#हुसैनाबाद #गोवर्धनपूजा : बाबा वीरनाथ धाम परिसर में यदुवंशी परिवार ने गाजे-बाजे संग की गाय डाढ़ पूजा – पुजारी लालू प्रसाद यादव ने दिया गौसेवा का संदेश
- वंशी वीघा गांव में गोवर्धन पूजा श्रद्धा और उत्साह के साथ संपन्न हुई।
- आयोजन स्थल बाबा वीरनाथ धाम परिसर रहा, जहां सैकड़ों लोग पहुंचे।
- मुख्य पुजारी लालू प्रसाद यादव ने कहा गौसेवा के बिना जीवन अधूरा है।
- भगवान श्रीकृष्ण के अन्नकूट महोत्सव और छप्पन भोग का आयोजन किया गया।
- आसपास के गांवों से श्रद्धालु शामिल हुए, पवित्र पर्व पर हुआ हरा चारा वितरण।
हुसैनाबाद, पलामू। नगर पंचायत क्षेत्र के जपला–पथरा मुख्य मार्ग स्थित वंशी वीघा गांव में सोमवार को श्रद्धा और उल्लास के साथ गाय डाढ़ (गोवर्धन) पूजा का आयोजन किया गया। यह पर्व स्थानीय बाबा वीरनाथ धाम परिसर में यदुवंशी परिवार की अगुवाई में मनाया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए। गांव के चारों ओर से आए लोगों ने गाजे-बाजे और पूजा-अर्चना के बीच इस पारंपरिक पर्व को सामूहिक रूप से मनाया।
पारंपरिक आस्था और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक
कार्यक्रम का नेतृत्व मुख्य पुजारी लालू प्रसाद यादव ने किया। उन्होंने पूजा-अर्चना के दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि गाय डाढ़ पर्व केवल पूजा का आयोजन नहीं बल्कि गौवंश की सेवा और संरक्षण का संकल्प है। उन्होंने कहा कि आज के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी और यह संदेश दिया था कि गौमाता की रक्षा से ही समाज और जीवन का कल्याण संभव है।
लालू प्रसाद यादव ने कहा: “गौमाता की सेवा के बिना हमारा कल्याण नहीं हो सकता। गोवर्धन पूजा हमें यह सिखाती है कि ईश्वर और प्रकृति की रक्षा में ही मानवता का भविष्य सुरक्षित है।”
उन्होंने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने देवर्षि इंद्र के विरोध के बावजूद गौमाताओं और ग्रामीणों की रक्षा की थी, जिससे इस पर्व का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन गौमाताओं को हरा चारा खिलाया जाता है और छप्पन भोग के साथ अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया जाता है ताकि प्रकृति और पशुधन के प्रति कृतज्ञता प्रकट की जा सके।
सैकड़ों श्रद्धालु बने साक्षी, ग्रामीणों में दिखा उत्साह
पूरे क्षेत्र में गोवर्धन पूजा को लेकर श्रद्धा और उमंग का माहौल रहा। वंशी वीघा, लंगर, कोट, भैरौपुर, मझिआंव, फातमा चक, कुशुम्हरा और भगवान वीघा सहित आसपास के कई गांवों से ग्रामीण कार्यक्रम में शामिल हुए। बाबा वीरनाथ धाम परिसर में पूरे दिन पूजा, भजन और प्रसाद वितरण का सिलसिला चलता रहा। श्रद्धालुओं ने गौमाताओं को हरा चारा खिलाया और सामूहिक आरती में भाग लिया।
इस अवसर पर घुरा प्रसाद यादव, मोहन प्रसाद यादव, मिथिलेश कुमार यादव, मुन्ना कुमार, देव प्रसाद यादव, विरेन्द्र कुमार यादव, अशोक कुमार, कृष्ण कुमार यादव, रोहित कुमार, अरुण कुमार, रामवृक्ष सिंह, वीगन सिंह, संतोष कुमार सिंह, विनोद कुमार सिंह, विनय कुमार सिंह, और अनिल कुमार सिंह समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। कार्यक्रम में स्थानीय युवाओं ने भी सेवा कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
विरासत के संरक्षण की दिशा में एक सुंदर पहल
पुजारी लालू प्रसाद यादव ने कहा कि गाय डाढ़ पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण का भी माध्यम है। उन्होंने बताया कि आज के समय में गौसेवा और पर्यावरण संतुलन दोनों का आपस में गहरा संबंध है। समाज में हर व्यक्ति को अपने स्तर पर गायों की सेवा और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियों को एक स्वस्थ परंपरा मिल सके।
उन्होंने कहा: “हम सबका दायित्व है कि गोवर्धन पूजा को केवल धार्मिक आयोजन न मानकर, इसे सामाजिक एकता और संरक्षण का पर्व बनाएं।”
कार्यक्रम के अंत में अन्नकूट भोग का वितरण किया गया और श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे को पर्व की शुभकामनाएं दीं। पूरे आयोजन में अनुशासन और सौहार्द का वातावरण देखने को मिला।
न्यूज़ देखो: परंपरा से प्रेरणा, संस्कृति से सशक्त समाज
वंशी वीघा का यह आयोजन बताता है कि जब समाज अपनी जड़ों और संस्कृति से जुड़ा रहता है, तो एकता और नैतिक शक्ति अपने आप प्रकट होती है। गोवर्धन पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि प्रकृति, पशुधन और मानवीय कृतज्ञता का संगम है। ऐसे आयोजन समाज को जोड़ते हैं और सामूहिक चेतना को मजबूत करते हैं।
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आस्था से सेवा तक समाज की जिम्मेदारी
अब समय है कि हम सब अपनी परंपराओं को केवल मनाने तक सीमित न रखें, बल्कि उनके संदेश को जीवन में उतारें। गौसेवा, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक एकता को अपनाना ही सच्ची श्रद्धा है।
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