
#हुसैनाबाद #शोक_समाचार : सादगी, संस्कार और मातृत्व की मिसाल रहीं पतिराज कुंवर के निधन से समाज में गहरा दुःख
- हुसैनाबाद विधानसभा के पूर्व विधायक स्वर्गीय हरिहर सिंह की धर्मपत्नी पतिराज कुंवर का निधन।
- दुलहर गांव सहित पूरे क्षेत्र में शोक की लहर।
- विधायक संजय सिंह यादव ने व्यक्त की गहरी संवेदना।
- जिला परिषद उपाध्यक्ष आलोक कुमार सिंह उर्फ टूटू सिंह ने निधन को समाज के लिए अपूरणीय क्षति बताया।
- बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों ने जताया शोक।
हुसैनाबाद विधानसभा क्षेत्र से एक अत्यंत दुःखद समाचार सामने आया है। क्षेत्र के पूर्व विधायक स्वर्गीय हरिहर सिंह की धर्मपत्नी एवं दुलहर गांव निवासी पतिराज कुंवर का निधन हो गया है। उनके निधन की खबर मिलते ही पूरे हुसैनाबाद क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। समाज ने एक ऐसे व्यक्तित्व को खो दिया है, जो सादगी, संस्कार, करुणा और मातृत्व की प्रतिमूर्ति मानी जाती थीं। उनके जीवन मूल्य और सामाजिक व्यवहार ने उन्हें क्षेत्र में विशेष सम्मान दिलाया था।
पतिराज कुंवर केवल एक राजनेता की पत्नी भर नहीं थीं, बल्कि वे स्वयं भी सामाजिक जीवन में गहरी छाप छोड़ने वाली महिला थीं। परिवार, समाज और आसपास के लोगों के प्रति उनका व्यवहार हमेशा स्नेहपूर्ण और आत्मीय रहा। उनके निधन से उत्पन्न शून्य को भर पाना समाज के लिए अत्यंत कठिन बताया जा रहा है।
विधायक संजय सिंह यादव ने जताया गहरा शोक
दिवंगत पतिराज कुंवर के निधन पर हुसैनाबाद विधायक संजय सिंह यादव ने गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि—
“पतिराज कुंवर जी का जीवन सादगी, संस्कार और सामाजिक मूल्यों से परिपूर्ण रहा। वे परिवार और समाज दोनों के लिए प्रेरणास्रोत थीं। उनके निधन से जो शून्य उत्पन्न हुआ है, उसकी भरपाई संभव नहीं है।”
विधायक संजय सिंह यादव ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने और शोक संतप्त परिवार को इस दुःख को सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि समाज ऐसे व्यक्तित्वों को हमेशा याद रखेगा, जिन्होंने बिना किसी दिखावे के अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया।
जिला परिषद उपाध्यक्ष आलोक कुमार सिंह ने बताया अपूरणीय क्षति
इस दुःखद अवसर पर जिला परिषद उपाध्यक्ष आलोक कुमार सिंह उर्फ टूटू सिंह ने भी शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि—
“स्वर्गीय पतिराज कुंवर जी सभी के प्रति स्नेह और अपनत्व रखने वाली महिला थीं। उनका जाना समाज के लिए अपूरणीय क्षति है, जिसे लंबे समय तक महसूस किया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि पतिराज कुंवर का जीवन समाज के लिए एक उदाहरण था। वे जिस भी व्यक्ति से मिलती थीं, उसे अपनत्व और सम्मान का अनुभव कराती थीं। उनका सरल स्वभाव और मातृवत व्यवहार ही उनकी सबसे बड़ी पहचान थी।
क्षेत्र में शोक का माहौल
निधन की सूचना मिलते ही दुलहर गांव, हुसैनाबाद एवं आसपास के क्षेत्रों में शोक का माहौल व्याप्त हो गया। बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी और स्थानीय ग्रामीणों ने दिवंगत आत्मा के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। लोगों ने उनके जीवन को याद करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा समाज में शांति, सौहार्द और आपसी सम्मान को प्राथमिकता दी।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पतिराज कुंवर का घर हमेशा लोगों के लिए खुला रहता था। जरूरतमंदों की मदद करना और दुख-सुख में साथ खड़े रहना उनकी दिनचर्या का हिस्सा था। यही कारण है कि आज उनके निधन पर हर वर्ग का व्यक्ति शोकाकुल दिखाई दे रहा है।
पूर्व विधायक हरिहर सिंह के साथ सामाजिक भूमिका
स्वर्गीय हरिहर सिंह हुसैनाबाद विधानसभा क्षेत्र के एक चर्चित और प्रभावशाली विधायक रहे हैं। उनके राजनीतिक जीवन में पतिराज कुंवर की भूमिका एक मजबूत आधार के रूप में रही। वे हमेशा पर्दे के पीछे रहकर परिवार और सामाजिक दायित्वों को संभालती रहीं। सामाजिक कार्यक्रमों, पारिवारिक आयोजनों और जरूरतमंदों की सहायता में उनकी उपस्थिति और मार्गदर्शन महत्वपूर्ण माना जाता था।
लोगों का कहना है कि पतिराज कुंवर ने राजनीति के शोरगुल से दूर रहकर भी समाज में अपनी अलग पहचान बनाई। उनका जीवन यह संदेश देता है कि सादगी और संस्कार से भी समाज में गहरी छाप छोड़ी जा सकती है।
समाज ने खोया मातृस्वरूप व्यक्तित्व
क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि पतिराज कुंवर को एक मातृस्वरूप व्यक्तित्व के रूप में याद किया जाएगा। वे हर उम्र और हर वर्ग के लोगों के लिए सम्मान और स्नेह का भाव रखती थीं। उनका निधन केवल एक परिवार की क्षति नहीं, बल्कि पूरे समाज की क्षति है।
लोगों ने बताया कि उन्होंने कभी भी किसी को निराश नहीं लौटाया। उनकी यही विशेषता उन्हें समाज में विशेष स्थान दिलाती थी। आने वाली पीढ़ियों के लिए उनका जीवन एक प्रेरणा के रूप में याद रखा जाएगा।
न्यूज़ देखो: एक युग का शांत अवसान
पतिराज कुंवर का निधन हुसैनाबाद क्षेत्र के सामाजिक जीवन में एक शांत लेकिन गहरी छाप छोड़ने वाला क्षण है। ऐसे व्यक्तित्व समाज को बिना शोर के दिशा देते हैं। उनका जाना यह याद दिलाता है कि सादगी और संस्कार आज भी सबसे बड़े मूल्य हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
श्रद्धांजलि और संवेदना
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