
#गिरिडीह #खाद्य_सुरक्षा : बेंगाबाद प्रखंड में मिठाई दुकानों, किराना स्टोर और होटलों में खाद्य सुरक्षा का औचक निरीक्षण, कई प्रतिष्ठानों में अनियमितताएँ पाई गईं
- निरीक्षण के दौरान अधिकांश प्रतिष्ठान बिना लाइसेंस संचालित पाए गए।
- बाबा स्वीट्स को 14 दिनों में सुधार करने का निर्देश।
- सिंह मिष्ठान और बाबा स्वीट्स के लड्डू और चटनी में अखाद्य रंग पाया गया।
- छोटी खरगडीहा चाइनीज फास्ट फूड में भी अखाद्य रासायनिक रंग नष्ट किया गया।
- सभी कारोबारियों को खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण लेने और सुधार नोटिस का पालन करने के आदेश।
बुधवार शाम को गिरिडीह जिले के बेंगाबाद प्रखंड में खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी राजा कुमार के नेतृत्व में मिठाई दुकानों, किराना स्टोर और होटलों का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान अधिकांश प्रतिष्ठान बिना खाद्य लाइसेंस या निबंधन के संचालित पाए गए। सभी प्रतिष्ठानों को 7 दिनों के भीतर खाद्य सुरक्षा कार्यालय में फूड लाइसेंस के लिए आवेदन करने का निर्देश दिया गया।
प्रतिष्ठानों में पाई गई अनियमितताएँ
निरीक्षण के दौरान बाबा स्वीट्स को 14 दिनों में सुधार और खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 का पालन करने का आदेश दिया गया। इसके प्रबंधक को परिसर की साफ-सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए। इसी प्रकार राजू किराना स्टोर, शिवम् स्टोर, संजय राणा, चूरामन शाह, सिन्हा मिष्ठान भंडार, तिवारी जनरल स्टोर, जुमन अंसारी और मोहम्मद सनाउल्ला को सुधार हेतु 14 दिनों का समय दिया गया।
निरीक्षण के दौरान मुरली साव और राजेश मंडल के होटलों में शराब पीते और बेचते लोग पाए गए, जिस पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।
खाद्य सामग्री में अखाद्य रंग
सिंह मिष्ठान के बेसन लड्डू और बाबा स्वीट्स के लड्डू तथा चटनी में अखाद्य रंग पाया गया। इन सामग्रियों को स्पॉट पर नष्ट कर दिया गया और संबंधित कारोबारियों को कड़ी चेतावनी दी गई। साथ ही, किराना दुकानों को बिना बैच नंबर, निर्माण तिथि और एक्सपायरी डेट वाले पैकेज्ड खाद्य पदार्थ नहीं बेचने का निर्देश दिया गया।
इसी प्रकार, छोटी खरगडीहा स्थित चाइनीज फास्ट फूड में भी अखाद्य रासायनिक रंग पाया गया, जिसे नष्ट कर दिया गया।
प्रशिक्षण और सुधार आदेश
सभी कारोबारियों को भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के द्वारा अनिवार्य खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण प्राप्त करने का निर्देश दिया गया। उल्लंघनकर्ताओं को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 32 के अनुसार सुधार नोटिस जारी किया गया।
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इस निरीक्षण से पता चलता है कि गिरिडीह प्रशासन भोजन सुरक्षा और उपभोक्ता संरक्षण को गंभीरता से ले रहा है। औचक निरीक्षण और तत्काल सुधार आदेश यह सुनिश्चित करते हैं कि खाद्य प्रतिष्ठानों में गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित भोजन उपलब्ध हो। प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन न केवल व्यापारियों के लिए अनिवार्य है, बल्कि ग्रामीण और शहर के नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है।
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सुरक्षित भोजन, सजग नागरिक
हम सभी का कर्तव्य है कि उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूक रहें और गुणवत्तापूर्ण भोजन की मांग करें। अपने आस-पास के परिवार और मित्रों को खाद्य सुरक्षा नियमों के बारे में जानकारी दें, निरीक्षण और प्रशिक्षण की प्रक्रिया का समर्थन करें। कमेंट करें, खबर शेयर करें और स्वस्थ समाज के निर्माण में सक्रिय भागीदारी निभाएँ।











