#गढ़वा #श्रीमद्भागवतकथा : कृष्ण वाटिका में चल रही कथा से भक्ति में डूबा शहर और गांव — भक्तगण रोज जुट रहे हैं बड़ी संख्या में
- वृंदावन से पधारे आचार्य कुंज बिहारी शुक्ला जी के श्रीमुख से चल रही संगीतमयी कथा
- कृष्ण-राधा और श्रीराम के जीवन प्रसंगों पर आधारित कथा, भावपूर्ण भजन-कीर्तन से भक्त हो रहे भावविभोर
- कृष्ण वाटिका, कृषि विज्ञान केंद्र के सामने, पिपरा कला में हो रहा आयोजन
- 10 जुलाई से 16 जुलाई तक प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से सायं 7:30 बजे तक हो रहा है कथा का आयोजन
- विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, दुर्गा मंदिर फॉरेस्ट कॉलोनी के पुजारी सहित अनेक श्रद्धालुओं का सहयोग
संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा में राधा-कृष्ण और श्रीराम की लीलाओं की झलक
गढ़वा शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में इस समय भक्ति का माहौल चरम पर है। 10 जुलाई से 16 जुलाई तक चल रहे श्रीमद् भागवत कथा आयोजन का आज चौथा दिन रहा, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति में वृंदावन से पधारे आचार्य पंडित कुंज बिहारी शुक्ला जी ने राधा-कृष्ण और प्रभु श्रीराम की लीलाओं को संगीतमयी शैली में प्रस्तुत किया।
कथा स्थल कृष्ण वाटिका, कृषि विज्ञान केंद्र के सामने, पिपरा कला में सुबह से ही श्रद्धालुओं का आवागमन शुरू हो गया, और दोपहर 3 बजे जैसे ही कथा आरंभ हुई, भजन, कीर्तन और आरती की मधुर ध्वनि से पूरा वातावरण भक्ति में रम गया। कथा के साथ-साथ श्रीमद् भागवत गीता पर पुष्प अर्पण कर भक्तों ने अपनी श्रद्धा प्रकट की।
स्थानीय सहयोग से साकार हो रहा है यह दिव्य आयोजन
कथा आयोजन में गढ़वा के प्रमुख सामाजिक और धार्मिक संगठनों का सहयोग मिल रहा है। विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, और दुर्गा मंदिर फॉरेस्ट कॉलोनी के पुजारी संजय कुमार सहित अनेक भक्त आयोजन में जुटे हैं। सहयोगकर्ताओं में प्रभु दुबे, श्यामानंद दुबे, अनिल तिवारी, पंकज मिश्रा और उनकी पूरी टीम, दिलीप तिवारी, अरुण दुबे, बृजेश कुमार पांडे, जितेंद्र यादव, आनंद शाह, अरविंद तिवारी, सियाराम पांडे, रमाकांत उपाध्याय जैसे कई श्रद्धालु अपना समय और सेवा समर्पित कर रहे हैं।
दिन-प्रतिदिन बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या
कथा स्थल पर हर दिन भक्तों की संख्या में वृद्धि हो रही है, और भक्त “जय श्री कृष्णा”, “राधे-राधे”, “जय श्रीराम”, “बोल बम”, “हर-हर महादेव” के जयघोषों से आसपास के पूरे क्षेत्र को भक्तिरस में सराबोर कर रहे हैं। आयोजन समिति के अनुसार, आगामी तीन दिनों में भीड़ और अधिक बढ़ने की संभावना है, जिसके लिए व्यवस्थाएं चाक-चौबंद की जा रही हैं।



न्यूज़ देखो: गढ़वा में धर्म-संस्कृति का सजीव उत्सव
न्यूज़ देखो की टीम ने देखा कि यह आयोजन केवल कथा का माध्यम नहीं, बल्कि गढ़वा की धार्मिक चेतना और सामाजिक समरसता का प्रतीक बन चुका है। धर्म, सेवा और समाज के बीच सेतु का काम कर रही यह कथा, युवाओं और बुजुर्गों सभी को जोड़ रही है।
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ऐसे आयोजनों से समाज में धार्मिक आस्था के साथ सामाजिक एकता भी मजबूत होती है। इस सकारात्मक प्रयास को साझा करें, अपने मित्रों व परिवारजनों तक पहुंचाएं और गढ़वा की इस सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाएं।