
#पलामू #फोर्थग्रेड_बहाली — वित्त मंत्री के बयान के बावजूद स्थगन पर स्पष्ट निर्देश नहीं, अभ्यर्थी और बर्खास्त अनुसेवक आंदोलनरत
- जिला प्रशासन को अब तक स्थगन का कोई आदेश नहीं मिला
- 13 जून को 585 पदों पर बहाली को लेकर विज्ञापन जारी किया गया
- पांच जुलाई तक रजिस्टर्ड डाक से आवेदन मांगे गए हैं
- मैट्रिक के अंक के आधार पर मेरिट बनाये जाने पर आपत्ति
- बर्खास्त अनुसेवक कर रहे हैं समायोजन की मांग
सरकार से नहीं मिला कोई स्थगन आदेश, प्रक्रिया जारी
पलामू जिला में फोर्थ ग्रेड के 585 पदों पर बहाली की प्रक्रिया अभी भी जारी है, क्योंकि जिला प्रशासन को अब तक झारखंड सरकार की ओर से कोई स्थगन आदेश प्राप्त नहीं हुआ है।
हालांकि कुछ दिनों पूर्व राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर यह जानकारी दी थी कि बहाली की प्रक्रिया स्थगित की जा रही है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।
अपर समाहर्ता ने दी स्पष्ट जानकारी
पलामू के अपर समाहर्ता कुंदन कुमार ने मंगलवार को स्पष्ट कहा कि इस संबंध में सरकार से कोई भी आदेश या सूचना प्राप्त नहीं हुई है।
जिला प्रशासन ने 13 जून को बहाली के लिए विज्ञापन जारी किया था, जिसके अनुसार 5 जुलाई तक निबंधित डाक से आवेदन भेजे जा सकते हैं।
मेरिट व्यवस्था पर अभ्यर्थियों की आपत्ति
विज्ञापन में फोर्थ ग्रेड पदों पर चयन के लिए मैट्रिक के अंक को मेरिट मानने की बात कही गई है, जिस पर कई अभ्यर्थियों ने आपत्ति दर्ज की है।
उनकी मांग है कि बहाली परीक्षा के माध्यम से की जाए और स्थानीय उम्मीदवारों को वरीयता दी जाए।
बर्खास्त अनुसेवकों का समायोजन की मांग को लेकर विरोध
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पलामू में 251 अनुसेवकों को बर्खास्त कर दिया गया था।
अब बहाली प्रक्रिया शुरू होने पर पूर्व अनुसेवक भी आंदोलनरत हैं और अपनी सेवा को समायोजित करने की मांग कर रहे हैं।
अभ्यर्थी और अनुसेवक, दोनों वर्ग बहाली की प्रक्रिया को लेकर सरकार से पारदर्शिता और स्पष्ट नीति की मांग कर रहे हैं।
न्यूज़ देखो: बहाली प्रक्रिया में पारदर्शिता और संवाद जरूरी
पलामू जिले में फोर्थ ग्रेड बहाली को लेकर बनी स्थिति शासन-प्रशासन के बीच स्पष्ट समन्वय की कमी को उजागर करती है।
जब वित्त मंत्री के बयान और प्रशासनिक कार्रवाई में भिन्नता हो, तो अभ्यर्थियों में भ्रम और असंतोष पैदा होता है।
न्यूज़ देखो सरकार से अपेक्षा करता है कि बहाली से जुड़ी हर सूचना को आधिकारिक रूप से साझा किया जाए ताकि प्रत्याशी और पूर्व अनुसेवक अनिश्चितता से बाहर निकल सकें।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जागरूक बनें, अधिकार मांगें
सरकारी नौकरियों की बहाली जैसी संवेदनशील प्रक्रिया में जनता की जागरूकता, पारदर्शिता और जवाबदेही सबसे अहम है।
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