहिए जो आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवारें।
अधूरी पड़ी परियोजनाओं को मिलनी चाहिए प्राथमिकता
श्री दुबे ने विशेष रूप से पढुआ-श्रीनगर सोन पुल को एक अति आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट बताया, जो अभी भी अधर में लटका हुआ है। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सोन और कोयल नदी के तटबंध निर्माण की तत्काल जरूरत है ताकि बाढ़ और भूमि कटाव जैसी समस्याओं का स्थायी समाधान हो सके।
नीलगाय आतंक पर केंद्र से ठोस समाधान की मांग
धीरज दुबे ने कहा कि नीलगायों के आतंक से कृषि क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित है और इसका सीधा असर किसानों की आमदनी पर पड़ रहा है। उन्होंने केंद्र से आग्रह किया कि वन अधिनियमों में संशोधन कर ऐसा रास्ता निकाला जाए जिससे किसान खुलेआम नुक़सान झेलने को मजबूर न रहें।
गढ़वा के लिए चाहिए विकास का विशेष पैकेज
उन्होंने गढ़वा को रेल, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और उद्योग के क्षेत्र में एक मजबूत पैकेज दिए जाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि सांसद को हर संसदीय सत्र में गढ़वा की प्रमुख समस्याओं को पुरजोर तरीके से उठाना चाहिए, ताकि जिला केंद्र सरकार की योजनाओं में शामिल हो सके।
युवाओं के लिए चाहिए स्किल सेंटर और इंडस्ट्री
झामुमो नेता ने कहा कि गढ़वा जैसे सीमावर्ती और पिछड़े जिले में आईटी पार्क, स्किल डेवलपमेंट सेंटर और लघु-मझोले उद्योगों की स्थापना से स्थानीय रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने इसे लेकर केंद्र से विशेष पैकेज की मांग भी रखी।
सांसद को चाहिए नीति निर्माण में सक्रिय भागीदारी
श्री दुबे ने दो टूक कहा कि सांसद का दायित्व सिर्फ उद्घाटन और शिलान्यास तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि उन्हें संसद में नीति निर्धारण में गढ़वा की समस्याओं को प्रमुखता से रखना चाहिए।
साझा रोडमैप की जरूरत
अंत में उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे दलगत राजनीति से ऊपर उठकर गढ़वा की समृद्धि के लिए एक साझा विकास रोडमैप तैयार करें। उन्होंने कहा कि गढ़वा की जनता अब सिर्फ वादे नहीं, परिणाम चाहती है।
न्यूज़ देखो: जनता की आवाज़, विकास का एजेंडा
गढ़वा जैसे जिले को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी है कि राजनीति से ऊपर उठकर जनहित को प्राथमिकता दी जाए।
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