
#गढ़वा #पूर्वमंत्रीश्रद्धांजलि : पुलिस लाइन परिसर में पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पण, जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में हुई अंतिम सलामी
- पूर्व मंत्री चंद्रशेखर दुबे का पार्थिव शरीर 12 जुलाई को गढ़वा लाया गया
- पुलिस लाइन में राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम सलामी
- उपायुक्त दिनेश कुमार यादव और एसपी अमन कुमार ने दी श्रद्धांजलि
- सैकड़ों लोग अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे, दो मिनट का मौन रखा गया
- अंतिम यात्रा वाराणसी के लिए रवाना, हजारों समर्थकों ने दी विदाई
गढ़वा में उमड़ा जनसैलाब, दी गई श्रद्धांजलि
झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री स्व. चंद्रशेखर दुबे के निधन के बाद उनका पार्थिव शरीर 12 जुलाई 2025 को गढ़वा पहुंचा। इस मौके पर पुलिस लाइन परिसर में एक शोकसभा और श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया।
राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम सलामी दी गई और बड़ी संख्या में आम नागरिक, जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।
गढ़वा उपायुक्त दिनेश कुमार यादव और पुलिस अधीक्षक अमन कुमार सहित कई जिला स्तरीय अधिकारी और गणमान्य लोग श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
दो मिनट का मौन, श्रद्धासुमन अर्पित
पुलिस लाइन परिसर में आयोजित इस श्रद्धांजलि सभा में पूर्व मंत्री स्व. दुबे जी के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा गया।

इस दौरान उपस्थित जनसमूह ने उनके सामाजिक, राजनीतिक और जनसेवा कार्यों को याद करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए।
जनता के मसीहा माने जाने वाले स्व. चंद्रशेखर दुबे के प्रति लोगों ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को नमन किया।
वाराणसी में होगा अंतिम संस्कार
गढ़वा में अंतिम दर्शन के उपरांत, निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार उनकी शव यात्रा गढ़वा से उनके पैतृक गांव होते हुए वाराणसी के लिए रवाना हुई।
जहां अंतिम संस्कार कार्यक्रम संपन्न होगा। इस यात्रा में हजारों समर्थक, कार्यकर्ता और शुभचिंतक शामिल हुए।
जिला प्रशासन द्वारा शव यात्रा और श्रद्धांजलि सभा की संपूर्ण व्यवस्था सम्मानजनक और अनुशासित ढंग से सुनिश्चित की गई।
न्यूज़ देखो: जनता के नेता को अंतिम विदाई
स्व. चंद्रशेखर दुबे सिर्फ एक राजनीतिक चेहरा नहीं, जनता के बीच गहरी पैठ रखने वाले जननेता थे।
गढ़वा की जनता ने जिस भावुकता और सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी, वह दर्शाता है कि वास्तविक जनसेवा कभी विस्मृत नहीं होती।
न्यूज़ देखो इस श्रद्धांजलि सभा के माध्यम से जननेता की स्मृति को संजोते हुए यह संकल्प लेता है कि उनके अधूरे जन सरोकारों की आवाज हम बुलंद करते रहेंगे।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
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