
#हुसैनाबाद #सामाजिक_कल्याण : एडिप व राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत जरूरतमंदों को सहायक उपकरण उपलब्ध कराने की दिशा में बड़ा कदम
- प्रखंड सभागार हुसैनाबाद में दिव्यांगों व वरिष्ठजनों के लिए निःशुल्क जांच शिविर आयोजित।
- सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार की एडिप योजना व राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत आयोजन।
- 200 से अधिक दिव्यांगों और बुजुर्गों की स्क्रीनिंग कर जरूरतों का मूल्यांकन।
- एलिम्को रांची की विशेषज्ञ टीम द्वारा दिव्यांगता का परीक्षण।
- पात्र लाभार्थियों को ट्राइसाइकिल, व्हीलचेयर, श्रवण यंत्र, स्मार्टफोन, बैसाखी, ब्रेल किट सहित अन्य उपकरण दिए जाएंगे।
- शिविर का उद्देश्य दिव्यांगों व बुजुर्गों को आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन प्रदान करना।
हुसैनाबाद प्रखंड सभागार में दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयोजित निःशुल्क जांच शिविर ने सामाजिक सरोकार और मानवीय संवेदनाओं का एक सशक्त उदाहरण प्रस्तुत किया। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार की एडिप (ADIP) योजना एवं राष्ट्रीय वयोश्री योजना के अंतर्गत आयोजित इस शिविर में 200 से अधिक दिव्यांगजनों और बुजुर्गों की स्वास्थ्य एवं विकलांगता संबंधी जांच की गई। शिविर का आयोजन बीडीओ सह सीडीपीओ सुनील कुमार वर्मा के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
विशेषज्ञ टीम ने किया लाभार्थियों का मूल्यांकन
शिविर में भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को), रांची की तीन सदस्यीय विशेषज्ञ टीम — जाहिद अंसारी, गौरव कुमार और अंकित बाजपेई — ने दिव्यांगों एवं वरिष्ठजनों की जांच कर उनकी वास्तविक आवश्यकताओं का आकलन किया। टीम ने प्रत्येक लाभार्थी की शारीरिक स्थिति, चलने-फिरने, सुनने और देखने की क्षमता का बारीकी से परीक्षण किया।
एलिम्को टीम ने बताया कि जांच के बाद नियमों एवं पात्रता के अनुसार चयनित लाभार्थियों को निःशुल्क सहायक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे वे दैनिक जीवन में आत्मनिर्भर बन सकें और उनकी कार्यक्षमता में सुधार हो सके।
दिव्यांगों और बुजुर्गों को मिलेंगे आधुनिक सहायक उपकरण
शिविर के माध्यम से पात्र दिव्यांगजनों को कई प्रकार के आधुनिक और उपयोगी उपकरण प्रदान किए जाने का प्रावधान है। इनमें शामिल हैं—
- मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल
- हस्तचालित ट्राइसाइकिल
- व्हीलचेयर
- बैसाखी/छड़ी
- श्रवण यंत्र
- स्मार्टफोन
- दृष्टिबाधितों के लिए सफेद छड़ी और ब्रेल किट
वहीं, वरिष्ठ नागरिकों को उनकी जरूरत के अनुसार—
- व्हीलचेयर
- बैसाखी या छड़ी
- श्रवण यंत्र
- घुटना एवं कमर बेल्ट
- कमोड चेयर
जैसे उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। इन उपकरणों का उद्देश्य बुजुर्गों और दिव्यांगजनों को शारीरिक असुविधाओं से राहत दिलाकर उन्हें गरिमामय जीवन जीने में सहायता प्रदान करना है।
प्रशासन और समाज की संयुक्त पहल
शिविर के आयोजन में प्रशासन के साथ-साथ सामाजिक संगठनों और स्थानीय प्रतिनिधियों की भी अहम भूमिका रही। कार्यक्रम के दौरान दिव्यांग संघ के प्रतिनिधि उमेश कुमार मेहता, पिंटू सिंह एवं अकील अजहर ख़ाँ की सक्रिय सहभागिता रही। इसके अलावा बाल विकास परियोजना से जुड़ी महिला पर्यवेक्षिकाएँ — सीमा झा, प्रेमलता कुजूर, किरण कुमारी और कान्ति देवी — भी शिविर में मौजूद रहीं और लाभार्थियों को सहयोग प्रदान किया।
बीडीओ सह सीडीपीओ सुनील कुमार वर्मा ने कहा कि सरकार की मंशा है कि दिव्यांगों और बुजुर्गों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जाए और उनकी जरूरतों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि इस तरह के शिविरों से न केवल जरूरतमंदों की पहचान होती है, बल्कि उन्हें योजनाओं का वास्तविक लाभ भी मिल पाता है।
जरूरतमंदों के चेहरे पर दिखी राहत और उम्मीद
शिविर में पहुंचे दिव्यांगों और वरिष्ठजनों के चेहरे पर जांच के बाद संतोष और उम्मीद साफ झलक रही थी। कई बुजुर्गों ने बताया कि चलने-फिरने में दिक्कत और सुनने की समस्या के कारण वे लंबे समय से परेशान थे, लेकिन अब सहायक उपकरण मिलने से उन्हें राहत मिलने की उम्मीद है। दिव्यांग लाभार्थियों ने भी इस पहल को उनके जीवन को आसान बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।
न्यूज़ देखो: सामाजिक न्याय की दिशा में सराहनीय प्रयास
हुसैनाबाद में आयोजित यह निःशुल्क जांच शिविर न केवल सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि प्रशासन और समाज मिलकर किस तरह जरूरतमंदों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह पहल निश्चित रूप से मील का पत्थर साबित होगी।
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समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाना हम सबकी जिम्मेदारी
यदि आपके आसपास कोई दिव्यांग या बुजुर्ग सरकारी योजनाओं से वंचित है, तो उसे जानकारी दें और ऐसे शिविरों तक पहुंचने में मदद करें।
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