
#रामगढ़ #खनन_हादसा : कुजू ओपी क्षेत्र की घटना — मृतकों के परिजनों और ग्रामीणों के आक्रोश के बाद रात 2 बजे तक चली त्रिपक्षीय वार्ता
- अवैध खनन के दौरान चाल धंसने से चार मजदूरों की दर्दनाक मौत
- शवों को परियोजना कार्यालय के सामने रखकर पूरी रात चला विरोध प्रदर्शन
- सीसीएल, प्रशासन और राजनीतिक दलों के बीच वार्ता के बाद बनी सहमति
- 8 लाख मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी देने पर बनी बात
- मृतकों की पहचान: इम्तियाज, रामेश्वर मांझी, वकील करमाली, निर्मल मुंडा
चाल धंसने से चार की मौत, खदान परिसर में मचा हड़कंप
रामगढ़ जिले के कुजू ओपी क्षेत्र अंतर्गत करमा परियोजना के महुआतुंगरी इलाके में शनिवार सुबह अवैध खनन के दौरान बड़ा हादसा हो गया।
खनन के क्रम में अचानक चाल धंसने से चार मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जिससे क्षेत्र में हड़कंप और आक्रोश का माहौल बन गया।
परिजनों का उग्र विरोध, शव रखकर पूरी रात प्रदर्शन
घटना के बाद मृतकों के परिजन और स्थानीय ग्रामीण सीसीएल प्रबंधन के खिलाफ मुआवजे और कार्रवाई की मांग को लेकर सड़क पर उतर आए।
शवों को परियोजना पदाधिकारी कार्यालय के सामने रखकर पूरी रात विरोध प्रदर्शन किया गया।
प्रबंधन पर लापरवाही और जल्दबाज़ी में शव हटाने का आरोप लगाया गया।
देर रात बनी सहमति, मुआवजा और नौकरी देने का वादा
शनिवार देर रात सीसीएल प्रबंधन, जिला प्रशासन और राजनीतिक दलों के बीच त्रिपक्षीय वार्ता हुई।
करीब दो घंटे चली बातचीत के बाद समझौता हुआ कि:
- प्रत्येक मृतक के परिजन को 1.70 लाख रुपये सीसीएल से
- 30 हजार रुपये जिला प्रशासन की ओर से
- प्रत्येक परिवार से एक सदस्य को आउटसोर्सिंग कंपनी में नौकरी
इस तरह कुल 8 लाख रुपये मुआवजा और एक नौकरी का वादा किया गया।
मृतकों की पहचान और सहमति पत्र पर हस्ताक्षर
हादसे में जान गंवाने वाले चार मजदूरों की पहचान:
- मोहम्मद इम्तियाज
- रामेश्वर मांझी
- वकील करमाली
- निर्मल मुंडा के रूप में हुई है।
परिजनों गुलशन करमाली, बुधन मांझी, मोहम्मद मुमताज और विजय करमाली ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए।
सीसीएल की ओर से कार्मिक प्रबंधक अविनाश कुमार श्रीवास्तव, संजय कुमार सिंह और परियोजना पदाधिकारी रामेश्वर मुंडा भी समझौते में शामिल रहे।
क्या था हादसे का पूरा घटनाक्रम?
शनिवार तड़के कुछ ग्रामीण अवैध खनन के उद्देश्य से सीसीएल के लीज क्षेत्र में घुसे थे।
इसी दौरान अचानक ज़मीन धंस गई और चारों मजदूर कोयले के नीचे दब गए।
सीसीएल पर समय से कार्रवाई न करने और सुरक्षा चूक का आरोप स्थानीय लोगों ने लगाया।
घटना के बाद पूरे क्षेत्र में गंभीर नाराज़गी और प्रशासनिक चुप्पी देखी गई।
न्यूज़ देखो: हादसा या लापरवाही — सवालों के घेरे में खनन व्यवस्था
यह घटना केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि झारखंड के खनन क्षेत्र में व्याप्त अनियमितताओं और अवैध खनन के खतरे की गवाही है।
न्यूज़ देखो का मानना है कि
प्रशासन और कंपनियों को अवैध खनन पर सख्ती से रोक लगाने की ज़रूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाओं को रोका जा सके।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
अवैध खनन पर लगे रोक, मजदूरों की सुरक्षा हो प्राथमिकता
खनन क्षेत्र में सुरक्षा मानकों की अनदेखी और प्रशासनिक उदासीनता बार-बार लोगों की जान ले रही है।
सरकार और खनन कंपनियों को चाहिए कि वे नियमों को कड़ाई से लागू करें और मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
क्योंकि कोई भी मुआवजा एक जान की भरपाई नहीं कर सकता।