#गढ़वा – राजनीति, समाजसेवा और शिक्षा में अहम योगदान देने वाले युगल किशोर पांडे को नम आंखों से दी गई अंतिम श्रद्धांजलि
- राजहरा स्थित झरना घाट पर हुआ अंतिम संस्कार, भारी संख्या में लोग हुए शामिल
- रांची के मेडिका अस्पताल में हुआ निधन, 82 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस
- 1980 में कांग्रेस विधायक निर्वाचित, जिला अध्यक्ष के रूप में निभाई संगठन की जिम्मेदारी
- सूरत पांडे डिग्री कॉलेज की स्थापना कर शिक्षा के क्षेत्र में दिया योगदान
- कई कांग्रेस नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जताया शोक
- जनसामान्य ने उनके राजहरा आवास पर किया अंतिम दर्शन
अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब, नम आंखों से दी गई विदाई
गढ़वा के पूर्व विधायक एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय युगल किशोर पांडे को आज सोमवार को राजहरा स्थित लबजी नदी के झरना घाट पर अंतिम विदाई दी गई। शिव मंदिर के समीप घाट पर उनका अंतिम संस्कार विधिपूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें कांग्रेस कार्यकर्ता, समाजसेवी, शिक्षाविद और सैकड़ों स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।
सभी ने पुष्प अर्पित कर एवं नमन करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि दी, और ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की।
विश्रामपुर विधानसभा से कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी सुधीर कुमार चंद्रवंशी, युवा समाजसेवी विवेक कुमार शुक्ला, रामप्रवेश सिंह, सुरेंद्र यादव, मंदिर चंद्रवंशी, पंकज लाल दुबे, सुरेंद्र कुमार यादव और विकास कुमार यादव सहित अनेक स्थानीय कार्यकर्ताओं एवं समाजसेवियों ने घाट पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की और दिवंगत नेता की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
रांची के मेडिका में ली अंतिम सांस, लंबे समय से चल रहे थे अस्वस्थ
रविवार सुबह रांची के मेडिका अस्पताल में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। वे 82 वर्ष के थे और किडनी फेल हो जाने के कारण गंभीर स्थिति में भर्ती थे। उन्होंने प्रातः 6:00 बजे अंतिम सांस ली, जिससे गढ़वा जिले में शोक की लहर दौड़ गई।
सामाजिक, राजनीतिक और शैक्षणिक योगदान में रहा अग्रणी स्थान
राजहरा गांव के निवासी स्वर्गीय युगल किशोर पांडे, पलामू के सुप्रसिद्ध समाजसेवी स्वर्गीय सूरत पांडे के ज्येष्ठ पुत्र थे।
एकीकृत बिहार के समय उन्होंने श्रेणी ‘ए’ के ठेकेदार के रूप में कार्य किया और बाद में स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय जग नारायण पाठक से प्रेरित होकर राजनीति में कदम रखा।
वर्ष 1980 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर गढ़वा विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए। इसके बाद उन्होंने गढ़वा जिला कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में संगठन को मजबूती प्रदान की और जिले की राजनीति में अपनी पहचान बनाई।
शिक्षा के क्षेत्र में अमिट छाप: सूरत पांडे डिग्री कॉलेज की स्थापना
वर्ष 1983 में अपने पिता की स्मृति में उन्होंने ‘सूरत पांडे डिग्री कॉलेज’ की स्थापना की, जो आज गढ़वा जिले का प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थान है। उनके इस कार्य से हजारों छात्रों को उच्च शिक्षा का अवसर मिला और क्षेत्रीय शिक्षा विकास को नया आयाम मिला।
राजहरा आवास पर उमड़ी भीड़, नेताओं और नागरिकों ने दी श्रद्धांजलि
सुबह 8:00 बजे उनका पार्थिव शरीर राजहरा स्थित आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया, जहां आम लोगों के साथ-साथ कई राजनीतिक, सामाजिक और शैक्षणिक क्षेत्र की हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
कांग्रेस नेताओं ने उनके निधन को पार्टी और समाज के लिए अपूरणीय क्षति बताया, साथ ही उनके त्याग, निष्ठा और नेतृत्व के लिए कृतज्ञता जताई। स्थानीय नागरिकों ने स्व. पांडे के प्रति अपने स्नेह और सम्मान को अंतिम विदाई में दिखाया।



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