दुमका में मजदूरों के साथ ठगी: दो एजेंटों पर 3 लाख से ज्यादा मजदूरी राशि हड़पने का आरोप

#दुमका #प्रवासी_मजदूर_शोषण – गरीब आदिवासी मजदूरों ने लगाया गंभीर आरोप, मजदूरी न मिलने पर प्रशासन से लगाई गुहार

हिमाचल के नाम पर भेजा, पैसा तक नहीं दिया

झारखंड के दुमका जिले से 18 गरीब आदिवासी मजदूरों को बेहतर मजदूरी के नाम पर हिमाचल प्रदेश के बीआरओ परियोजना में काम कराने के लिए भेजा गया, लेकिन लौटने के बाद मजदूरी की एक भी राशि नहीं मिली। इन मजदूरों ने दो एजेंटों कुदुस अंसारी (हाथियापाथर, टोंगरा थाना) और नजरूल अंसारी (खेडबना, शिकारीपाड़ा थाना) पर 3 लाख 6 हजार रुपये गबन का आरोप लगाया है।

मजदूरों का कहना है कि वर्ष 2024 के नवंबर में एजेंटों ने उन्हें हिमाचल प्रदेश के 108 आरसीसी यूनिट में प्रति माह 17,000 रुपये मजदूरी पर काम दिलाने की बात कहकर भेजा। सभी मजदूरों ने वहां कड़ी मेहनत के बाद भी अपना मेहनताना नहीं पाया

मजदूरी की जगह मिली धोखाधड़ी

एजेंटों ने न सिर्फ मजदूरी की रकम खुद रख ली, बल्कि सभी मजदूरों के नाम पर बने एटीएम कार्ड भी अपने पास रख लिए। अब मजदूरों के पास न तो पैसा है और न ही बैंक तक पहुंच।

इनमें से अधिकतर मजदूर आदिवासी पहाड़िया समुदाय से आते हैं, जो आर्थिक रूप से बेहद पिछड़े और शिक्षित संसाधनों से वंचित हैं। उन्हें पहले अच्छी मजदूरी का झांसा दिया गया और फिर काम के बदले ठगी का शिकार बना दिया गया।

उच्चाधिकारियों को सौंपा गया आवेदन

18 मजदूरों ने संयुक्त रूप से पुलिस अधीक्षक, उपायुक्त, श्रम अधीक्षक और दुमका विधायक को आवेदन सौंपा है। उन्होंने साफ कहा है कि अगर जल्द मजदूरी की राशि नहीं दिलाई गई, तो सभी मजदूर आंदोलन को मजबूर होंगे

मजदूरों ने मांग की है कि एजेंटों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो और उनकी मेहनत की कमाई उन्हें वापस दिलाई जाए।

न्यूज़ देखो : मज़दूरों की आवाज़ को बुलंद करने का हमारा संकल्प

न्यूज़ देखो आपके क्षेत्र की उन सच्चाइयों को उजागर करता है, जिन्हें अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। दुमका के इन गरीब मजदूरों की आवाज़ को प्रशासन तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है ताकि कोई भी मेहनतकश इंसान अपने हक से वंचित न रहे।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

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