#पलामू #आवास_फर्जीवाड़ा : पंचायत कर्मियों की मिलीभगत से हुए घोटाले से ग्रामीणों में भारी आक्रोश
- सगालीम पंचायत में पति-पत्नी दोनों को मिला प्रधानमंत्री आवास योजना व अबुआ आवास योजना का लाभ।
- कई लाभुकों का आवास किसी अन्य व्यक्ति को आवंटित, वास्तविक गरीब वंचित।
- रीता देवी ने पंचायत मुखिया पर ₹10,000 वसूली का आरोप लगाया।
- जागरूक ग्रामीणों ने बीडीओ, उपायुक्त और राज्य सरकार को आवेदन देने का निर्णय लिया।
- मुखिया सुनील प्रजापति बोले—गड़बड़ी मिली तो राशि रिकवरी होगी।
पांकी प्रखंड के सगालीम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना और अबुआ आवास योजना में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत कर्मियों और अधिकारियों की मिलीभगत से पति-पत्नी को डबल लाभ दिया गया, जबकि कई असली गरीब परिवार आज भी जर्जर घरों और प्लास्टिक शेड में रहने को मजबूर हैं। इस खुलासे से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ गया है और उन्होंने सामूहिक रूप से कार्रवाई की मांग उठाई है।
ग्रामीणों का बड़ा आरोप
ग्रामीणों ने खुलासा किया कि पंचायत के किरण देवी (पति सुरेंद्र सिंह), अनुराधा देवी (पति अशोक मांझी), रीना देवी (पति संजय कुमार), संगीता देवी (पति सनोज राम) को आवास योजना का लाभ मिल चुका है। आरोप है कि इनमें से कुछ को दोहरी सुविधा दी गई। वहीं, रीना देवी का आवास किसी अन्य महिला को दे दिया गया और अश्विन कुमार का आवास भी किसी अन्य को आवंटित कर दिया गया।
ग्रामीणों ने कहा कि पंचायत में कई संपन्न परिवारों को लाभ मिल गया, लेकिन वास्तविक जरूरतमंद गरीबों को वंचित रखा गया।
जर्जर घर में रह रही रीता देवी की पीड़ा
परसिया पीरी मोड़ गांव की रीता देवी ने बताया कि वे और उनका परिवार जर्जर घर और प्लास्टिक के सहारे जीवनयापन कर रहे हैं। उन्होंने पंचायत के मुखिया पर ₹10,000 की वसूली का आरोप लगाते हुए कहा कि गरीबी और लाचारी के बावजूद उन्हें योजना का लाभ नहीं दिया गया।
पंचायत में अन्य योजनाओं में भी गड़बड़ी
ग्रामीण राजमणि सिंह, अजीत प्रजापति और राजेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि केवल आवास योजना ही नहीं बल्कि मनरेगा और 14वें वित्त आयोग की राशि में भी बड़े स्तर पर हेरा-फेरी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए तो कई बड़े घोटाले उजागर होंगे।
ग्रामीणों की मांग और अगली कार्रवाई
ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि वे इस संबंध में लिखित आवेदन प्रखंड विकास पदाधिकारी, पलामू उपायुक्त और झारखंड सरकार को सौंपेंगे। उनका कहना है कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, वे आंदोलन भी कर सकते हैं।
मुखिया का बयान और प्रशासन की चुप्पी
पंचायत मुखिया सुनील प्रजापति ने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है। यदि गड़बड़ी पाई गई तो राशि की रिकवरी की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ दिन पहले ही एक लाभुक से राशि रिकवरी की गई थी।
इस बीच, जब मामले पर प्रखंड विकास पदाधिकारी ललित प्रसाद सिंह से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। इससे ग्रामीणों की नाराजगी और बढ़ गई है।
न्यूज़ देखो: गरीबों के हक पर डाका
सगालीम पंचायत का यह मामला यह दर्शाता है कि योजनाओं का लाभ असल हकदारों तक नहीं पहुंच पा रहा और भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हो चुकी हैं। यह प्रशासन और सरकार दोनों की जिम्मेदारी है कि इस तरह की गड़बड़ियों पर तुरंत संज्ञान लिया जाए और वास्तविक लाभुकों तक योजना का फायदा पहुंचे।
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जागरूक नागरिक ही रोक सकते हैं फर्जीवाड़ा
आवास जैसी योजनाओं का असली उद्देश्य तभी पूरा होगा जब हर जरूरतमंद तक इसका लाभ पहुंचे। अब समय है कि हम सभी नागरिक जागरूक बनें और ऐसी गड़बड़ियों को उजागर करने में प्रशासन का सहयोग करें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को शेयर करें और जिम्मेदारी निभाएं।