
हाइलाइट्स :
- झारखंड पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रमोद कुमार सिंह उर्फ पीके सिंह ने फिर दिखाई अपनी ताकत
- धनबाद के बैंक मोड़ में 2022 में मुथूट फाइनेंस डकैती मामले में अपराधियों को मार गिराया था
- आज सुबह पलामू में कुख्यात गैंगस्टर अमन साव का एनकाउंटर भी पीके सिंह ने किया
- अपराधियों के लिए खौफ का दूसरा नाम बन चुके पीके सिंह, कई बड़े अपराधियों का कर चुके हैं सफाया
- विवादों से भी जुड़ा रहा पीके सिंह का नाम, कई बार कार्रवाई का भी सामना करना पड़ा
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पीके सिंह का खौफ
झारखंड पुलिस में ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ के रूप में पहचाने जाने वाले प्रमोद कुमार सिंह उर्फ पीके सिंह ने एक बार फिर से अपनी ताकत का प्रदर्शन किया।
“मैं जहां रहूंगा, अपराधी मेरे नाम से थर-थर कांपेंगे…”
यह कथन पीके सिंह का है, जिन्होंने 2006 में अपनी पहली पोस्टिंग के दौरान यह घोषणा की थी।
आज सुबह पलामू में झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साव का एनकाउंटर भी पीके सिंह के नेतृत्व में हुआ। वर्तमान में वे एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड) में डीएसपी के पद पर तैनात हैं।
बैंक मोड़ डकैती में भी दिखाया था दम
वर्ष 2022 में धनबाद के बैंक मोड़ में अपराधियों ने मुथूट फाइनेंस में डकैती की कोशिश की थी।
तब तत्कालीन थाना प्रभारी पीके सिंह ने अकेले अपने दम पर अपराधियों को मार गिराया था।
अपराधियों के लिए ‘काल’, मगर विवादों से भी नाता
पीके सिंह ने कई बड़े अपराधियों को अपने बंदूक से मुक्ति दी है, लेकिन उनका नाम विवादों से भी जुड़ा रहा है।
- ईस्ट बसुरिया (धनबाद) हत्याकांड: प्रदर्शन कर रहे पीड़ित परिवारों पर लाठीचार्ज करवाने के कारण विवाद में आए थे।
- मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक पहुंचा, जिन्होंने एसएसपी को कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
- अप्रैल 2021 में झरिया माइनिंग विवाद के चलते उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया था।
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एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पीके सिंह की दबंगई और विवादों से जुड़ी यह कहानी झारखंड पुलिस में उनकी अलग पहचान दर्शाती है। इस मामले से जुड़ी आगे की अपडेट्स के लिए ‘न्यूज़ देखो’ के साथ बने रहें।