#कांडी #सड़कहादसा : पूजा करने जा रहे यात्रियों की गाड़ी पलटी — मासूम से लेकर बुजुर्ग तक घायल, मझिआंव रेफर
- कांडी मुख्य सड़क पर महुली गांव के पास हुआ हादसा।
- यात्रियों से भरी सवारी गाड़ी अनियंत्रित होकर पलटी।
- लगभग 18 से अधिक लोग घायल, कई की स्थिति गंभीर।
- घायलों में महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल।
- मझिआंव रेफरल अस्पताल भेजे गए सभी घायल।
पूजा के सफर में बदल गया हादसे में
सोमवार दोपहर करीब 1 बजे, कांडी थाना क्षेत्र के महुली गांव स्थित बजरंग बली मंदिर के समीप एक पीकअप सवारी गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई, जिससे डेढ़ दर्जन से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए। यह सभी श्रद्धालु पलामू जिले के हैदरनगर कुकही गांव से उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध अमिला धाम पूजा-अर्चना के लिए जा रहे थे।
महिलाओं और बच्चों को अधिक चोटें, कुछ की हालत गंभीर
घटना में घायल हुए लोगों में ललिता देवी (35 वर्ष), अयोध्या चौधरी (45 वर्ष), चंपा देवी (45 वर्ष), राजाराम मेहता (40 वर्ष), रीता देवी (35 वर्ष), निर्मला देवी (35 वर्ष), बबली कुमारी (18 वर्ष), राघवेंद्र कुमार (26 वर्ष), अंकित कुमार (03 वर्ष) सहित अन्य का नाम शामिल है।
बच्चों और बुजुर्गों को सबसे अधिक चोटें आईं, जिनमें कुछ की हालत चिंताजनक बताई जा रही है।
घटना के प्रत्यक्षदर्शी ने बताया: “गाड़ी मोड़ पर तेज रफ्तार में थी, ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया और वाहन पलट गया। कुछ लोग गाड़ी के नीचे दब भी गए थे।”
स्थानीय पुलिस और ग्रामीणों ने मिलकर निभाई मानवता
घटना की जानकारी मिलते ही कांडी पुलिस मौके पर पहुंची और स्थानीय लोगों की मदद से सभी घायलों को मझिआंव रेफरल अस्पताल भेजा गया।
एंबुलेंस के साथ-साथ निजी वाहनों की सहायता से घायल यात्रियों को फौरन अस्पताल पहुंचाया गया।
कांडी थाना प्रभारी ने कहा: “घटना की जांच की जा रही है। ड्राइवर की गलती सामने आ रही है। सभी घायलों का इलाज प्राथमिकता पर कराया जा रहा है।”
प्रशासन के लिए बड़ी चेतावनी
इस तरह की घटनाएं बताती हैं कि यात्रियों की सुरक्षा को लेकर अब भी लापरवाही जारी है। विशेषकर धार्मिक यात्राओं में ओवरलोडिंग, खराब सड़कें और अनियंत्रित ड्राइविंग जैसे कारण बार-बार सामने आ रहे हैं। यह हादसा भी लापरवाही की बड़ी कीमत चुकाने जैसा है।
न्यूज़ देखो: श्रद्धालुओं की आस्था पर भारी प्रशासनिक सुस्ती
धार्मिक यात्रा पर निकले आम लोग सहजता और सुरक्षा की अपेक्षा रखते हैं, लेकिन ऐसे हादसे दर्शाते हैं कि यातायात नियमों और सुरक्षा मानकों की अनदेखी हो रही है। प्रशासन को चाहिए कि पर्व-त्योहारों या धार्मिक अवसरों पर विशेष ट्रैफिक जांच और निगरानी रखे।
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आस्था की रक्षा, व्यवस्था की जवाबदेही
आस्था के रास्ते पर दुर्घटनाएं हम सभी को सोचने पर मजबूर करती हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सभी जिम्मेदार एजेंसियों को सतर्क और सक्रिय होना होगा।
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