
#लातेहार #दुर्गापूजा : सरईडीह शिव मंदिर प्रांगण में चार दिवसीय भक्ति जागरण और सांस्कृतिक कार्यक्रम की हुई शुरुआत
- सरईडीह शिव मंदिर परिसर में चार दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ।
- मुख्य अतिथि एसआई श्याम नारायण ओझा और समिति पदाधिकारियों ने किया उद्घाटन।
- रामायण पर आधारित नाट्य प्रस्तुति से समाज को धर्म और अच्छाई का संदेश।
- नवमी की शाम 5 बजे आयोजित होगा डांडिया नाइट कार्यक्रम।
- बड़ी संख्या में ग्रामीण और श्रद्धालुओं की उपस्थिति।
- दुर्गा पूजा समिति ने सहयोग और शांति बनाए रखने की अपील की।
बरवाडीह प्रखंड अंतर्गत सरईडीह बाजार स्थित शिव मंदिर के प्रांगण में रविवार की रात दुर्गा पूजा अवसर पर आयोजित चार दिवसीय भक्ति जागरण सह सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। पूरे आयोजन का वातावरण भक्तिमय और सांस्कृतिक रंगों से सराबोर रहा।
विधिवत उद्घाटन और आशीर्वचन
कार्यक्रम का उद्घाटन बरवाडीह थाना में पदस्थापित सब इंस्पेक्टर श्याम नारायण ओझा, शिव मंदिर के संरक्षक जोखन प्रसाद, अध्यक्ष ओमप्रकाश गुप्ता, उमेश प्रसाद, अशीष प्रसाद, आशुतोष सिंह, अरुण सिंह, प्रमोद सिंह, ललन किशोर सिंह और मंदिर के पंडित जी ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया। इस अवसर पर मंदिर के संरक्षक और अध्यक्ष ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए रामायण पर आधारित नाट्य प्रस्तुति के महत्व पर प्रकाश डाला।
संरक्षक जोखन प्रसाद ने कहा: “आजकल लोग व्यस्तता के कारण रामायण पढ़ नहीं पाते, इसलिए हर साल इस नाट्य प्रस्तुति के जरिए लोगों को धर्म से जुड़ने और अच्छाई की राह पर चलने का संदेश दिया जाता है।”
अध्यक्ष ओमप्रकाश गुप्ता ने कहा: “हम चाहते हैं कि श्रद्धालु शांतिपूर्ण माहौल में इस कार्यक्रम का आनंद लें और धर्म व संस्कृति से जुड़े रहें।”
रामायण आधारित नाट्य मंचन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ
चार दिवसीय इस कार्यक्रम की मुख्य आकर्षण रामायण पर आधारित नाटक है, जिसके जरिए समाज को धर्म, सत्य और अच्छाई का संदेश दिया जा रहा है। आयोजन समिति का उद्देश्य है कि लोग मनोरंजन के साथ-साथ धार्मिक ग्रंथों से सीख लेकर अपने जीवन में उतारें।
सांस्कृतिक मंच पर स्थानीय कलाकारों ने देवी स्तुति, भक्ति गीत और लोकनृत्यों की शानदार प्रस्तुति दी। दर्शकों ने तालियों और जयघोष से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।
डांडिया नाइट का आयोजन
कार्यक्रम की विशेषता यह भी है कि नवमी के दिन शाम 5 बजे से डांडिया नाइट का आयोजन होगा, जिसमें स्थानीय युवाओं और महिलाओं की भागीदारी रहेगी। इससे न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक एकता और उत्सव का रंग और गहरा होगा।
उपस्थित श्रद्धालु और ग्रामीण
मौके पर नवल प्रसाद, संजीव प्रसाद सहित समिति के कई गणमान्य लोग और बड़ी संख्या में ग्रामीण जनता व दर्शक मौजूद थे। श्रद्धालुओं की उत्साही भीड़ ने पूरे वातावरण को भक्तिमय और उत्सवधर्मी बना दिया।

न्यूज़ देखो: परंपरा और आधुनिकता का संगम
बरवाडीह का यह आयोजन सिर्फ पूजा-पाठ तक सीमित नहीं, बल्कि धार्मिक मूल्यों और सांस्कृतिक विविधता को समाज तक पहुँचाने का माध्यम भी है। रामायण मंचन से लेकर डांडिया नाइट तक, यह कार्यक्रम नई और पुरानी पीढ़ी को एकजुट कर रहा है। यह सराहनीय है कि पूजा समिति समाज को धर्म से जोड़ने और सौहार्द बनाए रखने का निरंतर प्रयास कर रही है।
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संस्कृति और धर्म से जुड़े रहें
यह आयोजन हमें याद दिलाता है कि उत्सव केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि जीवन के मूल्यों को समझने का अवसर भी होते हैं। जब समाज सामूहिक रूप से धर्म और संस्कृति को आगे बढ़ाता है, तभी परंपरा जीवित रहती है। आइए, इस दुर्गा पूजा पर हम सब मिलकर शांति, भाईचारा और सांस्कृतिक गौरव को मजबूत करने का संकल्प लें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाएँ और इस प्रेरणा को साझा करें।