#लातेहार #ग्रामीणसहयोग : सरकारी उदासीनता के बाद गम्हरिया के ग्रामीणों ने श्रमदान और चंदा कर आधा किलोमीटर सड़क का निर्माण कर गांव की आवाजाही सुगम बनाई
- बरवाडीह प्रखंड के छिपादोहर पंचायत गम्हरिया के ग्रामीणों ने सरकारी उदासीनता के बावजूद आधा किलोमीटर सड़क का निर्माण किया।
- ग्रामीणों ने श्रमदान और चंदा करके सड़क का निर्माण कर अपने पैदल आवागमन को सुगम बनाया।
- अत्यधिक वर्षा के कारण सड़क की मिट्टी बह गई थी और नोकिले पत्थरों से आवागमन मुश्किल हो गया था।
- स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से कई बार सड़क मरम्मत की गुहार लगाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
- सड़क निर्माण में शामिल प्रमुख ग्रामीण: राजेंद्र राम, मुकेश प्रसाद, टोटो भुइयां, अरविंद भुइयां, राहुल प्रसाद, बिहारी यादव, बिनोद सिंह, प्रदीप कुमार और मुकेश राम।
बरवाडीह प्रखंड के गम्हरिया टोला के ग्रामीणों ने सरकारी उदासीनता के बावजूद अपनी पहल से अपने गांव में सड़क का निर्माण कर दिखाया। वर्षा के कारण बह गई सड़क की वजह से आवागमन मुश्किल हो गया था, लेकिन स्थानीय लोगों ने श्रमदान और चंदा करके खुद ही समस्या का समाधान कर लिया।
सरकारी उदासीनता और ग्रामीणों की पहल
गम्हरिया के ग्रामीणों ने बताया कि भारी वर्षा के बाद सड़क पूरी तरह बह गई थी और नोकिले पत्थरों के कारण पैदल चलना भी कठिन हो गया था। उन्होंने कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से सड़क मरम्मत कराने की गुहार लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
ग्रामीण राजेंद्र राम ने कहा: “सड़क बह जाने के कारण पैदल चलना दुभर हो गया था। अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई लेकिन किसी ने नहीं सुना। अंत में हमने ही अपने हाथों से सड़क बनाने का निर्णय लिया।”
श्रमदान और चंदा से बनायी सड़क
ग्रामीणों ने अपनी मेहनत और सहयोग से लगभग आधा किलोमीटर सड़क का निर्माण किया। उन्होंने बताया कि सभी ने मिलकर श्रमदान किया और सामूहिक चंदा करके निर्माण सामग्री जुटाई। इस कदम से ग्रामीणों ने यह संदेश दिया कि अपनी समस्याओं के समाधान के लिए उन्हें केवल सरकारी इंतजार नहीं करना चाहिए।
मुकेश प्रसाद ने बताया: “सड़क बन जाने से अब पैदल आवागमन आसान हो गया है। हम चाहते थे कि अधिकारी मदद करें, लेकिन जब उन्होंने नहीं सुना तो हम सबने मिलकर काम किया।”
सामूहिकता और स्थानीय सहभागिता की ताकत
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि ग्रामीण समुदाय की सामूहिक शक्ति और सहयोग किसी भी चुनौती को पार कर सकता है। स्थानीय लोगों ने न केवल अपनी समस्या का समाधान किया बल्कि यह भी दिखाया कि सामूहिक प्रयासों से जीवन की कठिनाइयों को कम किया जा सकता है।
न्यूज़ देखो: ग्रामीणों की पहल सरकारी उदासीनता पर प्रभाव
बरवाडीह के गम्हरिया में ग्रामीणों ने अपने श्रम और संसाधनों से सड़क निर्माण करके प्रशासन की उदासीनता के बावजूद समस्या का समाधान किया। यह कहानी ग्रामीण समाज की आत्मनिर्भरता, सहयोग और सामूहिक कार्य की ताकत को उजागर करती है।
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सक्रियता और सहयोग से बदलाव लाएँ
यह घटना हमें सिखाती है कि जब समुदाय मिलकर प्रयास करता है तो बड़ी चुनौतियों को भी हल किया जा सकता है। आप भी अपने क्षेत्र में सकारात्मक पहल करें, अपनी राय साझा करें और इस कहानी को दूसरों तक पहुँचाएँ ताकि जागरूकता और सहयोग बढ़े।