गैंगस्टर विकास तिवारी का गुर्गा अनिल यादव गिरफ्तार, व्यापारियों से वसूलता था रंगदारी

मुख्य बिंदु:

विकास तिवारी गिरोह के इशारे पर रंगदारी वसूली

झारखंड समेत कई राज्यों में गैंगस्टर विकास तिवारी का आपराधिक नेटवर्क तेजी से फैल रहा था। वह अपने गुर्गों के जरिए व्यापारियों और ठेकेदारों से रंगदारी वसूलता था। इसी गिरोह के एक अहम सदस्य अनिल यादव को लातेहार और रामगढ़ पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार किया गया।

अनिल यादव, जो रामगढ़ के बंगाली टोला का रहने वाला है, लंबे समय से विकास तिवारी के लिए काम कर रहा था। वह व्यापारियों को धमकाकर जबरन रंगदारी मांगता था और पैसे लेने के लिए उन्हें रामगढ़ बुलाता था।

व्यापारियों को डराकर पैसे देने पर करता था मजबूर

अनिल यादव का काम केवल धमकाने तक सीमित नहीं था। जब कोई व्यापारी रंगदारी देने के लिए तैयार होता, तो वह उसे राष्ट्रीय राजमार्ग 33 पर एक निश्चित स्थान पर बुलाता था।

लातेहार के एक व्यापारी को जब पांडे गिरोह की ओर से धमकी मिली, तो उसने पुलिस की मदद ली। पुलिस ने जब गिरोह के सदस्यों को ट्रैक किया, तो अनिल यादव का नाम सामने आया।

पुलिस ने दबोचा, घर पर छापेमारी में मिले अहम सुराग

जैसे ही अनिल यादव ने रंगदारी लेने के लिए अपना लोकेशन भेजा, पुलिस टीम तुरंत रामगढ़ कोठार ओवर ब्रिज पहुंच गई। पुलिस को देखकर वह भागने लगा, लेकिन टीम ने उसे दौड़ाकर पकड़ लिया।

इसके बाद पुलिस ने अनिल यादव के बंगाली टोला स्थित घर पर भी छापेमारी की। वहां से कई अहम दस्तावेज और सबूत मिलने की संभावना जताई जा रही है।

पांडे गिरोह से भी था कनेक्शन

पूछताछ के दौरान अनिल यादव ने पांडे गिरोह से भी संबंध होने की बात कबूल कर ली। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि गैंगस्टर विकास तिवारी के गिरोह और पांडे गिरोह के बीच क्या संबंध थे।

पुलिस की टीम ने कैसे पकड़ा?

इस ऑपरेशन में रामगढ़ थाना प्रभारी कृष्ण कुमार, लातेहार सदर थाना प्रभारी दुलारी चौड़े और उनकी टीम शामिल थी। पुलिस अब अनिल यादव से पूछताछ कर विकास तिवारी के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने में लगी है।

‘न्यूज़ देखो’ की अपील

झारखंड में अपराध पर नकेल कसने के लिए पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। जनता को चाहिए कि ऐसे मामलों की तुरंत पुलिस को सूचना दें, ताकि अपराधियों पर सख्त कार्रवाई हो सके। ताजा अपडेट्स के लिए ‘न्यूज़ देखो’ से जुड़े रहें।

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