
#सिमडेगा #सशक्तिकरण : केरसई प्रखंड में महिलाओं और बच्चों के लिए निःशुल्क सेल्फ-डिफेंस प्रशिक्षण की अनूठी सामाजिक पहल
- कार्यक्रम का नेतृत्व पुलिस कराटे कोच मनीष कुमार मिश्रा और सीनियर कराटे कोच व नेशनल रेफरी राम नायक करेंगे।
- संपूर्ण प्रशिक्षण की निगरानी मुख्य प्रशिक्षक नरेश बेशरा के मार्गदर्शन में होगी।
- महिलाओं को शुरुआती से उन्नत स्तर तक आत्मरक्षा तकनीकें सिखाई जाएंगी।
- बच्चों को अनुशासन, जागरूकता, आत्मविश्वास और सुरक्षा की कला की ट्रेनिंग दी जाएगी।
- प्रशिक्षण पूरी तरह निःशुल्क, छुट्टियों में स्पेशल एडवांस क्लास भी आयोजित होंगी।
सिमडेगा जिला के केरसई प्रखंड में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा व आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक निःशुल्क आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है। यह पहल समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक मजबूत कदम के रूप में देखी जा रही है। कार्यक्रम का संचालन पुलिस कराटे कोच मनीष कुमार मिश्रा, सीनियर कराटे कोच और नेशनल रेफरी राम नायक द्वारा किया जाएगा, जबकि संपूर्ण प्रशिक्षण की देखरेख मुख्य प्रशिक्षक नरेश बेशरा के मार्गदर्शन में होगी। स्थानीय लोगों में इस पहल को लेकर खास उत्साह और सराहना देखने को मिल रही है।
पुलिस कराटे कोच मनीष मिश्रा की सामाजिक पहल
कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे पुलिस कराटे कोच मनीष कुमार मिश्रा ने इस प्रशिक्षण को सामाजिक जिम्मेदारी बताते हुए कहा कि समाज तभी सुरक्षित हो सकता है जब महिलाएँ और बच्चे स्वयं को बचाने की क्षमता विकसित करें।
“समाज तभी सुरक्षित होगा जब हमारी बहनें, बेटियाँ और बच्चे खुद को सुरक्षित रखने की क्षमता विकसित करें,”
कोच मनीष मिश्रा ने कहा।
उन्होंने बताया कि यह पहल किसी आयोजन तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि एक सतत प्रक्रिया के रूप में युवाओं और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़ेगी।
प्रशिक्षण का संचालन अनुभवी टीम के साथ
इस कार्यक्रम में राम नायक, जो सीनियर कराटे कोच और नेशनल रेफरी हैं, विशेष तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। वहीं मुख्य प्रशिक्षक नरेश बेशरा पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेंगे ताकि प्रतिभागियों को गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित प्रशिक्षण मिल सके।
प्रशिक्षण की विशेषताएँ
महिलाओं के लिए
- शुरुआती से लेकर एडवांस स्तर तक की आत्मरक्षा तकनीकें सिखाई जाएंगी।
- प्रशिक्षण के माध्यम से महिलाओं में आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना विकसित होगी।
- शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत बनाने पर विशेष ध्यान।
बच्चों के लिए
- अनुशासन, सम्मान, सतर्कता और आत्मविश्वास बढ़ाने पर फोकस।
- बच्चों को विभिन्न परिस्थितियों में खुद की सुरक्षा करना सिखाया जाएगा।
अतिरिक्त सुविधाएँ
- छुट्टियों के दौरान स्पेशल एडवांस क्लास का आयोजन।
- संपूर्ण कार्यक्रम पूरी तरह निःशुल्क, जिससे हर परिवार के बच्चे और महिलाएँ जुड़ सकें।
पहल का सामाजिक उद्देश्य
यह पहल सिर्फ प्रशिक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि एक सुरक्षित, जागरूक और सशक्त समाज बनाने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। कार्यक्रम का मुख्य संदेश है—
“एक सशक्त महिला और एक आत्मविश्वासी बच्चा ही सुरक्षित समाज की नींव है।”
स्थानीय समुदाय का मानना है कि इस पहल के बाद महिलाओं और बच्चों में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और समाज में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा। इस कार्यक्रम को लेकर लोग बेहद उत्साहित हैं क्योंकि यह सुरक्षा, जागरूकता और आत्मबल के निर्माण की दिशा में प्रभावी कदम है।

न्यूज़ देखो: सशक्त समाज की ओर एक मजबूत पहल
केरसई प्रखंड में शुरू किया जा रहा यह निःशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रशासन और समाज के सामूहिक प्रयासों की मिसाल है। यह पहल बताती है कि सुरक्षा सिर्फ कानून व्यवस्था का विषय नहीं, बल्कि समाज की सक्रिय भागीदारी का परिणाम भी है। महिलाओं और बच्चों को आत्मरक्षा सिखाकर उन्हें सशक्त बनाना भविष्य की पीढ़ियों को सुरक्षित करने का आधार बन सकता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
आत्मविश्वास बढ़ाएँ, सुरक्षा की ओर कदम बढ़ाएँ
आज की दुनिया में आत्मरक्षा सिर्फ एक कौशल नहीं, बल्कि आवश्यकता बन गई है। यह पहल हमें याद दिलाती है कि हर महिला और बच्चा अपनी सुरक्षा का हकदार है और समाज का दायित्व है कि उन्हें सक्षम बनाए।
आप भी अपने इलाके में ऐसी सकारात्मक पहलों को प्रोत्साहित करें, चर्चा करें और जागरूकता फैलाएँ।
अपनी राय कमेंट में साझा करें और इस खबर को महिलाओं और बच्चों तक पहुँचाकर सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम बढ़ाएँ।





