
#गढ़वा #सड़कदुर्घटना : पूर्व मंत्री ने परिजनों से मिलकर संवेदना व्यक्त की—प्रशासन को सड़क सुरक्षा पर सख्त कदम उठाने की नसीहत।
- मानपुर गांव में दो युवकों की सड़क दुर्घटना में मौत।
- पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने परिजनों से की मुलाकात।
- क्रशर व वाहन मालिक से ढाई–ढाई लाख रुपये सहयोग दिलाया।
- प्रशासन को यातायात सुधार व दुर्घटना रोकथाम की जिम्मेदारी निभाने की सलाह।
- एएसपी, डीटीओ, एसडीओ समेत अधिकारी भी मौके पर मौजूद।
गढ़वा जिले के रंका प्रखंड के मानपुर गांव में उस समय भावुक माहौल दिखा जब झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर सड़क दुर्घटना में मारे गए दो युवकों—अनिल राम (20 वर्ष) और राजू राम (22 वर्ष)—के परिजनों से मिलने पहुंचे। कुछ दिन पूर्व रंका–रमकंडा रोड पर हाईवा ट्रक से कुचलकर दोनों किशोरों की दर्दनाक मौत हो गई थी।
पूर्व मंत्री ने परिजनों को दी सांत्वना, दिलाया आर्थिक सहयोग
पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने पीड़ित परिवारों से मिलकर ढांढस बंधाया और कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा हमेशा दुख की घड़ी में परिवारों के साथ खड़ा है। उन्होंने पहल करते हुए क्रशर मालिक और वाहन मालिक से दोनों मृतकों के परिजनों को ढाई–ढाई लाख रुपये सहयोग राशि प्रदान कराई। उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकारी प्रावधानों के अनुसार सभी लाभ भी जल्द दिलाए जाएंगे।
घटना की जानकारी के बाद उनके साथ एएसपी राहुल देव, डीटीओ धीरज कुमार, रंका अनुमंडल पदाधिकारी रूद्र प्रताप सिंह, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी रोहित रंजन सिंह और थाना प्रभारी रवि केशरी समेत प्रशासनिक टीम भी गांव पहुंची। पूर्व मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि दोनों परिवारों को सभी सरकारी मदद समय पर मिले।
“यातायात पर प्रशासन तय करे जिम्मेवारी”—मिथिलेश ठाकुर
पूर्व मंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को मजबूत करने की जिम्मेदारी प्रशासन की है। उन्होंने परिवहन विभाग और पुलिस से बेहतर रणनीति बनाकर सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण की दिशा में सख्त कदम उठाने की अपील की, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
गांव ने जताया आभार
ग्रामीणों ने पूर्व मंत्री और अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। मानपुर गांव के मुखिया हासिम अंसारी ने कहा कि मिथिलेश ठाकुर एक संवेदनशील और जमीन से जुड़े नेता हैं जिनकी पहल से पीड़ित परिवारों को राहत मिली है।



न्यूज़ देखो: सड़क सुरक्षा पर गम्भीर हो सिस्टम
लगातार बढ़ती सड़क दुर्घटनाएँ एक संकेत हैं कि यातायात व्यवस्था में सुधार को लेकर प्रशासन को और अधिक सक्रिय होना होगा। समय पर जांच, सख्त निगरानी और अवैध रूप से चलने वाले भारी वाहनों पर कार्रवाई ही ऐसी घटनाओं को रोक सकती है।
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इंसानियत का साथ, समाज की जिम्मेदारी
दुःख की घड़ी में किसी परिवार का सहारा बनना समाज को मजबूत करता है। अब समय है कि हम सभी सड़क सुरक्षा को गंभीरता से लें और जागरूकता बढ़ाएं। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दूसरों तक पहुंचाएं ताकि संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा बढ़े।





