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गढ़वा: अबुआ आवास योजना में घोटाले का पर्दाफाश, सचिव निलंबित, मुखिया की शक्ति होगी जब्त

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#गढ़वा #अबुआआवास #अनियमितता – हलिवंताकला पंचायत में लाभुक चयन में गड़बड़ी उजागर, जाँच में सामने आया सरकारी धन का दुरुपयोग

  • हलिवंताकला पंचायत में अयोग्य लाभुकों को अबुआ आवास का लाभ दिलाया गया
  • पंचायत सचिव नंद कुमार मेहता को निलंबित कर मुख्यालय केतार निर्धारित किया गया
  • ग्राम सभा से मंजूर हुए लाभुकों में अनियमितता की पुष्टि जांच दल ने की
  • मुखिया सविता देवी का स्पष्टीकरण असंतोषजनक, वित्तीय शक्ति जब्त की सिफारिश
  • 12 घरों के यादृच्छिक सत्यापन में पाया गया कि पूर्व लाभार्थियों को फिर से दिया गया आवास
  • उपायुक्त ने सात दिन में राशि की वसूली का निर्देश दिया और कार्रवाई की चेतावनी दी

अबुआ आवास योजना में साजिशन चयन, जांच में खुली परतें

नगर उँटारी प्रखंड के हलिवंताकला पंचायत में अबुआ आवास योजना के तहत वर्ष 2024-25 में किए गए लाभुकों के चयन में बड़ी अनियमितता सामने आई है। जिला स्तरीय जांच दल द्वारा की गई पड़ताल में खुलासा हुआ है कि पंचायत सचिव नंद कुमार मेहता द्वारा गलत प्रतिवेदन देकर ऐसे लाभुकों का चयन किया गया जो या तो पहले से योजना का लाभ प्राप्त कर चुके हैं या फिर पूर्णतः अयोग्य थे।

जिले के उपायुक्त शेखर जमुआर के निर्देश पर पूरे मामले की जांच की गई, जिसमें पाया गया कि 12 लाभुकों में से कई पहले ही आवास योजना के तहत सहायता प्राप्त कर चुके थे। इसके बावजूद उन्हें फिर से योजना का लाभ दिया गया और प्रथम किस्त की राशि भी जारी कर दी गई।

सचिव की निलंबन कार्रवाई और विभागीय जांच

इस गंभीर लापरवाही पर 26 मार्च को सचिव से स्पष्टीकरण मांगा गया, परंतु एक माह बीत जाने के बावजूद कोई उत्तर प्रस्तुत नहीं किया गया। इसे उच्चाधिकारियों के आदेश की अवहेलना मानते हुए पंचायत सचिव नंद कुमार मेहता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उनका मुख्यालय प्रखंड केतार में निर्धारित किया गया है।

“किसी भी स्थिति में सरकारी धन के दुरुपयोग को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभागीय जांच के साथ-साथ वित्तीय वसूली भी होगी।” — शेखर जमुआर, उपायुक्त

निलंबन अवधि में सचिव को केवल जीवन निर्वहन भत्ता ही मिलेगा और उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी सिफारिश की गई है।

मुखिया की भूमिका भी सवालों में, विभाग को भेजी गई सिफारिश

इस पूरे घोटाले में ग्राम पंचायत की मुखिया सविता देवी की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। ग्राम सभा से अयोग्य व्यक्तियों को योजना में मंजूरी दिलाई गई, जिसकी पुष्टि जांच रिपोर्ट में हुई है। उनसे भी स्पष्टीकरण मांगा गया था लेकिन उत्तर असंतोषजनक रहा।

इसी आधार पर उपायुक्त ने उनकी वित्तीय शक्ति जब्त करने की अनुशंसा पंचायती राज विभाग को भेज दी है।

जमीनी सच्चाई: भौतिक सत्यापन में धांधली का खुलासा

अबुआ आवास योजना के तहत चयनित 12 घरों का जब यादृच्छिक भौतिक सत्यापन कराया गया तो कई ऐसे नाम सामने आए जो पहले ही लाभ ले चुके थे। कुछ मामलों में लाभुक अयोग्य पाए गए, फिर भी उन्हें प्रथम किस्त की राशि जारी की गई थी। इससे स्पष्ट है कि पंचायत सचिव और मुखिया ने पूरी योजना को अपने प्रभाव से प्रभावित किया और शासन की मंशा के विपरीत कार्य किया।

सात दिन का अल्टीमेटम, राशि वसूली का आदेश

जिले के डीसी ने सख्त आदेश जारी करते हुए कहा है कि एक सप्ताह के भीतर अयोग्य लाभुकों को दी गई राशि की वसूली सुनिश्चित करें। साथ ही पंचायत सचिव से यह भी पूछा गया है कि क्यों न उनके विरुद्ध कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।

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