
#गिरिडीह #भ्रूण_कांड : पीरटांड़ के बाजार क्षेत्र में नाले से भ्रूण मिलने से सनसनी, ग्रामीणों में गुस्सा
- पीरटांड़ बाजार में नाले से भ्रूण मिलने पर सनसनी।
- प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे।
- शनिवार शाम एक महिला को संदिग्ध वस्तु फेंकते देखा गया था।
- मामले में अवैध गर्भपात और क्लीनिकों की भूमिका की जांच शुरू।
- स्थानीय लोगों में आक्रोश, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग।
पीरटांड़ प्रखंड मुख्यालय के बाजार क्षेत्र में रविवार सुबह एक भयावह घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया। नाले से भ्रूण बरामद होने की खबर मिलते ही लोगों की भीड़ मौके पर जुट गई। सूचना पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी शशिकांत प्रसाद, थाना प्रभारी दीपेश कुमार और भाजपा जिला उपाध्यक्ष श्यामा प्रसाद समेत कई स्थानीय जनप्रतिनिधि पहुंचे।
घटनाक्रम और संदेह
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, शनिवार शाम करीब सात बजे एक महिला को नाले में कुछ फेंकते हुए देखा गया था। रविवार सुबह जब ग्रामीण शौच के लिए नाले की ओर गए, तो पानी में भ्रूण पड़ा दिखाई दिया। घटनास्थल पर खून के धब्बे भी मिले, जिससे संदेह गहरा गया कि यह अवैध गर्भपात का मामला हो सकता है।
प्रशासन का सख्त रुख
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी शशिकांत प्रसाद ने बताया कि शुरुआती जांच में यह मामला अवैध गर्भपात प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि यह गंभीर अपराध है और ऐसे मामलों पर रोक लगाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। क्षेत्र में संचालित अवैध क्लीनिक, झोलाछाप डॉक्टर और नर्सिंग होम्स की गहन जांच की जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
ग्रामीणों का आक्रोश और निंदा
घटना के बाद स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश फैल गया। ग्रामीणों का कहना है कि भ्रूण नाले में फेंकना न सिर्फ अमानवीय कृत्य है, बल्कि समाज के लिए कलंक भी है। लोगों ने मांग की कि दोषियों की पहचान कर उन्हें कठोर सजा दी जाए।
नेताओं और समाजसेवियों की प्रतिक्रिया
भाजपा नेता श्यामा प्रसाद ने कहा कि पीरटांड़ में मेडिकल के नाम पर कई अवैध क्लीनिक संचालित हैं, जहां बिना सुविधा और योग्य डॉक्टर के इलाज हो रहा है। इन केंद्रों से ही इस तरह की घृणित घटनाएं जन्म ले रही हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि इन अवैध संस्थानों पर तत्काल रोक लगाई जाए।
न्यूज़ देखो: चिकित्सा क्षेत्र में अनैतिक खेल पर लगाम जरूरी
पीरटांड़ की यह घटना बताती है कि कैसे अवैध क्लीनिक और झोलाछाप डॉक्टर समाज को शर्मसार करने वाली घटनाओं को जन्म दे रहे हैं। यह केवल भ्रूण हत्या का मामला नहीं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं की हत्या भी है। अब समय है कि प्रशासन सख्त कदम उठाए और समाज भी ऐसी गतिविधियों के खिलाफ आवाज बुलंद करे।
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समाज की जिम्मेदारी और हमारी भूमिका
भ्रूण हत्या जैसी घटनाएं समाज की सोच और व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह हैं। अब जरूरी है कि हम सब मिलकर जागरूकता फैलाएं और अवैध चिकित्सकीय गतिविधियों की सूचना तुरंत प्रशासन तक पहुंचाएं। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को अधिक से अधिक लोगों तक शेयर करें ताकि ऐसी अमानवीय घटनाओं पर रोक लग सके।