
#गिरिडीह #चुनाव_प्रबंधन : मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी और सुविधाजनक बनाने को लेकर राजनीतिक दलों के साथ हुई अहम बैठक — जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने दिए कई निर्देश
- जिला निर्वाचन पदाधिकारी रामनिवास यादव ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से की चुनाव व्यवस्था पर चर्चा
- हर मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाता की सीमा रखने का निर्णय
- मतदाता अब अपने नजदीकी केंद्र पर ही सूचीबद्ध किए जाएंगे
- राजनीतिक दलों ने दिए सुझाव, जिन्हें राज्य निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा
- सुव्यवस्थित मतदान प्रक्रिया के लिए बूथ स्तर पर रणनीति बनाने पर जोर
मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ेगी, सुविधा में होगा इजाफा
गिरिडीह जिले में आगामी चुनावों की तैयारी के तहत जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-उपायुक्त श्री रामनिवास यादव ने विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ एक समन्वय बैठक की। बैठक में मुख्य रूप से मतदान प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, व्यवस्थित और मतदाताओं के अनुकूल बनाने पर चर्चा की गई।
उन्होंने बताया कि जिले में अब प्रत्येक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाताओं की सीमा निर्धारित की जाएगी, ताकि मतदान के दिन भीड़भाड़ और अव्यवस्था से बचा जा सके। यह निर्णय चुनाव प्रक्रिया को समयबद्ध और शांतिपूर्ण बनाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी रामनिवास यादव ने कहा: “हमारी प्राथमिकता यह है कि मतदाता को उसकी सुविधा के अनुसार, निकटतम केंद्र पर मतदान का अवसर मिले और मतदान प्रक्रिया में किसी प्रकार की परेशानी न हो।”
राजनीतिक दलों के सुझाव भी लिए गए, भेजे जाएंगे आयोग को
इस बैठक में कांग्रेस, बीजेपी, झामुमो, आजसू, राजद समेत विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। प्रतिनिधियों ने वोटर लिस्ट में संशोधन, केंद्रों की दूरी कम करने, दिव्यांगजनों के लिए विशेष व्यवस्था, और ईवीएम प्रशिक्षण जैसे मुद्दों पर सुझाव दिए।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने आश्वस्त किया कि सभी सुझावों को गंभीरता से लिया गया है और इन्हें राज्य निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा ताकि आवश्यकतानुसार दिशा-निर्देश जारी किए जा सकें।
मतदाता सूची में सुधार और केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया तेज
बैठक में यह भी बताया गया कि मतदाता सूची के सुधार, नए नाम जोड़ने और मृतकों के नाम हटाने की प्रक्रिया तेज गति से की जा रही है। साथ ही, जिन मतदाताओं का नाम अब भी गलत केंद्रों में सूचीबद्ध है, उन्हें नजदीकी केंद्रों में स्थानांतरित करने की व्यवस्था की जाएगी।
बीजेपी प्रतिनिधि ने कहा: “कुछ ग्रामीण इलाकों में केंद्रों की दूरी बहुत अधिक है, इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।”
कांग्रेस नेता ने सुझाव दिया: “दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं के लिए व्हीलचेयर, शेड और पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं मतदान केंद्रों पर सुनिश्चित की जाएं।”
बूथ लेवल पर रणनीति और समन्वय बढ़ाने का संकेत
दोपक्षीय संवाद में यह सहमति बनी कि अब बूथ स्तर पर भी बीएलओ, पुलिस और सेक्टर अधिकारियों का समन्वय सुदृढ़ किया जाएगा। मतदाता जागरूकता के लिए SVEEP कार्यक्रमों को पंचायत स्तर पर ले जाने की भी योजना है, ताकि नए मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाई जा सके।
न्यूज़ देखो: लोकतंत्र को मजबूती की दिशा में सकारात्मक पहल
न्यूज़ देखो इस बैठक को मतदाता हितों की दिशा में एक अहम प्रशासनिक प्रयास मानता है। यह दर्शाता है कि प्रशासन और राजनीतिक दल लोकतांत्रिक प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और जनहितकारी बनाने के लिए समर्पित हैं। गिरिडीह जैसे जिलों में इस तरह की संवादात्मक प्रक्रिया लोकतंत्र को सशक्त करने का प्रमाण है।
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सजग मतदाता ही लोकतंत्र की असली ताकत
यदि आपके पास मतदान केंद्र, मतदाता सूची या किसी प्रकार की चुनावी जानकारी से जुड़ी कोई समस्या है, तो आप अपने बीएलओ से संपर्क करें। इस खबर को साझा करें ताकि अधिक लोग जागरूक बनें और चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी निभाएं।