Giridih

गिरिडीह के पथलडीहा में चार बुजुर्ग बने गांव के प्रहरी, पुलिस मित्र बनकर कर रहे सुरक्षा

Join News देखो WhatsApp Channel
#गिरिडीह #ग्रामीणसुरक्षा : चोरी और जंगली जानवरों से परेशान होकर बुजुर्गों ने उठाया जिम्मा
  • गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड के पथलडीहा गांव के चार बुजुर्ग कर रहे हैं रात में पहरा।
  • चोरी और फसलों की बर्बादी से परेशान ग्रामीणों ने किया इनका समर्थन।
  • बुजुर्ग बिना किसी लालच और स्वार्थ के कर रहे हैं गांव की सुरक्षा।
  • हाथियों और जंगली सूअरों से बचा रहे फसलों को, ग्रामीण कर रहे प्रशंसा।
  • गांव के लोग कह रहे – ये हैं असली ‘पुलिस मित्र’

गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड की औरा पंचायत के पथलडीहा गांव में चार बुजुर्गों ने मिसाल कायम की है। गांव में लगातार चोरी और जंगली जानवरों से फसलों के नुकसान से परेशान ग्रामीणों को राहत देने के लिए इन बुजुर्गों ने खुद पहल की। वे पिछले एक महीने से रात में गांव की सुरक्षा कर रहे हैं और पूरी तरह नि:स्वार्थ भाव से सेवा में लगे हुए हैं।

क्यों उठानी पड़ी जिम्मेदारी

ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से टोले-मोहल्ले में छोटी-मोटी चोरी बढ़ गई थी। वहीं खेतों में लगी फसलें भी बार-बार हाथियों और जंगली सूअरों द्वारा बर्बाद की जा रही थीं। इससे गांव की अर्थव्यवस्था और लोगों की मेहनत पर पानी फिरने लगा था। ऐसे हालात में गांव के इन चार बुजुर्गों ने आगे बढ़कर पहरा देने की जिम्मेदारी ली।

पुलिस मित्र की तरह निभा रहे भूमिका

इन बुजुर्गों ने न केवल रातभर जागकर चौकसी करनी शुरू की बल्कि लोगों को भी सतर्क रहने की सीख दी। वे पूरी निष्ठा के साथ गांव के प्रहरी बन गए हैं। ग्रामीण कहते हैं कि यह काम प्रशासन या पुलिस से कम नहीं है। इस पहल ने पूरे गांव का मनोबल बढ़ाया है और लोग इन्हें असली ‘पुलिस मित्र’ कहकर सम्मानित कर रहे हैं।

ग्रामीणों की प्रतिक्रिया

ग्रामीणों का कहना है कि इनकी वजह से अब चोरी की घटनाओं पर काफी हद तक रोक लगी है और खेतों में लगी फसलें भी सुरक्षित हैं। बच्चे और महिलाएं भी रात में निश्चिंत होकर सो पा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इन बुजुर्गों की मेहनत और सेवाभाव सभी के लिए प्रेरणादायी है।

न्यूज़ देखो: सुरक्षा का नया मॉडल

पथलडीहा गांव के इन चार बुजुर्गों ने यह साबित किया है कि समाज में बदलाव और सुरक्षा के लिए केवल सरकारी तंत्र पर निर्भर रहना जरूरी नहीं है। सामूहिक जिम्मेदारी और सेवाभाव से हर समस्या का समाधान संभव है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सेवाभाव से बने मिसाल

ये बुजुर्ग दिखा रहे हैं कि निस्वार्थ सेवा ही असली ताकत है। आइए हम भी अपने गांव-समाज के लिए जिम्मेदारी निभाएं। अपनी राय कमेंट में लिखें और इस प्रेरक खबर को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक साझा करें।

📥 Download E-Paper

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250925-WA0154
IMG-20250604-WA0023 (1)
IMG-20251017-WA0018
IMG-20250610-WA0011
1000264265
IMG-20250723-WA0070
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Surendra Verma

डुमरी, गिरिडीह

Related News

Back to top button
error: