
#पलामू #फोर्थग्रेडबहाली : सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद बदला बहाली का आधार, 585 पदों पर होगी नियुक्ति, 35 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने किया आवेदन
- पलामू में फोर्थ ग्रेड पदों पर अब होगी लिखित परीक्षा के आधार पर बहाली
- मैट्रिक के अंकों के आधार पर हो रही नियुक्ति को लेकर अभ्यर्थियों में था असंतोष
- सीएम हेमंत सोरेन ने नियुक्ति प्रक्रिया पर अस्थायी रोक लगाकर मामले की संवेदनशीलता को माना
- कैबिनेट स्वीकृति के बाद मुख्य सचिव ने डीसी पलामू को जारी किया निर्देश
- 18 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में होगी बर्खास्त कर्मियों की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद बदला बहाली का फार्मेट
पलामू में फोर्थ ग्रेड बहाली अब लिखित परीक्षा के आधार पर की जाएगी। यह घोषणा झारखंड सरकार के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने की है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पहले की गई नियुक्ति को रद्द कर दिया गया, और पलामू डीसी को छह माह में प्रक्रिया दोबारा शुरू करने का आदेश मिला था।
प्रारंभिक विज्ञापन के अनुसार मैट्रिक के अंकों के आधार पर बहाली की बात कही गई थी, लेकिन इस पर आंदोलन शुरू हो गया। अभ्यर्थियों की मांग थी कि मेरिट लिस्ट की जगह पारदर्शिता के लिए लिखित परीक्षा कराई जाए।
कैबिनेट बैठक में उठाया गया मुद्दा, मुख्यमंत्री ने दिया निर्देश
वित्त मंत्री ने बताया कि उन्होंने यह मुद्दा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष कैबिनेट बैठक में उठाया, जहाँ मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएम ने नियुक्ति प्रक्रिया पर अस्थायी रोक लगा दी। बाद में 11 जुलाई 2025 को मंत्री परिषद की बैठक में इसे पुनः उठाया गया, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने लिखित परीक्षा से बहाली को मंजूरी दी।
35 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने दिया आवेदन
जानकारी के अनुसार पलामू जिले में कुल 585 फोर्थ ग्रेड पदों पर बहाली होनी है, जिसके लिए 5 जुलाई अंतिम आवेदन तिथि थी। करीब 35,000 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। अब मुख्य सचिव अलका तिवारी द्वारा डीसी पलामू को लिखित परीक्षा कराने का निर्देश दे दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट में 18 जुलाई को होगी सुनवाई
इधर, बर्खास्त किए गए पूर्व फोर्थ ग्रेड कर्मियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई 2025 को निर्धारित है।
न्यूज़ देखो: युवाओं की मांग को मिला न्यायिक समर्थन
पलामू में चल रही फोर्थ ग्रेड बहाली प्रक्रिया में पारदर्शिता की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री और सरकार द्वारा संवेदनशीलता दिखाते हुए परीक्षा आधारित बहाली को मंजूरी देना, युवाओं की अपेक्षा और विश्वास का उत्तर है।
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परीक्षा आधारित प्रक्रिया से ही मिलेगी योग्य उम्मीदवारों को पहचान
फोर्थ ग्रेड जैसी नियुक्तियों में पारदर्शिता, निष्पक्षता और योग्यता के आधार पर चयन होना ही समाज के लिए लाभकारी है। इस फैसले से योग्य उम्मीदवारों को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।