
#सिमडेगा #आत्मरक्षा_प्रशिक्षण : छात्रों की सुरक्षा, आत्मविश्वास और व्यक्तित्व विकास हेतु विद्यालय में कराटे प्रशिक्षण का आयोजन
- सेंट मेरिज इंग्लिश मीडियम स्कूल, सिमडेगा में कराटे का निःशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न।
- विभिन्न कक्षाओं के छात्रों ने आत्मरक्षा तकनीक, संतुलन, फिटनेस और मानसिक एकाग्रता का प्रशिक्षण लिया।
- प्रशिक्षक द्वारा छात्रों को मूलभूत कराटे मुद्राएं, त्वरित प्रतिक्रिया की कला और सुरक्षा के उपाय सिखाए गए।
- विद्यालय प्रबंधन ने कहा—कराटे से बढ़ता है अनुशासन, आत्मसंयम, और व्यक्तित्व विकास।
- प्रशिक्षण से बच्चों में आत्मविश्वास, निर्णय क्षमता, व सुरक्षा जागरूकता में वृद्धि देखी गई।
- फादर राकेश ने बताया—स्कूल के कई विद्यार्थी सीमित संसाधनों में NEET जैसी परीक्षाओं में सफल।
सिमडेगा। सेंट मेरिज इंग्लिश मीडियम स्कूल में बच्चों की सुरक्षा, मानसिक मजबूती और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कराटे का निःशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विद्यालय की विभिन्न कक्षाओं के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रशिक्षक ने विद्यालय परिसर में बच्चों को आत्मरक्षा की बुनियादी तकनीकें, शरीर के संतुलन की विधियां, एकाग्रता बढ़ाने की कला और शारीरिक फिटनेस को मजबूत करने वाले अनेक अभ्यास कराए।
यह प्रशिक्षण बच्चों को न केवल आपातकालीन परिस्थितियों में स्वयं की सुरक्षा करने की क्षमता प्रदान करता है, बल्कि उनके भीतर आत्मविश्वास, अनुशासन और मानसिक दृढ़ता भी विकसित करता है। कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने कराटे की कई मूलभूत क्रियाओं, पंचिंग तकनीक, रक्षात्मक मुद्राओं और तालमेल बढ़ाने वाले अभ्यासों का प्रदर्शन किया। प्रशिक्षक के अनुसार प्रशिक्षण के पहले ही दिन बच्चों में स्पष्ट रूप से आत्मविश्वास और जागरूकता में वृद्धि देखी गई।
कराटे से बढ़ेगा आत्मविश्वास और अनुशासन
विद्यालय प्रबंधन ने बताया कि आज के समय में आत्मरक्षा जैसी कौशल-आधारित प्रशिक्षण की आवश्यकता पहले से अधिक है, खासकर छात्राओं के लिए। कराटे जैसे कार्यक्रम जहां बच्चों को आत्मसंयम और जिम्मेदारी का भाव सिखाते हैं, वहीं वे उनके व्यक्तित्व में शारीरिक व मानसिक मजबूती भी जोड़ते हैं। प्रबंधन ने कहा कि यह प्रशिक्षण सिर्फ लड़ाई सीखने का माध्यम नहीं, बल्कि बच्चों को सुरक्षित, सजग और शारीरिक रूप से सक्रिय बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
उज्ज्वल भविष्य की राह तैयार करता कौशल
कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि कराटे में पारंगत छात्र आगे चलकर राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी बनने, विभिन्न मार्शल आर्ट प्रतियोगिताओं में भाग लेने और भविष्य में कोच बनने तक का अवसर प्राप्त कर सकते हैं। बच्चों को यह समझाया गया कि आत्मरक्षा का ज्ञान न केवल उन्हें व्यक्तिगत सुरक्षा में सक्षम बनाता है, बल्कि परिवार और समाज की सुरक्षा में भी अहम भूमिका निभाता है।
विद्यालय के फादर राकेश ने कहा कि स्कूल के कई बच्चे बिना अतिरिक्त साधनों या कोचिंग के केवल अपनी मेहनत और स्कूल की शिक्षा के बल पर बड़ी उपलब्धियाँ हासिल कर रहे हैं। उन्होंने गर्व के साथ बताया कि सीमित साधनों वाले परिवारों के कई बच्चे कड़ी मेहनत से NEET जैसी कठिन परीक्षाओं में सफल होकर जिले व स्कूल का नाम रोशन कर चुके हैं।
आगे भी जारी रहेंगे कौशल-विकास कार्यक्रम
विद्यालय प्रबंधन ने आश्वस्त किया कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए ऐसे प्रशिक्षण, गतिविधियां और व्यक्तित्व-विकास से जुड़े कार्यक्रम भविष्य में भी नियमित तौर पर आयोजित होते रहेंगे। उद्देश्य यह है कि हर बच्चा न केवल शिक्षा में बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़कर सफलता हासिल कर सके।

न्यूज़ देखो: बच्चों की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता पर केंद्रित महत्वपूर्ण पहल
इस प्रकार के प्रशिक्षण ग्रामीण व शहरी क्षेत्र दोनों में बच्चों की सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कराटे प्रशिक्षण बच्चों में मानसिक मजबूती और आत्मसम्मान बढ़ाता है, जिससे वे भविष्य की चुनौतियों का सामना बेहतर तरीके से कर पाते हैं। ऐसे कार्यक्रमों से विद्यालयों में सुरक्षा संस्कृति मजबूत होती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
बच्चों को बनाएं सुरक्षित, आत्मनिर्भर—आप भी बढ़ाएं जागरूकता
आत्मरक्षा बच्चों का मूल अधिकार है—उन्हें यह ज्ञान अवश्य मिलना चाहिए।
स्कूलों में ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम बढ़ें तो समाज अधिक सुरक्षित होगा।
अपने क्षेत्र के स्कूलों में भी कराटे-अवेयरनेस कार्यक्रम शुरू करने के लिए प्रेरित करें।
कमेंट कर बताएं—क्या आपके स्कूल/गांव में भी ऐसा कार्यक्रम होना चाहिए?
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