
#रांची #नेतरहाटविद्यालय : राज्य के टॉप रेजिडेंशियल स्कूल में गिरा प्रदर्शन — शिक्षा मंत्री ने जताई चिंता, कमेटी गठित कर रिपोर्ट मांगी
- नेतरहाट विद्यालय के 5 छात्र पहली बार CBSE बोर्ड परीक्षा में फेल
- 2010 के बाद से शैक्षणिक स्तर में गिरावट पर मंत्री रामदास सोरेन ने जताई चिंता
- 18 शिक्षकों के भरोसे चल रहा 42 पदों वाला संस्थान
- फेल छात्रों के अध्ययन मूल्यांकन हेतु पूर्व छात्रों की बनेगी कमेटी
- विद्यालय की आधारभूत समस्याओं को DMFT फंड से सुधारने के निर्देश
नेतरहाट स्कूल की शिक्षा गुणवत्ता पर पहली बार उठा बड़ा सवाल
झारखंड के सबसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में से एक नेतरहाट आवासीय विद्यालय इस बार शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर विवादों में है। साल 2025 की CBSE बोर्ड परीक्षा में विद्यालय के 5 छात्र—10वीं में 1 और 12वीं में 4 छात्र—फेल हो गए, जो कि इस संस्थान के इतिहास में पहली बार हुआ है।
मंत्री ने जताई कड़ी नाराजगी, दिए जांच के आदेश
शुक्रवार को रांची स्थित एमडीआई भवन में आयोजित नेतरहाट विद्यालय समिति की बैठक में स्कूली शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने इस गिरते प्रदर्शन पर कड़ी नाराजगी जताई और कहा कि वर्ष 2010 के बाद से लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।
मंत्री रामदास सोरेन ने कहा: “विद्यालय में गिरती शिक्षा गुणवत्ता को गंभीरता से लेते हुए जांच कराई जाएगी। एक कमेटी पूर्व छात्रों की बनेगी जो फेल हुए छात्रों की पढ़ाई का स्तर एक सप्ताह तक मूल्यांकित करेगी।”
शिक्षकों की भारी कमी, जल्द भरने के निर्देश
बैठक में यह तथ्य सामने आया कि विद्यालय में 42 स्वीकृत शिक्षकों के पदों में से केवल 18 पद ही भरे हुए हैं, जो विद्यार्थियों की शैक्षणिक स्थिति को प्रभावित कर रहा है। इस पर मंत्री ने तत्काल रिक्त पद भरने और पूर्व छात्रों तथा पूर्व शिक्षकों को पढ़ाने के लिए आवेदन मंगाने का निर्देश दिया। इन्हें सम्मान राशि और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
कम अंकों पर शिक्षकों से होगी पूछताछ
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि 80 प्रतिशत से कम अंक लाने वाले छात्रों के मामलों में संबंधित शिक्षकों से जवाब-तलब किया जाएगा। साथ ही, विद्यालय में आश्रम व्यवस्था को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
विद्यालय के आधारभूत ढांचे में सुधार और अतिक्रमण हटाने की योजना
नेतरहाट विद्यालय की बुनियादी समस्याओं को दुरुस्त करने के लिए DMFT (जिला खनिज निधि) से धन उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही, विद्यालय परिसर में हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए लातेहार जिला प्रशासन से समन्वय की जिम्मेदारी विद्यालय प्राचार्य को सौंपी गई है।
न्यूज़ देखो: शिक्षा व्यवस्था में गिरावट को हल्के में न लें
नेतरहाट जैसे प्रतिष्ठित विद्यालय में फेल छात्रों की संख्या बढ़ना सिर्फ आंकड़ा नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था की चेतावनी है। न्यूज़ देखो मानता है कि शैक्षणिक संस्थानों की गुणवत्ता से ही भविष्य की दिशा तय होती है।
सरकार की तत्परता सराहनीय है, लेकिन यह आवश्यक है कि नियोजन, निगरानी और संसाधनों की पूर्ति समय पर हो।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
शिक्षा बचाओ, गुणवत्ता बढ़ाओ
हमारा भविष्य तभी उज्ज्वल होगा जब शिक्षा की नींव मजबूत होगी। नेतरहाट जैसे संस्थान की समस्याएं राज्य की चेतावनी हैं। आइए, हम सब मिलकर शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता बनाए रखने में अपनी भूमिका निभाएं।
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