
हाइलाइट्स :
- 108 एंबुलेंस सेवा का संचालन सम्मान फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है।
- मेंटेनेंस, वैकल्पिक वाहन और भ्रष्ट अधिकारियों की बहाली पर कर्मचारियों ने जताई आपत्ति।
- संघ ने वेतन व सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी अस्पष्टता पर सवाल उठाए।
- समाधान नहीं होने पर 20 मार्च को विरोध प्रदर्शन की चेतावनी।
108 एंबुलेंस सेवा में गड़बड़ियां, कर्मचारियों ने उठाई आवाज
झारखंड में 108 एंबुलेंस सेवा का संचालन 4 फरवरी 2025 से सम्मान फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है, लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि सेवा से जुड़ी कई महत्वपूर्ण समस्याओं की अनदेखी की जा रही है। झारखंड प्रदेश एंबुलेंस कर्मचारी संघ ने इन गड़बड़ियों पर नाराजगी जताते हुए संस्था से जवाब मांगा है।
मुख्य आरोप और समस्याएं
1. मेंटेनेंस का अभाव
अब तक किसी मेंटेनेंस अधिकारी की नियुक्ति नहीं की गई है, जिससे एंबुलेंस खराब होने पर ईएमटी और पायलट को भारी परेशानी हो रही है।
2. वैकल्पिक वाहन की कमी
संस्था ने वादा किया था कि अगर कोई एंबुलेंस ऑफ-रोड होती है, तो वैकल्पिक वाहन उपलब्ध कराया जाएगा, लेकिन अब तक ऐसा नहीं किया गया है।
3. भ्रष्ट अधिकारियों की पुनर्नियुक्ति
संघ का आरोप है कि पूर्व में भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे कुछ अधिकारियों को हटाने का वादा किया गया था, लेकिन उन्हें दोबारा सेवा में शामिल कर लिया गया।
4. वेतन और लाभों को लेकर असमंजस
संघ ने कहा कि संस्था ने न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा (पीएफ, ईएसआईसी, बीमा) देने की बात कही थी, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं किया कि कर्मचारियों को किस श्रेणी में रखा जाएगा और उनका वेतन कितना होगा।
भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर आरोप
संघ ने कुछ पूर्व अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- एंबुलेंस का दुरुपयोग
- ईएमटी और पायलट से रिश्वत लेना
- मरीजों से मुफ्त सेवा के बावजूद ईंधन भरवाना
- कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार
संघ ने सीएल धर्मेंद्र कुमार, सीएल राजेश कुमार, ईएमई अजय सिंह, ईएमई सौरभ मिश्रा और ईएमई जुबेर आलम का नाम भ्रष्टाचार में शामिल बताया है।
संघ की चेतावनी – 20 मार्च को होगा विरोध प्रदर्शन
झारखंड प्रदेश एंबुलेंस कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीरज तिवारी ने चेतावनी दी है कि यदि इन समस्याओं का जल्द समाधान नहीं हुआ तो 20 मार्च 2025 को सम्मान फाउंडेशन कार्यालय, डोरंडा, रांची में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
संघ ने बताया कि उन्होंने ईमेल और पत्राचार के माध्यम से जवाब मांगा था, लेकिन अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
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